साल 2018 में न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर होने के बाद इरफ़ान ख़ान के स्वास्थ्य में सुधार नहीं हो सका था. इरफ़ान की 95 वर्षीय मां का चार दिन पहले ही जयपुर में इंतकाल हो गया था. लॉकडाउन के कारण वह उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके थे.
आज जब समाज एक वैश्विक महामारी से गुज़र रहा है, तो नगर प्रतिनिधियों की इसमें कोई तय भूमिका नहीं दिखाई दे रही है. औपचारिक रणनीति में भी उनकी ज़िम्मेदारियां स्पष्ट नहीं हैं, नतीजतन शहरी प्रशासन के ढांचे का एक हिस्सा निष्क्रिय जान पड़ता है.
साल 2018 के एक मामले का जिक्र करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने एक स्थायी आदेश जारी करते हुए कहा है कि किसी व्यक्ति की जाति का उल्लेख किसी भी न्यायिक और प्रशासनिक मामले में नहीं किया जाना चाहिए.
दुनिया भर में कोरोना वायरस महामारी से 211,326 लोगों की मौत. अमेरिका के न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी में मृतक संख्या घटी. रूसी की सेना में संक्रमण के तक़रीबन 900 मामले सामने आए.
उत्तर प्रदेश और बिहार के 34 मज़दूर कर्नाटक के शिमोगा ज़िले में फंसे हैं. बालू खनन का काम करने वहां गए मज़दूरों का कहना है कि जो थोड़े-बहुत पैसे थे, वो अब तक के लॉकडाउन के दौरान ख़त्म हो चुके हैं. अब अगर यहां से नहीं निकाला गया तो भुखमरी जान ले लेगी.
यह देशव्यापी लॉकडाउन का आख़िरी हफ़्ता है. इस दौरान सोशल मीडिया पर जारी नफ़रत और बहसों के बीच कुछ ऐसे लोग भी हैं जो बिना किसी स्वार्थ के राहत पहुंचाने के काम में लगे हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी की अनुष्का उनमें से एक हैं.
मामला ओडिशा के कालाहांडी जिले का है. लोकशक्ति अभियान संस्था के अध्यक्ष प्रफुल सामांत्रा ने बताया कि ये आदिवासी 2017 से वहां रह रहे थे. लेकिन प्रशासन कह रहा है कि वे लॉकडाउन के बाद वहां आए थे.
देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के बाद विभिन्न क्षेत्रों में सड़क किनारे या झुग्गी-बस्तियों में ज़िंदगी बिता रहे लोगों की मुश्किलें भी बढ़ गईं. हरियाणा के नूंह ज़िले के कुछ ऐसे ही मेहनतक़श परिवार केवल समाज के रहम पर दिन गुज़ार रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के आगरा के मेयर नवीन जैन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में कहा है कि हॉट स्पाट एरिया में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों में कई-कई दिनों तक जांच नहीं हो पा रही. न ही मरीजों के लिए भोजन पानी का उचित प्रबंध हो पा रहा है.
सूत्रों ने कहा है कि चूंकि इस फंड में व्यक्तियों एवं संस्थाओं द्वारा पैसा जमा किया जाता है इसलिए कैग को चैरिटेबल संस्था को ऑडिट करने का अधिकार नहीं है.
देश में एक राशन कार्ड पर एक किलो दाल के आधार पर एक महीने के लिए 2,36,000 टन दाल की जरूरत है. लेकिन केवल 19,496 टन यानी कि 8.2 फीसदी दाल का ही अभी तक राज्यों में वितरण हुआ है.
मामला राजस्थान के सवाई माधोपुर का है. लापरवाही बरतने के मामले में एक हेड कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है. जिला कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
इस वायरस ने इस दुनिया को पूरी तरह से छिन्न-भिन्न कर डाला है. इसने हमारे समय की उन नाइंसाफ़ियों से रूबरू करवाया है, जो हमारी अर्थव्यवस्था और राजनीति की बेमिसाल क्रूरता दर्शाती हैं.
हम वो देश हैं जो जुगाड़ पर नाज़ करता है, 5000 साल पहले की तथाकथित उपलब्धियों के ख्वाबों की दुनिया में रहता है. उससे यह उम्मीद करना बेमानी है कि वह व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में इतनी मेहनत करेगा कि वे बिना किसी रुकावट के और सक्षम तरीके से काम कर सकें.
कांग्रेस नेताओं ने रिपब्लिक टीवी प्रबंधन और इसके संपादक अर्णब गोस्वामी के ख़िलाफ़ बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख़ किया. वहीं, बेंगलुरु के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की.