निषाद पार्टी का सपा से गठबंधन क्यों टूटा

सबसे बड़ा सवाल यह है कि निषाद पार्टी से सपा का गठबंधन टूटने से पूर्वी उत्तर प्रदेश की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा? भाजपा से निषाद पार्टी का गठजोड़ न तो निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को पसंद आ रहा है और न भाजपाइयों को.

लोकसभा चुनाव से पहले पुलवामा हमला भाजपा के लिए तोहफाः पूर्व रॉ प्रमुख

रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत का कहना है कि राष्ट्रवाद युद्ध की ओर ले जाता है. हमें कश्मीरी नागरिकों से बात करनी चाहिए क्योंकि आगे बढ़ने का यही एक रास्ता है.

इलेक्शननामा: क्या वोटिंग को अनिवार्य बना देना चाहिए?

ऑडियो: देश के 70 % से कम वोटर मतदान के अधिकार का इस्तेमाल करते हैं तो ऐसे में क्या वोटिंग को अनिवार्य कर देना चाहिए? इलेक्शननामा की इस कड़ी में सुनिए वोटिंग के महत्व और अनिवार्य वोटिंग पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाय कुरैशी और राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार के साथ चर्चा.

‘मैं भी चौकीदार’ के ख़िलाफ़ युवा कांग्रेस ने शुरू किया ‘मैं भी बेरोज़गार’ अभियान

चुनाव राउंडअप: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना और भाजपा के बीच मतभेद थे लेकिन अब वे हल हो गए हैं. गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटों ने राजनीति में आने के संकेत दिए. हरियाणा में भाजपा सांसद की ज़ुबान फिसली. कहा- कांग्रेस की जीत होगी. केरल में सबरीमला विवाद को लेकर भाजपा प्रत्याशी को 14 दिनों की जेल की सज़ा.

वीवीपैट सत्यापन की संख्या बढ़ने से चुनावी प्रक्रिया में भरोसा बढ़ेगा

चुनाव आयोग को पारदर्शिता के हक़ में कदम में उठाते हुए मौजूदा व्यवस्था की तुलना में बूथों के ज्यादा बड़े सैंपल के वीवीपैट सत्यापन की मांग को स्वीकारना चाहिए.

कैराना सीट: भाजपा उम्मीदवार को अपनी ही पार्टी की वजह से हार का ख़तरा है

कैराना उत्तर प्रदेश की उन तीन सीटों में शामिल है, जहां 2018 के उपचुनाव में भाजपा हार गई थी. भाजपा ने इस सीट से इस बार गुर्जर नेता हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह का टिकट काटकर प्रदीप चौधरी को टिकट दिया है. वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग बता रहे हैं प्रदीप चौधरी को उनकी ही पार्टी से ख़तरा है.

क्या आंध्र में चंद्रबाबू नायडू का खेल बिगाड़ने की क्षमता रखते हैं जगनमोहन रेड्डी?

पिछली बार टीडीपी और भाजपा ने साथ चुनाव लड़ा था और पवन कल्याण ने प्रचार किया था. अब पवन कल्याण अपनी पार्टी जनसेना लेकर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अकेले उतरे हैं. भाजपा और टीडीपी भी अलग लड़ रहे हैं. इसका नुकसान टीडीपी को हो सकता है. अमित कुमार निरंजन की रिपोर्ट.

लालकृष्ण आडवाणी की गांधीनगर सीट से अमित शाह ने नामांकन पत्र दाख़िल किया

छह बार से भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी गांधीनगर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. इस बार पार्टी ने आडवाणी को टिकट न देकर अमित शाह को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. शाह पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं.

निषाद पार्टी ने सपा-बसपा-रालोद गठबंधन का साथ छोड़ा, पार्टी प्रमुख योगी आदित्यनाथ से मिले

समाजवादी पार्टी ने गोरखपुर से राम भुवाल निषाद को बनाया अपना प्रत्याशी. निषाद पार्टी के मीडिया प्रमुख के मुताबिक, समाजवादी पार्टी से उत्तर प्रदेश की महराजगंज लोकसभा सीट को लेकर मतभेद था.

जब मुक़दमा चलानेवाले एनआईए जैसे हों, तो बचाव में वकील रखने की क्या ज़रूरत है

समझौता एक्सप्रेस मामले की सुनवाई कर रहे जज ने कहा कि अभियोजन कई गवाहों से पूछताछ और उपयुक्त सबूत पेश करने में नाकाम रहा इसलिए मजबूरन आरोपियों को बरी करना पड़ा. जब एनआईए जैसी शीर्ष जांच एजेंसी एक भयानक आतंकी हमले के हाई-प्रोफाइल मामले में इस तरह बर्ताव करती है, तो देश की जांच और अभियोजन व्यवस्था की क्या साख रह जाती है?

वाराणसी: मोदी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ेंगे बीएसएफ से बर्ख़ास्त जवान तेज बहादुर यादव

तेज बहादुर यादव ने कहा कि मेरा उद्देश्य जीत या हार नहीं है. मेरा मक़सद लोगों के सामने यह लाना है कि किस तरह से इस सरकार ने सेनाओं, ख़ासकर अर्धसैनिक बलों को निराश किया है. पीएम मोदी हमारे जवानों के नाम पर वोट मांगते हैं लेकिन उनके लिए कुछ नहीं करते हैं.

क्या भोपाल से चुनाव लड़ाकर दिग्विजय सिंह को बलि का बकरा बनाया जा रहा है?

35 सालों से न जीती गई भोपाल सीट पर दिग्विजय सिंह को उतारने के पीछे केंद्रीय नेतृत्व से अधिक मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशा बताई जा रही है. विश्लेषक मानते हैं कि दिग्विजय की हार या जीत से फायदा कमलनाथ का ही है. जीत दिग्विजय को दिल्ली पहुंचाएगी, जिससे राज्य की राजनीति में उनका हस्तक्षेप कम होगा और हार ज़ाहिर तौर पर उनका क़द कम कर देगी.

हार्दिक पटेल नहीं लड़ सकेंगे चुनाव, अदालत ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने से किया इनकार

पाटीदार समुदाय के लिए शिक्षा और नौकरी में आरक्षण की मांग को लेकर 2015 में हार्दिक पटेल ने मेहसाणा में आंदोलन किया था, जिसमें हिंसा भड़क गई थी. हार्दिक को हिंसा के एक मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल क़ैद की सज़ा मिली थी.

आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने और हटाने संबंधी दस्तावेज़ ‘गायब’

1948 में महात्मा गांधी की हत्या के बाद संघ पर प्रतिबंध लगा था, जिसे साल भर बाद हटाया गया था. इससे जुड़े दस्तावेज़ सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध होने चाहिए, लेकिन न तो ये राष्ट्रीय अभिलेखागार के पास हैं और न ही गृह मंत्रालय के.

मिशन शक्ति पर प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की नहीं थी जानकारी: चुनाव आयोग

27 मार्च को प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन के बारे में राजनीतिक दलों की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने बताया कि इस बारे में न तो प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से आयोग को सूचित किया गया था और न ही अनुमति मांगी गई थी.

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