पाकिस्तान: अमेरिका ने पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के दोषियों की रिहाई के आदेश पर चिंता जताई

पाकिस्तान के सिंध हाईकोर्ट ने बीते 24 दिसंबर को अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए ब्रिटिश मूल के अल-कायदा नेता अहमद उमर सईद शेख तथा उसके तीन सहयोगियों को रिहा करने का आदेश दिया था. पर्ल को 2002 में कराची से अगवा कर उनकी हत्या कर दी गई थी.

पाकिस्तानियों के ख़िलाफ़ हेट स्पीच को लेकर ब्रिटिश नियामक ने रिपब्लिक भारत पर जुर्माना लगाया

ब्रिटिश टीवी नियामक प्राधिकरण ऑफकॉम के अनुसार सितंबर 2019 में रिपब्लिक भारत पर अर्णब गोस्वामी के शो 'पूछता है भारत' में पैनलिस्ट द्वारा की गईं टिप्पणियां पाकिस्तानी लोगों के ख़िलाफ़ अपमानजनक और हेट स्पीच से भरी हुई थीं, जिसके चलते चैनल पर क़रीब 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

त्रिपुरा: भाजपा-माकपा के बीच झड़प की कवरेज पर गए तीन पत्रकारों पर हमला

पुलिस के अनुसार हमले में कोई पत्रकार घायल नहीं हुआ है. वहीं राज्य के एक मीडिया संगठन का कहना है कि यह हमला अचानक हुई घटना नहीं है बल्कि सितंबर में मुख्यमंत्री बिप्लब देब के मीडिया को कथित तौर पर धमकाने के बाद राज्य भर में पत्रकारों पर हुए लगातार हमलों का हिस्सा है.

फेसबुक ने किसान एकता मोर्चा का पेज ब्लॉक किया, विवाद के बाद बहाल

किसान आंदोलन से जुड़ी आधिकारिक जानकारी देने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर क़रीब चार हफ़्तों से जमा किसान संगठनों ने ‘किसान एकता मोर्चा’ के नाम से फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना एकाउंट बनाया है.

मीडिया बोल: किसानों की सिलसिलेवार मौतें और सत्ता के साथ खड़ा मीडिया

वीडियो: देश के अधिकांश समाचार चैनल आज़ाद भारत के एक बड़े किसान सत्याग्रह से लोगों का ध्यान हटाने या उसके प्रति लोगों को कन्फ्यूज़ करने में जुटे दिख रहे हैं. सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इस पर गंभीर विमर्श करने की बजाय सत्र को ही रद्द कर रही है. इस मुद्दे पर उर्मिलेश की दों वरिष्ठ पत्रकारों बिराज स्वैन और गौरव लाहिरी से बातचीत.

टीआरपी छेड़छाड़ मामला: रेटिंग एजेंसी बार्क के पूर्व सीओओ को किया गया गिरफ़्तार

बीते आठ अक्टूबर को मुंबई पुलिस ने टीआरपी से छेड़छाड़ करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया था. आरोप है कि जिन घरों में लगे बार ओ मीटर से टीआरपी मापी जाती है, उन्हें ‘बॉक्स सिनेमा’, ‘फ़क्त मराठी’, ‘महा मूवी’ और ‘रिपब्लिक टीवी’ जैसे चैनल चलाने के लिए पैसे दिए गए थे. इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.

लगातार पांचवां साल, जब विश्व में कम से कम 250 पत्रकार हिरासत में: कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स

कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर इस महीने की शुरुआत में कम से कम 274 पत्रकारों को जेल जाना पड़ा जिनमें 36 महिला पत्रकार हैं. पत्रकारों को जेल में रखने के मामले में चीन सबसे ऊपर है.

