वीडियो: विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत में लगभग सात करोड़ लोग विभिन्न मानसिक विकारों से पीड़ित हैं, जिनकी पहचान नहीं हो पाती और इसलिए इनका निदान नहीं होता. हालांकि ये समस्याएं उनके जीवन को व्यापक तौर पर प्रभावित करती हैं. सवाल सेहत का की इस कड़ी में बात मानसिक स्वास्थ्य और उससे जुड़ी वर्जनाओं की.
वीडियो: हिंदी साहित्य में आलोचना विधा में चंद स्त्रियों के नाम ही सामने आते है, साथ ही उनकी आलोचना का दायरा समकालीन लेखिकाओं को बमुश्किल ही छूता है. इसकी क्या वजह है? वरिष्ठ आलोचक डॉ. रश्मि रावत और युवा समीक्षक अदिति भारद्वाज के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
वीडियो: देश के विभिन्न राज्यों में सज़ा देने के नाम पर आरोपियों, ख़ासकर मुस्लिम अभियुक्तों के घर और संपत्ति तोड़े जाने के ख़िलाफ़ एक याचिका सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई भले ही दोषी ठहराया गया हो, पर उनका घर नहीं गिराया जा सकता. इस बारे में मामले के वकील सारिम नावेद और द वायर के पॉलिटिकल एडिटर अजॉय आशीर्वाद से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
वीडियो: महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ते अपराधों, बलात्कार, शोषण आदि के लगातार सामने आ रहे मामलों के बीच ऐसे अपराधियों को फांसी देने की मांग भी उठ रही है, पर क्या इससे अपराध कम होंगे? इस बारे में दिल्ली हाईकोर्ट की वकील वारिशा फरासत और द क्विंट की पत्रकार हिमांशी दहिया से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
वीडियो: मणिपुर में बीते 15 महीनों से जारी जातीय संघर्ष के बीच एक पड़ताल में सामने आए ऑडियो टेप्स ने सीएम एन. बीरेन सिंह की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. हिंसा के दौरान राज्य में तैनात असम राइफल्स को लेकर भी विवाद हुआ. इन पर द वायर की नेशनल अफेयर्स एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती और द हिंदू की डिप्टी एडिटर विजेता सिंह से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
वीडियो: इतिहासकार और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के अध्यापक ज्ञान प्रकाश की किताब 'इमरजेंसी क्रॉनिकल्स' का हिंदी संस्करण 'आपातकाल आख्यान' नाम से प्रकाशित हुआ है. इस किताब के मद्देनज़र भारतीय लोकतंत्र के काले अध्याय और बहुसंख्यक शासन पर नियंत्रण और संतुलन को लेकर उनसे द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज की बातचीत.
हालिया सालों में कई दक्षिण एशियाई देशों में हिंसक तरीके से सरकारें गिराई गई हैं. अपने पड़ोस में भारत की कूटनीतिक विफलताएं क्या रहीं? क्या भारत कुछ अलग कर सकता था? इस बारे स्वतंत्र पत्रकार और विदेश मामलों की विशेषज्ञ निरुपमा सुब्रमण्यम से द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज की बातचीत.
वीडियो: पेरिस ओलंपिक में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को फाइनल से ठीक पहले अयोग्य घोषित किए जाने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री उन पर किए गए ख़र्च गिनाते दिखे. इस पूरे घटनाक्रम और खेलों के प्रति सरकार की रवैये पर वरिष्ठ खेल पत्रकार प्रदीप मैगजीन और द वायर के पत्रकार अतुल अशोक होवाले के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
वीडियो: देश के अग्रणी विचारकों में से एक आशीष नंदी का मानना है कि उनके जैसे लोग 2014 के चुनावों के परिणामों का अनुमान नहीं लगा पाए थे. द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज के साथ बातचीत में उन्होंने नरेंद्र मोदी, गोपाल गोडसे और मदनलाल पाहवा के साथ अपने प्रसिद्ध साक्षात्कारों को याद किया.
वीडियो: संसद के मानसून सत्र के दौरान पत्रकार कांच के 'पिंजरे' में नज़र आए. क्या यह स्थिति मोदी सरकार में मीडिया की दशा दिखाती है? वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा और द वायर की पत्रकार श्रावस्ती दासगुप्ता के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
वीडियो: केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस वित्त वर्ष के बजट में आम आदमी को लाभ मिलने के कई दावे किए हैं. क्या सचमुच बजट आमजन के लिए फायदेमंद है? द वायर की संपादक सीमा चिश्ती और वरिष्ठ पत्रकार संजय के. झा के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
वीडियो: मेधा पाटकर नर्मदा बचाओ आंदोलन का प्रमुख चेहरा हैं. द वायर संवाद में उनके चालीस साल के संघर्ष, विस्थापित लोगों के जीवन, मुआवज़े के झूठ और गुजरात की कुछ कंपनियों को सरदार सरोवर परियोजना से अधिक लाभ मिलने के बारे में उनसे आशुतोष भारद्वाज की बातचीत.
वीडियो: बीते कुछ समय में कई राज्यों में विभिन्न पेपर लीक हुए हैं और अलग-अलग सरकारी भर्तियों में अनियमितताएं सामने आई हैं. यह मुद्दे युवाओं को किस तरह प्रभावित कर रहे हैं, इस बारे में द वायर हिंदी के पत्रकार अंकित राज और दिल्ली यूनिवर्सिटी की शिक्षक डॉ. माया जॉन से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
वीडियो: कल्लोल भट्टाचार्जी वरिष्ठ पत्रकार हैं और उनकी हालिया किताब 'नेहरूज़ फर्स्ट रिक्रूट्स' में उन्होंने देश की आज़ादी के बाद के शुरुआती सालों में भारतीय विदेश सेवा की नींव पड़ने के बारे में बताया है. इस किताब को लेकर उनसे आशुतोष भारद्वाज की बातचीत.
वीडियो: 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष बने ओम बिड़ला पर पक्षपात के आरोप लगते रहे हैं. इस बार क्या उनके बर्ताव में कोई बदलाव होगा. क्या ब्रॉडकास्ट बिल की तरह प्रेस को नियंत्रित करने वाले विधेयक पारित होते रहेंगे? द वायर की नेशनल अफेयर्स एडिटर संगीता बरुआ और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष गौतम लाहिरी के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.