धोनी पर कई बार अपने चहेते खिलाड़ियों को टीम में लेने का आरोप लगा. लेकिन कप्तान विराट कोहली सहित टीम के कई मौजूदा खिलाड़ी मानते हैं कि उनकी सफलता में धोनी द्वारा उन पर दिखाए गए भरोसे का बड़ा हाथ है.
अपने हिंदू दोस्तों को ईद की दावत दी. सबने चिकन-मटन खाने से मना कर दिया. ये वही दोस्त थे जो इसके पहले सिर्फ़ इस शर्त पर आते थे कि चिकन-मटन खाने को मिलेगा.
तांत्रिकों के सान्निध्य में मंत्रियों का जाना और पाप-पुण्य के फेर में पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाना अंधश्रद्धा पर सरकारी मुहर लगाना है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रहने वाली इस पीड़ित महिला के साथ इससे पहले तीन बार बलात्कार हुआ है और चार बार चेहरे पर तेज़ाब फेंका जा चुका है.
सिनेमा निर्माण के इतने दशकों के बाद भी हिंदुस्तानी सिनेमा में महिला निर्देशकों की संख्या को उंगलियों पर गिना जा सकता है. सिनेमाई दुनिया में भी घोर लैंगिक असमानता है.
नागार्जुन की कविता राजनीति के चरित्र का पर्दाफ़ाश करती है. जो लोग लोकतंत्र को बचाने और उसे मज़बूत बनाने की लड़ाई लड़ना चाहते हैं, उनके लिए नागार्जुन कभी अप्रासंगिक नहीं होंगे.
मशहूर निर्देशक तिग्मांशु धूलिया की फिल्म 'राग देश' का ट्रेलर 29 जून को संसद में रिलीज़ किया गया. द वायर के अखिल कुमार से उनकी बातचीत.
सरकार को इसपर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि अगर हम अपना कृषि क्षेत्र नहीं बचा पाए तो अर्थव्यवस्था भी नहीं बचा पाएंगे.
हरियाणा सरकार की एक पत्रिका की तस्वीर में लिखा है 'घूंघट की आन-बान, म्हारे हरियाणा की पहचान'
बल्लभगढ़, हरियाणा के हाफिज जुनैद को हाल ही में भीड़ ने पीट पीटकर मार दिया था. परिवार का आरोप है कि यह हत्या विशुद्ध सांप्रदायिक कारण से है.
तकनीक के अधकचरे इस्तेमाल ने दरअसल एक अधकचरी पढ़ी-लिखी हिंसा को भी जन्म दिया है. इस हिंसा का शिकार हर वैसा वर्ग और व्यक्ति हो रहा है, जो एक मदमाती सत्ता से सवाल पूछता है.
मैला ढोने के कार्य से जुड़े श्रमिकों के पुनर्वास के लिए स्व-रोजगार योजना के पहले के वर्षों में 100 करोड़ रुपए के आसपास आवंटित किया गया था, जबकि 2014-15 और 2015-16 में इस योजना पर कोई भी व्यय नहीं हुआ.
उत्तर प्रदेश के बरेली की घटना, तेज़ संगीत बजाने को लेकर शुरू हुआ था विवाद, पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है.
हरियाणा के खंदावली गांव के किशोर जुनैद की ईद के दो दिन पहले चलती ट्रेन में पीटकर हत्या कर दी गई थी, जिसके विरोध में गांव वालों ने ईद नहीं मनाई.
अंग्रेजी पत्रकारिता में आपको खुलेआम खुद को समलैंगिक बताने वाले लोग ज्यादा मिल जाएंगे, बनिस्बत ऐसे लोगों के जो खुल कर अपना दलित होना कुबूल करते हों.