जब चुनाव मुद्दों की जगह भावनाओं पर लड़ा जाएगा तो जीत भाजपा की होगी

जब एमसीडी चुनाव में साफ-सफाई, सड़कें, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार और पार्षदों का नकारापन मुद्दा नहीं बना तभी यह बात साफ हो गई थी कि भाजपा चुनाव में जीत हासिल कर चुकी है.

बीएचयू में लैंगिक भेदभाव के ख़िलाफ़ छात्राओं ने खोला मोर्चा

बीएचयू के महिला महाविद्यालय की एक छात्रा ने कैंपस में होने वाले लैंगिक भेदभाव और पितृसत्तात्मक सोच के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय महिला आयोग से मदद की अपील की है.

जन गण मन की बात, एपिसोड 40: परित्यक्त महिलाएं और स्वच्छ भारत

जन गण मन की बात की 40वीं कड़ी में विनोद दुआ देश में पतियों द्वारा छोड़ दी गईं महिलाओं और प्रदूषण पर किए गए एक वैश्विक सर्वे पर चर्चा कर रहे हैं.

गर्भवती होने के कारण बर्ख़ास्त की गई अविवाहित ट्रेनी कॉन्स्टेबल बहाल

बिहार के सासाराम में ट्रेनिंग कर रही इस पुलिसकर्मी को गर्भवती होने के कारण जनवरी में बर्ख़ास्त कर दिया गया था, जिसके बाद उन्हें मजबूरन गर्भपात करवाना पड़ा.

भारत में मुझे कई बार नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा: मिज़ोरम मुख्यमंत्री

पांचवीं बार मिज़ोरम के मुख्यमंत्री बने लल थनहवला का कहना है कि यह सिर्फ आम लोगों की बात नहीं है बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे राजनेता सभी पार्टियों में है जिन्हें भारतीयता की समझ नहीं है.

एचआईवी-एड्स प्रभावितों को नौकरी से निकालने पर मिलेगी सज़ा

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एचआईवी और एड्स (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम, 2017 को मंज़ूरी दी. ऐसा कानून बनाने वाला दक्षिण एशिया का पहला देश बना भारत.

छत्तीसगढ़: नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 25 जवानों की मौत

छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में नक्सलियों के हमले में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 25 जवानों की मौत हो गई, जबकि छह जवान घायल बताए जा रहे हैं.

जम्मू में खानाबदोशों पर पुलिस की मौजूदगी में बर्बर ​हमले का कथित वीडियो सामने आया

जम्मू में गोरक्षा के नाम पर खानाबदोश लोगों पर हमले का कथित वीडियो सामने आया है. भीड़ नारा लगाते हुए लोगों को बर्बरतापूर्वक पीटते देखी जा सकती है.

बाबरी विध्वंस के 25 साल, न्याय की कछुआ चाल

बाबरी विध्वंस मामले में गवाह वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान बता रहे हैं ​कि कैसे टालमटोल, सुस्ती और न्याय तंत्र की उदासीनता के चलते यह केस 25 सालों से लटका हुआ है.

पहलू ख़ान के गांव से ग्राउंड रिपोर्ट: मेरा क़सूर बस ये था कि मैं, मैं था!

हम सब मौत से वाक़िफ़ हैं. अपने अजीज़ लोगों को खोने की तकलीफ हम सबने सही है. हमने न भरे जा सकने वाले खालीपन को महसूस किया है. लेकिन इस मौत का एहसास अलग है. यह एक बेक़सूर की मौत है. यह नफ़रत से हुई मौत है. आप इसे जयसिंहपुर में देख सकते हैं.

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