त्रिपुरा: भाजपा-माकपा के बीच झड़प की कवरेज पर गए तीन पत्रकारों पर हमला

पुलिस के अनुसार हमले में कोई पत्रकार घायल नहीं हुआ है. वहीं राज्य के एक मीडिया संगठन का कहना है कि यह हमला अचानक हुई घटना नहीं है बल्कि सितंबर में मुख्यमंत्री बिप्लब देब के मीडिया को कथित तौर पर धमकाने के बाद राज्य भर में पत्रकारों पर हुए लगातार हमलों का हिस्सा है.

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पुलिस के अनुसार हमले में कोई पत्रकार घायल नहीं हुआ है. वहीं राज्य के एक मीडिया संगठन का कहना है कि यह हमला अचानक हुई घटना नहीं है बल्कि सितंबर में मुख्यमंत्री बिप्लब देब के मीडिया को कथित तौर पर धमकाने के बाद राज्य भर में पत्रकारों पर हुए लगातार हमलों का हिस्सा है.

Khayerpur Agartala

अगरतला: राजधानी अगरतला से करीब 10 किलोमीटर दूर खायरपुर में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी माकपा के बीच हुए संघर्ष की कवरेज करने गए तीन स्थानीय पत्रकारों पर हमला किया गया है.

मामले में तीन शिकायतें दर्ज की गई हैं, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

नव राजधानी परिसर क्षेत्र की उपमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) प्रिया माधुरी मजूमदार ने बताया कि स्यंदन पत्रिका के प्राणगोपाल आचार्य, राइजिंग त्रिपुरा टीवी चैनल के पिंटू पाल और मृणालिनी ईएनएन टीवी चैनल के बिस्वजीत देबनाथ पर रविवार को हमला किया गया.

एसडीपीओ ने बताया, ‘करीब चार-पांच व्यक्ति जख्मी हुए हैं और तीन पत्रकारों पर हमला किया गया है लेकिन वे घायल नहीं हुए हैं. इस बारे में तीन शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से एक पत्रकार संगठन की ओर से की गई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.’

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सोमवार को जारी किए गए बयान में मीडिया अधिकारों के लिए काम करने वाले असेंबली ऑफ जर्नलिस्ट्स (एओजे) ने बताया कि यह घटना रविवार दोपहर को हुई.

एओजे के महासचिव सनित देबरॉय ने बताया, ‘7-8 उपद्रवियों के समूह द्वारा पत्रकारों के एक समूह पर तब हमला किया गया जब वे उस संघर्ष को कवर करने गए थे. बोधजंगनगर थाने में दर्ज करवाई गई रिपोर्ट में पत्रकारों ने बताया कि उपद्रवियों ने उनका कैमरा छीनने की कोशिश की और उन्हें धमकाया.’

एओजे का दावा है कि पत्रकारों पर यह हमला कोई अचानक हुई घटना नहीं है, बल्कि सितंबर में मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के विवादित बयान, जहां उन्होंने ‘गलत कोविड-19 रिपोर्टिंग’ को लेकर मीडिया के एक वर्ग को ‘माफ न करने’ की बात कही थी, के बाद से ‘त्रिपुरा में मीडिया पर हो रहे लगातार हमलों का हिस्सा’ ही हैं.

संगठन ने बाद में राज्य के डीजीपी से मुलाकात की और इस मामले में जांच और कार्रवाई की मांग की.

गौरतलब है कि सितंबर महीने में मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने कहा था कि ‘कुछ अति उत्साहित अख़बार’ राज्य में कोविड-19 की स्थिति के बारे में जनता में भ्रम फैला रहे हैं, जिन्हें मैं कभी माफ़ नहीं करूंगा.’ मीडिया संगठनों ने इसकी आलोचना करते हुए कहा था कि राज्य सरकार मीडिया को अपना ग़ुलाम बनाने की कोशिश कर रही है.

अगरतला प्रेस क्लब ने भी पत्रकारों पर हुए हमले की निंदा की है और इसमें शामिल लोगों को सख्त सजा देने की मांग की है.

अगरतला प्रेस क्लब के सचिव प्रणब सरकार ने कहा कि क्लब के सदस्यों ने एसडीपीओ से मुलाकात की है और उन्होंने हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

खायेरपुर से माकपा राज्य समिति सदस्य प्रबित्रा कार ने आरोप लगाया कि भाजपा के समर्थकों के हमले में उनकी पार्टी के तीन सदस्य जख्मी हो गए हैं. उनमें से एक को इलाज के लिए कोलकाता के अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि अन्य यहां के अस्पताल में हैं.

भाजपा प्रवक्ता एन भट्टाचार्य ने कहा कि पुलिस के सामने संघर्ष हुआ और ‘वे जानते हैं कि असल में क्या हुआ और हमारी मांग है कि पुलिस घटना में शामिल असल अपराधियों को गिरफ्तार करे. हम अपने कार्यकर्ताओं को पहले ही कह चुके हैं कि वे जांच में पुलिस का सहयोग करें.’

इस बीच मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में पत्रकारों समेत हर किसी की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने यह भी कहा कि त्रिपुरा में आयुष्मान भारत योजना के तहत काम कर रहे पत्रकारों को 5 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस कवर दिया जाएगा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)