बिहार में नालंदा ज़िले के बिहार शरीफ़ का मामला. पुलिस ने बताया कि आईपीसी की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किए जाने के बाद आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए कार्रवाई की जा रही है.
भारत में लॉकडाउन होने के बाद बीते पच्चीस दिनों से महराजगंज ज़िले के सोनौली, नौतनवां और बढ़नी में रह रहे नेपाली नागरिकों बीते शुक्रवार और शनिवार को दो चक्रों में नेपाल भेजा गया. वहीं नेपाल से भी 188 भारतीय वापस देश में आए हैं.
मामला कर्नाटक के बेंगलुरु का है. अस्पताल के मुताबिक, शुक्रवार को व्यक्ति को श्वसन संबंधी शिकायतों के साथ अस्पताल में भर्ती किया गया था.
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र से एक लाख से ज़्यादा एन-95 मास्क मांगे गए थे लेकिन सिर्फ दस हज़ार मास्क ही दिए गए. 1.34 लाख पीपीई किट की जगह सिर्फ 6,000 किट मिले. साथ ही 300 वेंटिलेटर, 10,000 वीटीएम और थर्मल गन मांगे थे लेकिन अब तक इनमें से कुछ नहीं मिला.
देश में कोरोना वायरस से जुड़े आंकड़े सरकार की दो संस्थाएं- इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन जुटा रही हैं. दोनों एजेंसियों ने द्वारा जारी किए गए संक्रमण के आंकड़ों में एक हज़ार से अधिक का अंतर है.
कोरोना संकट के दौरान गहराती सांप्रदायिकता का नया उदाहरण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह ज़िले नालंदा के बिहार शरीफ में देखने को मिला है, जहां मुस्लिम रहवासियों का आरोप है कि हिंदू दुकानदारों द्वारा उन्हें सामान नहीं दिया जा रहा और उनका सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है.
कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित देश अमेरिका में क़रीब 55 हज़ार लोगों की मौत. सिंगापुर में भारतीयों सहित विदेशी कामगार सबसे अधिक प्रभावित. मेक्सिको ने तीन हज़ार से अधिक शरणार्थियों को वापस उनके देश भेजा. जापान ने अब तक 70 से अधिक देशों से आने वाले लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया.
इस किट को लेकर कई राज्यों ने आपत्ति जताई है और गलत परिणाम आने के कारण इस पर रोक लगा दी है.
मामला ओडिशा के कालाहांडी जिले का है. लोकशक्ति अभियान संस्था के अध्यक्ष प्रफुल सामांत्रा ने बताया कि ये आदिवासी 2017 से वहां रह रहे थे. लेकिन प्रशासन कह रहा है कि वे लॉकडाउन के बाद वहां आए थे.
तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद ने कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके मुस्लिम और जमातियों से अपना ब्लड प्लाज़्मा दान करने की अपील की थी.
आगरा के जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने कहा कि यह कुछ दिन पहले की घटना है और अब सब कुछ ठीक है. अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि भोजन वितरित करने में थोड़ी देरी हुई जिसके कारण क्वारंटाइन सेंटर में रहने वाले लोग कुछ बेचैन हो गए.
अप्रैल महीने में प्रति कार्य दिवस औसतन 30,000-35,000 लोगों ने अपनी भविष्य निधि से पैसा निकाला है, जो कि दर्शाता है कि लोग किस स्तर के संकट से जूझ रहे हैं.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा कि आयकर विभाग के उन 50 आईआरएस अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की जा रही है, जिन्होंने कोविड-19 से जुड़े राहत उपायों के लिए राजस्व जुटाने पर एक अवांछित रिपोर्ट तैयार की है और इसे बिना अनुमति के सार्वजनिक भी कर दिया.
देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के बाद विभिन्न क्षेत्रों में सड़क किनारे या झुग्गी-बस्तियों में ज़िंदगी बिता रहे लोगों की मुश्किलें भी बढ़ गईं. हरियाणा के नूंह ज़िले के कुछ ऐसे ही मेहनतक़श परिवार केवल समाज के रहम पर दिन गुज़ार रहे हैं.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने आईसीपीएफ नामक संस्था की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए गूगल, व्हाट्सएप और ट्विटर को नोटिस भेजकर 30 अप्रैल तक जवाब मांगा है.