एक अनुमान के अनुसार, अगर देश की बड़ी आबादी रविवार रात नौ बजे अगले नौ मिनट के लिए लाइटें बंद कर देती है तो इससे बिजली की मांग में अचानक गिरावट आएगी और नौ मिनट बाद इसमें अचानक से वृद्धि होगी, जिससे ब्लैकआउट का खतरा हो सकता है.
अमेरिकी राजनयिक सैम ब्राउनबैक ने कहा कि दुनियाभर की सरकारों को कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगाने के खेल को आक्रामकता से ख़ारिज कर देना चाहिए.
इस हफ़्ते की शुरुआत में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि मीडिया कोरोना वायरस संबंधी कोई भी जानकारी छापने या दिखाने से पहले सरकार से इसकी पुष्टि कराए. इसके बाद अदालत ने मीडिया को निर्देश दिया कि वे ख़बरें चलाने से पहले उस घटना पर आधिकारिक बयान लें.
यूरोप में कोरोना वायरस के तकरीबन 508,271 मामले दर्ज किए गए हैं और 34 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में मरने वालों की संख्या 56 हुई. संक्रमित लोगों की संख्या दो हज़ार के पार पहुंची.
दिल्ली पुलिस ने तबलीग़ी जमात के नेता मौलाना साद कांधलवी समेत सात लोगों को नोटिस भेजा. इससे पहले मौलाना साद और अन्य के ख़िलाफ़ सरकारी आदेश का उल्लंघन करते हुए धार्मिक आयोजन कराने के लिए एफ़आईआर दर्ज की गई थी.
मनरेगा के तहत काम मांगने वालों बढ़ती संख्या ये दर्शाता है कि ग्राम पंचायत ज़्यादा से ज़्यादा बेरोज़गारों को काम दे रहे हैं.
कोरोना वायरस से निपटने में विश्व बैंक की सहायता परियोजनाओं के पहले चरण में 1.9 अरब डॉलर के साथ 25 देशों की मदद की जाएगी. पहले चरण में सहायता पाने वालों में भारत सहित दक्षिण एशिया, यूरोप और मध्य एशिया, मध्यपूर्व और उत्तरी अफ्रीका के कई देश शामिल हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते कोरोना राहत पैकेज की घोषणा करते हुए मनरेगा मज़दूरी में वृद्धि की बात कही. हालांकि यह एक रूटीन वार्षिक कवायद थी, जिसे पहले ही ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया था.
केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर राज्य विधानसभा सदस्य पेंशन कानून में संशोधन किया है, जिसके तहत पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब बिना किराया दिए मकान, आवास के साज-सज्जा पर खर्च, मुफ्त टेलीफोन कॉल, मुफ्ती बिजली, कार पेट्रोल, चिकित्सा सुविधाएं, ड्राइवर और निजी सहायक आदि नहीं मिलेंगी.
वीडियो: दिल्ली के निज़ामुद्दीन पश्चिम स्थित एक मरकज़ में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है, जिसे भारत के बड़े मीडिया संगठनों ने अलग ढंग से पेश किया है. इस मुद्दे पर चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह निर्देश दिए जाने की मांग की थी कि सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए सिस्टम से कोरोना वायरस पर तथ्यों की पुष्टि किए बिना कोई भी मीडिया प्रतिष्ठान किसी खबर का प्रकाशन अथवा प्रसारण न करे.
हरियाणा के पानीपत ज़िले के प्रवासी बुनकरों, रिक्शा चालकों समेत हजारों दिहाड़ी मज़दूरों को राशन नहीं मिल पा रहा है. इसमें से कई लोग अपने गांव वापस लौट रहे थे, लेकिन प्रशासन ने इन्हें ये आश्वासन देकर रोका है कि उन्हें खाने-पीने की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी.
घटना बिहार के भोजपुर ज़िले के आरा की है. मुसहर समुदाय से आने वाले आठ वर्षीय राकेश की मौत 26 मार्च को हो गई थी. उनकी मां का कहना है कि लॉकडाउन के चलते उनके पति का मजदूरी का काम बंद था, जिसके चलते 24 मार्च के बाद उनके घर खाना नहीं बना था.
उत्तर प्रदेश के 36 हज़ार रोज़गार सेवकों को 18 महीनों का मानदेय नहीं मिला है, जो क़रीब 170 करोड़ रुपये होता है. बावजूद इसके उन्हें गांवों में आए प्रवासी कामगारों की पहचान के काम में लगाया गया है. संक्रमण के जोख़िम के बीच न तो उन्हें मास्क और दस्ताने दिए गए हैं, न ही उनका बीमा कराया गया है.
बीते 28 मार्च को स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन सरकारी कंपनी एचएलएल लाइफकेयर ने दक्षिण पश्चिम रेलवे के मुख्य मेडिकल निदेशक को भेजे एक ईमेल में कहा कि लॉकडाउन के चलते सुरक्षा उपकरण पहुंचने में 25 से 30 दिन का समय लग सकता है.