'गद्दीनशीं अब्दुल वाहिद दरगाह आने वालों को ‘पाक़’ करने के लिए उनकी मर्ज़ी से उन्हें पीटता था. शनिवार को उसने 20 ज़ायरीनों की जान ले ली'
‘द वायर’ के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई से नेपाल के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम और भारत-नेपाल संबंधों पर बातचीत की...
जन की बात की 21वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद को दोनों पक्षों के आपस में सुलझा लेने पर की गई सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी और हैपीनेस इंडेक्स में भारत की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं.
अगर उदारवादी सरकारें रोज़गार, सद्भाव और शान्ति के मोर्चे पर सफल रहतीं, तो दक्षिणपंथ को पैर पसारने का अवसर नहीं मिलता.
राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं के विवाह को क़ानूनी मान्यता देने वाले हिंदू मैरिज बिल को सहमति दे दी है. इस क़ानून का मकसद हिंदू विवाहों को क़ानूनी मान्यता देने के अलावा महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना है.
पूर्व क्रिकेटर इयान व ग्रेग चैपल सहित ऑस्ट्रेलिया की अनेक हस्तियों ने पर्यावरण का हवाला देकर अडाणी समूह से अपील की है कि वह क्वींसलैंड में अपनी कोयला खनन परियोजना को बंद कर दें.
अरुणाचल प्रदेश के तवांग पर चीन अपना दावा जताता रहा है और जम्मू-कश्मीर के अक्साई चिन पर भारत का दावा है. ऐसे में तवांग और अक्साई चिन की अदला-बदली को लेकर बीते दिनों एक पूर्व शीर्ष चीनी वार्ताकार की टिप्पणी काफ़ी कुछ कहती है.
घूसखोरी के मामले में भारत, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, जापान, म्यांमार, श्रीलंका और थाईलैंड जैसे देशों से आगे है.
जन की बात की 13वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ अमेरिका में नस्लीय हिंसा और मिड डे मील में आधार कार्ड की अनिवार्यता पर चर्चा कर रहे हैं.
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार महमूद अली दुर्रानी ने मुंबई हमले को सीमा पार आतंकवाद का अपनी तरह का क्लासिक उदाहरण बताया.
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने बीबीसी और इसके दक्षिण एशिया संवाददाता जस्टिन रॉलेट पर देश के किसी भी बाघ अभयारण्य में घुसने पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है.
‘जन की बात’ की 10वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ अमेरिका के कंसास में हुए नस्लीय हमले के दौरान एक भारतीय की मौत और एक पुलिस वाले पर शोभा डे के ट्वीट की चर्चा कर रहे हैं.
पाकिस्तान में सहवान शरीफ़ और अलग-अलग सूफ़ी दरगाहों पर हाल ही के सालों में हुए आतंकी हमले दिखाते हैं कि इस्लामी आतंकी लोगों में सूफ़ी इस्लाम की बढ़ती लोकप्रियता से डरा हुआ महसूस कर रहे हैं.
सीएनएन, बीबीसी, न्यूयॉर्क टाइम्स और द डेली मेल समेत उन मीडिया संस्थानों को प्रेस कांफ्रेंस से बाहर रखा गया जो अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रति आलोचनात्मक रवैया रखते हैं.
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बन जाएगा कानून, अल्पसंख्यक हिंदू महिलाओं को मिलेगा बड़ा अधिकार.