मीडिया बोल की 34वीं कड़ी में उर्मिलेश फिल्म पद्मावत के विरोध में करणी सेना के उत्पात और कासगंज में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर द हिंदू सेंटर फॉर पॉलीटिक्स एंड पब्लिक पॉलिसी की सीनियर फेलो स्मिता गुप्ता और अमर उजाला के सलाहकार संपादक विनोद अग्निहोत्री से चर्चा कर रहे हैं.
निर्देशक संजय लीला भंसाली को लिखे एक ख़त में फिल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने पद्मावत फिल्म को सती और जौहर प्रथाओं का महिमामंडन बताते हुए सवाल उठाए हैं.
फिल्मकार और अभिनेत्री नंदिता दास ने कहा कि सेंसर बोर्ड के फिल्मों के प्रमाणन के सिद्धांत में ख़ामियां हैं.
लेखक हांसदा सोवेंद्र शेखर की किताब ‘द आदिवासी विल नॉट डांस’ पर संथाल आदिवासी समुदाय की महिलाओं का ग़लत चित्रण करने का आरोप लगा था.
फेसबुक के ज़रिये हुई शादी के एक मामले में दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जेबी पर्दीवाला ने की टिप्पणी.
जयपुर साहित्य महोत्सव में फिल्मकार विशाल भारद्वाज ने कहा कि लोग पहले भी आहत होते थे लेकिन अब आहत होने वालों को संरक्षण दिया जा रहा है.
साल 1933 में पैदा हुईं सुप्रिया का अभिनय करिअर करीब 50 साल का रहा. पद्मश्री से सम्मानित सुप्रिया को पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें राज्य के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘बंग विभूषण’ से भी नवाज़ा था.
जन गण मन की बात की 187वीं कड़ी में विनोद दुआ संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत के ख़िलाफ़ करणी सेना की गुंडागर्दी पर चर्चा कर रहे हैं.
विरोध के बीच फिल्म पद्मावत रिलीज़. सिनेमाघरों में उमड़े दर्शक. कई राज्यों में सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्स वालों ने फिल्म की रिलीज़ करने से मना किया.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक याचिका के जवाब में कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को पत्राचार में दलित शब्द के इस्तेमाल से बचना चाहिए क्योंकि यह शब्द संविधान में नहीं है.
भारत में बंददिमागी एवं अतार्किकता को जिस किस्म की शह मिल रही है और असहमति की आवाज़ों को सुनियोजित ढंग से कुचला जा रहा है, उसे रोकने की ज़रूरत है ताकि संविधान को बचाया जा सके.
संजय लीला भंसाली की फिल्म की रिलीज़ के ख़िलाफ़ दाख़िल पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार को लगाई फटकार. 25 जनवरी को ही रिलीज़ होगी फिल्म.
पिछले कुछ समय में कई जघन्य अपराधों में बच्चों के शामिल होने की घटनाएं सामने आई हैं.
मीडिया बोल की 33वीं कड़ी में उर्मिलेश देशभर में दलितों पर हो रहे अत्याचार और बलात्कार की मीडिया कवरेज पर दिल्ली विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर कौशल पंवार और वरिष्ठ पत्रकार पूर्णिमा जोशी से चर्चा कर रहे हैं.
एक सामाजिक संगठन द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि यौनकर्मियों के पुनर्वास और उत्थान के लिए देह व्यापार को क़ानूनी जामा पहनाने की ज़रूरत है.