जब तक इरोम अनशन कर रही थीं, वे मणिपुरी जनता के लिए ‘आइकॉन’ थीं, संघर्ष का प्रतीक थीं, मणिपुर क्या, देश भर के लोग उन्हें ‘हीरो’ मानते थे, पर नायक तो वोट नहीं मांगते! ये कुछ उस तरह था कि भगवान ज़मीन पर आ जाएं, शादी करके आम ज़िंदगी बिताना चाहें या अपने लिए चुनाव में वोट मांगें. उनके ऐसा करते ही उनके भक्त घबरा जाते हैं.
मोदी के हर क़दम ने हमें अचंभित किया है. यहां तक कि जब वे ज़हर उगलते रहे, तब भी हमारी प्रतिक्रिया ऐसी ही रही. योगी की ताजपोशी उनकी नयी पेशकश है. जो किया जा चुका है उसमें ख़ूबी तलाशना ही अब हमारा कर्तव्य रह गया है.
अगर उदारवादी सरकारें रोज़गार, सद्भाव और शान्ति के मोर्चे पर सफल रहतीं, तो दक्षिणपंथ को पैर पसारने का अवसर नहीं मिलता.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ करने की इतनी जल्दी में है कि वे छह माह पहले कांग्रेस से भाजपा में आए नेता को मुख्यमंत्री बना दे रहे हैं.ऐसे दूसरे बहुत से नेता मंत्रिपद हासिल कर ले रहे हैं. आखिर इस तरह के नेताओं के सहारे मिली जीत भाजपा के लिए कितनी फायदेमंद होगी?
सामाजिक न्याय के इच्छुक जाति समूहों का एक बड़ा मध्यवर्ग तैयार है, जो सामूहिक रूप से निर्णायक स्थिति में है. ज़रूरत है इनके नेतृत्व और सहयोग से सामाजिक न्याय को दूसरे चरण तक ले जाने की, वरना राजनीति का दूसरा पक्ष पहले से ही तैयार है.
राज्य की पूर्व ओकराम इबोबी सिंह सरकार के सात नए ज़िले बनाने के फैसले के ख़िलाफ़ यूनाइटेड नगा काउंसिल ने एक नवंबर, 2016 से आर्थिक नाकेबंदी की शुरुआत की थी.
पंचायती राज संस्थानों और स्थानीय निकाय संस्थाओं में महिला प्रतिनिधित्व 33 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी करने का भी फैसला
भाजपा ने उत्तर प्रदेश में भले ही किसी मुसलमान को टिकट नहीं दिया था लेकिन योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में एकमात्र मुसलमान मोहसिन रज़ा को जगह मिली है.
सवाल यह है कि अजय सिंह बिष्ट उपनाम योगी आदित्यनाथ की ताजपोशी को कैसे देखा जाए? आरंभ में आपको अटपटा लग सकता है लेकिन थोड़ा धैर्य से सोचेंगे तो पाएंगे कि संन्यासी का राजनीति से एक नाभि-नाल का संबंध रहा है.
एक गैर सरकारी संगठन ने अपने सर्वेक्षण में दावा किया है कि इस बार उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में नोट के बदले वोट लेेने के लिए उम्मीदवारों ने तकरीबन एक हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए.
रायबरेली के रहने वाले मनफीक ख़ान कहते हैं, ‘कोउ नृप होय हमें का हानि. मुख्यमंत्री कोई भी बने कमाकर ही खाना है तो मुख्यमंत्री कोई राजा बने, योगी बने, शर्मा बने या ख़ान बने कुछ भी फ़र्क नहीं पड़ता है. भाजपा जीती है, उसका मन जिसे करे उसे मुख्यमंत्री बनाए.’
पूर्वांचल में गहरी पैठ रखने वाले और हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक योगी आदित्यनाथ रविवार को उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे
नारदा स्टिंग आॅपरेशन मामले की प्रारंभिक जांच के आदेश सीबीआई को देने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी.
जन की बात की 19वीं कड़ी में असम की गायिका नाहिद आफ़रीन के ख़िलाफ़ फतवे की अफ़वाह के बीच मीडिया की भूमिका और कानून मंत्रालय के नए टीवी चैनल पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ चर्चा कर रहे हैं.
एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए अदालत ने कहा कि नेताओं की सुरक्षा पर हो रहे खर्च पर रोक लगनी चाहिए. राजनीतिक दल उनका खर्च उठाने में सक्षम हैं. ऐसे में सरकार को उनकी सुरक्षा का खर्च उठाने की जरूरत नहीं है.