असम: डॉक्टर की पीट-पीटकर हत्या मामले में 21 गिरफ़्तार

यह मामला असम के जोरहाट का है. चाय बागान के अस्थायी कर्मचारी की इलाज के दौरान मौत के बाद 250-300 लोगों की भीड़ ने अस्पताल का घेराव कर डॉक्टर पर हमला कर दिया, जिसमें डॉक्टर की मौत हो गई. आईएमए और असम के डॉक्टरों ने 3 सितंबर को राज्यभर में 24 घंटे की हड़ताल की घोषणा की है.

असम: ‘दोषपूर्ण’ एनआरसी से मूल याचिकाकर्ता नाराज़, उठाए सॉफ्टवेयर पर सवाल

सुप्रीम कोर्ट में एनआरसी अपडेट को लेकर मूल याचिका दायर करने वाले असम पब्लिक वर्क्स के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने कहा कि इस एनआरसी से तय हो गया है कि असम में अवैध प्रवासियों का मुद्दे कभी हल नहीं होगा. इतने खर्च के बावजूद प्रशासन त्रुटिहीन एनआरसी नहीं निकाल सका, असम के लोग आज ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

एनआरसी से असम का हर वर्ग नाराज़, वास्तविक नागरिकों के अधिकारों की रक्षा हो: कांग्रेस

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने भाजपा नेताओं के एनआरसी सवाल उठाने पर कहा कि अगर भाजपा दुखी है, तो यह किसकी ज़िम्मेदारी है? यह सूची राज्य की भाजपा सरकार द्वारा ही तैयार करवाई गई है.

एनआरसी पर भाजपा ने उठाया सवाल, कहा- एनआरसी अपडेट पर भरोसा नहीं

असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने शनिवार को जारी हुई एनआरसी पर सवाल उठाते हुए कहा कि 1971 से पहले आए कई लोगों के नाम इसमें नहीं जुड़े हैं. सुप्रीम कोर्ट को सीमावर्ती जिलों में कम से कम 20 प्रतिशत और शेष असम में 10 प्रतिशत रीवेरिफिकेशन की अनुमति देनी चाहिए.

असम: एनआरसी की अंतिम सूची से नाराज़ ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन जाएगा सुप्रीम कोर्ट

ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन का कहना है कि एनआरसी अपूर्ण है. अपडेट प्रक्रिया में कुछ खामियां हैं, जिन्हें दूर करने के लिए शीर्ष न्यायालय से अपील करेंगे. एनआरसी अपडेट को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचने वाले असम पब्लिक वर्क्स एनआरसी से निकाले गए नामों को लेकर नाखुशी जाहिर की है.

क्या है असम में एनआरसी की कहानी

असम में एनआरसी का प्रकाशन बीते कुछ समय से राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है. एक बड़ा तबका इसके लिए राज्य की भाजपा सरकार को ज़िम्मेदार मानता है, लेकिन यह सच नहीं है.

जानिए क्या है एनआरसी और उसके पीछे की कहानी

वीडियो: असम में चल रही एनआरसी के कारण भले ही इसकी चर्चा अब पूरे देश में हो रही है, लेकिन इसकी जड़ें बेहद पुरानी हैं. एनआरसी से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में बता रही हैं मीनाक्षी तिवारी.

असम: एनआरसी को लेकर भाजपा के सुर क्यों बदल गए हैं?

विशेष रिपोर्ट: एनआरसी का पहला मसौदा जारी होने के बाद से अमित शाह समेत कई भाजपा नेता 'घुसपैठियों' को निकालने के लिए पूरे देश में एनआरसी लाने की पैरवी कर रहे थे. अब असम में एनआरसी के प्रकाशन से पहले भाजपा ने इसके ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है.

राज्य के 24 पहाड़ों को पर्वतारोहियों के लिए खोलने की अधिसूचना वापस ले केंद्र: सिक्किम सरकार

केंद्र की मोदी सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में देश की 137 चोटियों पर पर्वतारोहण की मंज़ूरी दी है. इन 137 चोटियों में से 24 चोटियां सिक्किम में हैं. इसमें कंचनजंघा भी शामिल है, जिसे सिक्किम के लोग देवता मानते हैं.

असम एनआरसी की समीक्षा प्रक्रिया पर भाजपा ने उठाए सवाल, कांग्रेस का मुफ्त क़ानूनी मदद का वादा

भाजपा के असम प्रमुख ने कहा है कि स्वतंत्रता सेनानियों और असम आंदोलन के शहीदों के वंशजों के नाम एनआरसी सत्यापन प्रक्रिया के दौरान बाहर कर दिए गए. ऐसा लगता है कि हम एक ऐसा एनआरसी पाएंगे जिसमें अवैध विदेशियों के नाम होंगे और वास्तविक भारतीय उससे बाहर होंगे.

असमः भाजपा नेता ने कहा, श्रीकृष्ण की तरह बांसुरी बजाने पर गाय ज्यादा दूध देती है

असम के सिलचर से दो बार विधायक रह चुके दिलीप कुमार पॉल ने कहा कि आधुनिक वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध किया है कि अगर भगवान कृष्ण की तरह बांसुरी बजाई जाए तो गाय कई गुना अधिक दूध देगी.

असम: एनआरसी के ख़िलाफ़ एबीवीपी का विरोध-प्रदर्शन, कहा- मूल निवासियों के नाम छूटे

एनआरसी के प्रकाशन को आगे बढ़ाने की मांग करते हुए एबीवीपी ने कहा कि वर्तमान सूची में बहुत से मूल निवासियों के नाम छूटे हैं और अवैध प्रवासियों के नाम जोड़े गए हैं. जब तक इसे दोबारा सत्यापित कर सौ फीसदी 'त्रुटिहीन' नहीं बनाया जाता, इसका प्रकाशन नहीं होना चाहिए.

एनआरसी की अंतिम सूची में छूटे लोगों के लिए अपील करने की व्यवस्था करेगी सरकार: गृह मंत्रालय

गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा गया कि अगर किसी का नाम सूची में नहीं है तो वह फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में 120 दिन के अंदर अपील दायर कर सकते हैं. यह समय सीमा पहले 60 दिन की थी.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: मेघालय में समाचार पोर्टल से ख़बर हटाने को लेकर पुलिस ने वेबसाइट को नोटिस भेजा

इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में पूर्वोत्तर के विभिन्न मुद्दों पर द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

जब गांधी ने ज़रूरत पड़ने पर ‘हिंसक साधनों’ का इस्तेमाल करने की सलाह दी थी

आज़ादी के 75 साल: स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी की भूमिका के बारे में काफी कुछ लिखा गया है, मगर उत्तर-पूर्व को आज़ाद भारत के साथ जोड़ने में उन्होंने जिस तरह से नेतृत्व किया, इस बारे में काफी कम लिखा गया है.

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