मीडिया बोल: चैनलों का विपक्षी-बहिष्कार कितना जायज?

वीडियो: कांग्रेस ने अपने प्रवक्ताओं से एक महीने तक टीवी चैनलों से दूर रहने को कहा है. मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश कांग्रेस के इस क़दम पर प्रो. अपूर्वानंद, वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार और लेखक व पत्रकार अनिल यादव के साथ चर्चा कर रहे हैं.

कर्नाटक: देवगौड़ा परिवार पर ख़बर के लिए अख़बार के संपादक और कर्मचारियों पर मामला दर्ज

अखबार ‘विश्ववाणी’ के संपादक विश्वेश्वर भट ने कहा कि खबर सूत्रों पर आधारित थी और अगर किसी को कोई आपत्ति है तो वे स्पष्टीकरण जारी कर सकते थे. बहुत अधिक तो मानहानि का मामला दायर किया जा सकता था लेकिन प्राथमिकी दर्ज कराना एक नई परिपाटी शुरू करने जैसा है. मैं निश्चित रूप से अदालत में इसे चुनौती दूंगा.

राजनीतिक दलों ने गूगल-फेसबुक पर विज्ञापनों पर 53 करोड़ रुपये ख़र्च किए, भाजपा रही सबसे आगे

फेसबुक की विज्ञापन से जुड़ी रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल फरवरी की शुरुआत से 15 मई तक उसके प्लेटफॉर्म पर 1.21 लाख राजनीतिक विज्ञापनों का प्रसारण हुआ. इन विज्ञापनों पर राजनीतिक दलों ने 26.5 करोड़ रुपये ख़र्च किए.

लोकसभा चुनाव के दौरान सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने के लिए 909 पोस्ट हटाई गईं

लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान पेड न्यूज की 703 शिकायतें मिली थी, जिनमें से 647 शिकायतें सही पाई गईं जबकि 2014 के चुनाव में पेड न्यूज के 1,297 मामलो की पुष्टि हुई थी.

कॉन्फ्रेंस हॉल में प्रधानमंत्री का दिखना ही अब प्रेस कॉन्फ्रेंस कहलाएगा

मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की. यह तथ्य है. यह भी एक तथ्य है कि मोदी से पूछने वाला प्रेस ही नहीं है. होता तो उसे प्रेस कॉन्फ्रेंस की ज़रूरत नहीं होती. वह अपनी ख़बरों से मोदी को जवाब के लिए मजबूर कर देता.

जस्टिस एके सीकरी न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी के अध्यक्ष नियुक्त

जस्टिस सीकरी 26 मई 2019 से पद संभालेंगे. वो 25 मई 2019 को अपना कार्यकाल पूरा करने वाले वर्तमान अध्यक्ष जस्टिस आरवी रविंद्रन की जगह लेंगे.

मीडिया बोल, एपिसोड 98: मोदी टाइम-कथा और ख़ान मार्केट गैंग!

मीडिया बोल की 98वीं कड़ी में उर्मिलेश टाइम पत्रिका द्वारा नरेंद्र मोदी पर की प्रकाशित 'इंडियाज़ डिवाइडर इन चीफ' शीर्षक की रिपोर्ट और उसके लेखक के पाकिस्तानी होने पर हुए विवाद पर वरिष्ठ पत्रकार बिराज स्वैन और सबा नकवी से चर्चा कर रहे हैं.

एक महीने में टीवी चैनलों ने नरेंद्र मोदी को 722 घंटे दिखाया, जबकि राहुल गांधी को सिर्फ़ 251 ​घंटे

वरिष्ठ पत्रकार कावेरी बामजई बता रही हैं कि लोकसभा चुनाव के दौरान 1 से 28 अप्रैल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टीवी पर सबसे ज्यादा एयरटाइम मिला. प्रधानमंत्री ने इस एक महीने में 64 रैलियां की थीं, ज​बकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 65 रैलियों में शामिल हुए थे.

मीडिया बोल, एपिसोड 97: मोदी का राजीव-कोप, नया चुनावी तोप

मीडिया बोल की 97वीं कड़ी में उर्मिलेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को 'भ्रष्टाचारी नंबर वन' कहने पर वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और कुर्बान अली से चर्चा कर रहे हैं.

कोर्ट का आदेश, मानहानि मामले में कांग्रेस की दिव्या स्पंदना को मिलेगा 50 लाख का मुआवज़ा

आरोप है कि सुवर्णा न्यूज़ ने आईपीएल सट्टेबाज़ी मामले में कन्नड़ अभिनेत्री और पूर्व सांसद दिव्या स्पंदना के शामिल होने का दावा करते हुए एक ख़बर चलाई थी. इसी मामले को लेकर दिव्या ने 2013 में मानहानि का केस दर्ज कराया था.

स्टिंग ऑपरेशन नहीं जवान की आत्महत्या के पीछे कोर्ट मार्शल का डर रहा होगा: बॉम्बे हाईकोर्ट

महाराष्ट्र के नासिक स्थित देओलाली कैंप पुलिस ने 23 मार्च 2017 को पत्रकार पूनम अग्रवाल और पूर्व सैनिक दीपचंद सिंह के ख़िलाफ़ राय मैथ्यू नाम के जवान को आत्महत्या के लिए उकसाने का विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.

मानहानि क़ानून का इस्तेमाल प्रेस को चुप कराने के लिए नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

केंद्र सरकार की उपक्रम एक कंपनी द्वारा उन पर किए स्टिंग ऑपरेशन के लिए एक समाचार चैनल पर मानहानि का मुकदमा किया गया था. इसे ख़ारिज करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि स्टिंग ऑपरेशन समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं क्योंकि वे ग़लत कामों के खुलासे में मदद करते हैं.

म्यांमार: रोहिंग्या मुस्लिमों पर रिपोर्टिंग के कारण सज़ा काट रहे रॉयटर्स के दो पत्रकार रिहा

म्यांमार के रखाइन में सैन्य कार्रवाई के दौरान रोहिंग्या मुसलमानों पर हुए अत्याचारों की रिपोर्टिंग करते हुए 32 वर्षीय वा लोन और 28 वर्षीय क्याव सोए ओ को सरकारी गोपनीयता क़ानून तोड़ने के लिए पिछले साल सितंबर में सात-सात साल की जेल की सज़ा सुनाई गई थी.

पांच साल में बिहार की नीतीश सरकार ने विज्ञापन पर ख़र्च किए तक़रीबन पांच अरब रुपये

विशेष रिपोर्ट: सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार बिहार में राबड़ी देवी सरकार ने साल 2000 से 2005 के दौरान 23 करोड़ 48 लाख रुपये विज्ञापन पर ख़र्च किए थे. वहीं ​नीतीश कुमार सरकार ने पिछले पांच साल में विज्ञापन पर 4.98 अरब रुपये ख़र्च किए हैं.

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