केरल के पत्रकार की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ पत्रकार संगठन की याचिका पर जनवरी में होगी सुनवाई

यूपी पुलिस ने बीते अक्टूबर में हाथरस जा रहे केरल के एक पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था. राज्य सरकार ने कोर्ट में दावा किया है कि कप्पन पत्रकार नहीं, बल्कि अतिवादी संगठन पीएफआई के सदस्य हैं. केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

टीआरपी छेड़छाड़ मामला: रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ गिरफ़्तार

ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल के रिपब्लिक समेत कुछ चैनलों द्वारा टीआरपी में गड़बड़ी का आरोप लगाने के बाद पुलिस ने इस कथित घोटाले की जांच शुरू की थी. अब तक इस मामले में रिपब्लिक के पश्चिमी क्षेत्र वितरण प्रमुख और दो अन्य चैनलों के मालिकों समेत 13 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.

पत्रकारों का काम सरकारों का प्रवक्ता बनना नहीं, उनसे सवाल पूछना है

पत्रकारिता और देशभक्ति का साथ विवादास्पद है. देशभक्ति अक्सर सरकार के पक्ष का आंख मूंदकर समर्थन करती है और फिर प्रोपगेंडा में बदल जाती है. आज सरकार राष्ट्रवाद के नाम पर अपना प्रोपगेंडा फैलाने की कला में पारंगत हो चुकी है और जिन पत्रकारों पर सच सामने रखने का दारोमदार था, वही इसमें सहभागी हो गए हैं.

ईरान ने 2017 में सरकार विरोधी प्रदर्शनों को हवा देने के आरोप में पत्रकार को फ़ांसी दी

ईरानी पत्रकार रूहुल्ला ज़म पर साल 2017-2018 की सर्दियों के दौरान ईरान में आर्थिक कठिनाइयों के दौर में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में सक्रिय भूमिका निभाने का आरोप था. वह पेरिस में रह रहे थे. कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें लालच देकर ईरान बुलाया गया था और अक्टूबर 2019 में गिरफ़्तार कर लिया गया था.

सत्ता के ‘गोदी’ और कॉरपोरेट के ‘हमजोली’ क्यों बने हैं न्यूज़ चैनल!

वीडियो: किसानों के आंदोलन करीब दो हफ्ते हो गए. पहली बार किसी आंदोलन ने सरकार के साथ देश के दो बड़े कॉरपोरेट घरानों को निशाना बनाया है, पर न्यूज़ चैनल और कई अख़बार अपनी ख़बरों में इन कॉरपोरेट घरानों का उल्लेख तक नहीं कर रहे हैं. मीडिया बोल में वरिष्ठ पत्रकार आलोक जोशी और प्राध्यापक डॉ. रीतू सिंह से वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश की चर्चा.

स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सोशल मीडिया की आज़ादी पर अंकुश नहीं लगना चाहिए: अटॉर्नी जनरल

आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में रिपब्लि​क टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को ज़मानत मिलने के संबंध में कथित आपत्तिजनक ट्वीट के लिए स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा और कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा के ख़िलाफ़ हाल ही में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मंज़ूरी दी है.

किसान सही बोल रहे हैं या सत्ताधारी और टीवी चैनल!

मीडिया बोल: कृषि क़ानूनों का विरोध में किसानों के आंदोलन को बदनाम करने का अभियान तेज हो गया है. तमाम न्यूज़ चैनल किसानों के पीछे कभी विदेशी तो कभी खालिस्तानी और कभी विपक्ष हाथ बता रहे हैं. इस मुद्दे पर पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र कार्यकर्ता रमन प्रीत सिंह और पंजाब के स्वतंत्र पत्रकार शिव इंदर सिंह से उर्मिलेश की बातचीत.

प्रदर्शनकारी किसानों को खालिस्तानी और राष्ट्र-विरोधी के तौर पर पेश न करे मीडिया: एडिटर्स गिल्ड

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि बिना साक्ष्य के किसानों को खालिस्तानी और देशद्रोही बताने की कोशिश ज़िम्मेदार पत्रकारिता नहीं है. इससे मीडिया की विश्वसनीयता ख़तरे में आती है. मीडिया को ऐसे किसी विमर्श में संलिप्त नहीं होना चाहिए जो प्रदर्शनकारियों को उनकी वेशभूषा के आधार पर अपमानित करता हो और उन्हें हीन मानता हो.

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