इस बार के लोकसभा चुनाव में सिनेमा, टीवी और खेल से जुड़ी कई बड़ी हस्तियों ने बतौर उम्मीदवार हिस्सा लिया था. कुछ सितारे पहली बार राजनीति में उतरे थे, तो वहीं कई ऐसे भी हैं जिन्होंने दूसरी या तीसरी बार चुनाव में अपना भाग्य आज़माया था.
भाजपा को पूर्ण बहुमत न मिलना इस बात का संकेत है कि उसकी घृणा की राजनीति का वर्चस्व भारत में काफी कठिन है.
एक्जिट पोल में एक तात्कालिकता होती है, मसलन आपने किसे वोट दिया? क्यों वोट दिया? आप किस बिरादरी के हैं? यह सवाल धीमी गति से हो रहे परिवर्तनों को नहीं देख पाते हैं. उत्तर प्रदेश में हो रहे परिवर्तन ने प्रधानमंत्री मोदी के ‘400 पार’ के नारे की हवा निकाल दी.
फ़ैज़ाबाद लोकसभा सीट के मतदाताओं ने साफ कह दिया कि प्रधानमंत्री की पार्टी उनकी सरकारों द्वारा ‘भव्य’ और ‘दिव्य’ क़रार दी गई अयोध्या का प्रतिनिधित्व करने लायक नहीं बची है.
चूंकि मोदी ने यह चुनाव सिर्फ़ अपने नाम पर लड़ा था, सिर्फ़ अपने लिए वोट मांगे थे, भाजपा के घोषणापत्र का नाम भी ‘मोदी की गारंटी’ था- यह हार भी सिर्फ़ मोदी की है. उनके पास अगली सरकार के मुखिया होने का कोई अधिकार नहीं बचा है.
राज्य की कुल 39 लोकसभा सीटों से द्रमुक ने 22 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं कांग्रेस को नौ सीटें मिली हैं. 'इंडिया' गठबंधन की इसकी सहयोगी पार्टी वीसीके, भाकपा, माकपा को दो-दो सीटों पर और आईयूएमएल को एक सीट पर जीत हासिल हुई है.
अगर जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) नरेंद्र मोदी का साथ छोड़ देते हैं, एनडीए संकट में आ सकती है.
आंध्र प्रदेश की 175 विधानसभा सीटों में से टीडीपी 135 सीटों पर जीत दर्ज की. जनसेना पार्टी 21 और भाजपा आठ सीटें जीती. वहीं, जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी केवल 11 सीटों पर सिमटकर रह गई.
ओडिशा विधानसभा में भाजपा ने 147 में से 78 सीटें जीत कर बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है, वहीं सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजेडी) 51 सीटे मिली हैं. जबाकि कांग्रेस ने 14 सीटे हासिल की हैं. नतीज़ों से साफ है कि ये पहला मौका होगा, जब ओडिशा में भाजपा सरकार बनाने में कामयाब हो पाएगी.
लल्लू सिंह और ज्योति मिर्धा जैसे नेता, जो संविधान बदलने की मांग करते थे, वे अपनी-अपनी सीटों से हार गए हैं.
उत्तर प्रदेश में कई केंद्रीय मंत्री भी अपनी सीट हार गए हैं, इनमें अजय मिश्रा, स्मृति ईरानी, कौशल किशोर, महेंद्र नाथ पांडेय और संजीव बालियान शामिल हैं.
महाराष्ट्र की 49 सीटों में से ‘इंडिया’ गठबंधन को 27 सीटों पर जीत मिली है. वहीं एनडीए गठबंधन को 17 सीटें मिली हैं.
उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में भाजपा की सरकार है, लेकिन तीनों ही राज्यों में विपक्षी 'इंडिया गठबंधन' ने कड़ी टक्कर दी है.
निर्वाचन आयोग के नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि बिहार की 40 सीटों पर एनडीए गठबंधन ने बढ़त बना रखी है. 'इंडिया' गठबंधन की ओर से आरजेडी 4, कांग्रेस 1 एवं वामदल दो सीटों पर आगे हैं.
केरल में सीधा मुकाबला कांग्रेस की अगुवाई वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) और राज्य में सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के बीच होता.