2019 का चुनाव जनता के अस्तित्व का चुनाव है. उसे अपने अस्तित्व के लिए लड़ना है. जिस तरह से मीडिया ने इन पांच सालों में जनता को बेदख़ल किया है, उसकी आवाज़ को कुचला है, उसे देखकर कोई भी समझ जाएगा कि 2019 का चुनाव मीडिया से जनता की बेदख़ली का आख़िरी धक्का होगा.
मीडिया बोल की 68वीं कड़ी में उर्मिलेश राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार पर उठ रहे सवाल और इसकी मीडिया कवरेज पर पूर्व पत्रकार आशुतोष और डिफेंस कॉरेस्पॉन्डेंट रंजीत कुमार से चर्चा कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा को पेड न्यूज़ के आरोप में तीन साल के लिए अयोग्य ठहराने के चुनाव आयोग के फैसले को निरस्त करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
भाजपा ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि कार्यालय आने वाले पत्रकार कभी-कभार वहां के फोन का इस्तेमाल करते हैं.
मामले की जांच के दौरान बिहार की सामाजिक कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने इस्तीफा दे दिया था. उच्चतम न्यायालय ने बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा से पूछताछ करने को कहा है.
मीडिया द्वारा पहचान उजागर करने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज़. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मीडिया ने बताया कि वह टॉपर थी. टॉपर का मतलब एक व्यक्ति होता है न कि 20 लोग. इसलिए उसकी पहचान किए जाने में कोई समस्या नहीं रह गई.
एंकर नीलू व्यास को चैनल की ओर से नोटिस उनके द्वारा राज्यसभा टीवी के एक वरिष्ठ अधिकारी के ख़िलाफ़ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करवाने के दो हफ़्ते बाद मिला है.
मीडिया बोल की 67वीं कड़ी में उर्मिलेश हिंदी भाषी मीडिया और हिंदी समाज पर पॉलिटिकल साइंटिस्ट सविता सिंह और जेएनयू के प्रो. विवेक कुमार से चर्चा कर रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक बाड़मेर के पत्रकार दुर्ग सिंह राजपुरोहित की गिरफ़्तारी के मामले पर बिहार सरकार द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट में एक एएसपी के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफ़ारिश की गई है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के दो पत्रकारों को रखाइन में सैन्य कार्रवाई के दौरान हुए अत्याचारों की रिपोर्टिंग करते हुए देश के सरकारी गोपनीयता क़ानून तोड़ने के लिए पिछले सप्ताह सात-सात साल की जेल की सज़ा सुनाई गई.
आज की तारीख़ में ज़्यादातर दलितों को ख़ुद को ‘दलित’ कहलाने में किसी भी तरह के अपमान का बोध नहीं होता. इसके उलट यह शब्द उनकी एकता का प्रेरक बन गया है, लेकिन सरकार को वह उनके प्रति बेहद अपमानजनक लग रहा है.
मीडिया बोल की 66वीं कड़ी में उर्मिलेश एससी-एसटी एक्ट को लेकर सवर्णों द्वारा किए गए भारत बंद, दिल्ली में किसान और मज़दूर संगठनों की रैली और समलैंगिक संबंधों को अपराध के दायरे से बाहर लाने पर वरिष्ठ पत्रकार शैलेष और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल से चर्चा कर रहे हैं.
‘आदर्श बहू’ ट्रेनिंग की ख़बर आने के बाद आईआईटी बीएचयू ने स्टार्ट-अप ‘यंग स्किल्ड इंडिया’ से किसी भी तरह के संबंध होने से इनकार किया है लेकिन स्थानीय अख़बारों को खंगाले तो इसे ‘आईआईटी बीएचयू का स्टार्ट-अप’ बताने वाली तमाम ख़बरें लंबे समय से छपती रही हैं.
जनवरी में हुई वडगाम विधायक जिग्नेश मेवाणी की युवा हुंकार रैली में रिपब्लिक चैनल की रिपोर्टर के साथ दुर्व्यवहार होने की बात कहते हुए चैनल के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी ने ए. सिंह और उनकी साथी प्रतिष्ठा के बारे में टिप्पणी की थी, जिसको लेकर न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी ने चैनल को माफ़ी मांगने को कहा है.
बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फैसले को आधार मानकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया संस्थानों को परामर्श पत्र भेज कर कहा है कि खबरों में दलित शब्द की जगह अनुसूचित जाति शब्द का प्रयोग किया जाना चाहिए.