अयोध्या से बाहर इसकी पहचान राम जन्मभूमि और बाबरी मस्ज़िद विवाद से ही होती है. लेकिन अयोध्या के पास इन दोनों के इतर और भी बहुत कुछ है कहने को.
मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के बानमौर स्थित जेके टायर ने पिछले साल जून मेें अपनी एक यूनिट को घाटे में बताकर बंद कर दिया और करीब 900 मजदूरों को एक झटके में काम पर न आने का नोटिस थमा दिया. मजदूर तब से इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
‘जन की बात’ की सातवीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ राजनीति में परिवारवाद और विजय माल्या व आर्म्स डीलर संजय भंडारी के विदेश भागने के प्रकरण पर चर्चा कर रहे हैं.
सेंसर बोर्ड ने अलंकृता श्रीवास्तव की फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माय बुरख़ा' को सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया है.
जॉली एलएलबी-2 एक मुस्लिम युवा के फेक एनकाउंटर की कहानी है. आख़िर में उसे न्याय मिल जाता है. लेकिन असल ज़िंदगी की कहानियों को क्या ऐसा अंत मिल पाता है?
अंतिम मुगल बादशाह बहादुरशाह ज़फ़र का परपोता होने का दावा करने वाले शहज़ादा याक़ूब हबीबुद्दीन तूसी ऐतिहासिक बीबी का मकबरा मस्जिद में नमाज़ की इजाजत मांगी है.
मिज़ोरम में केंद्र प्रायोजित योजना के तहत नियुक्त 1305 हिंदी शिक्षकों को 10 महीने से उनका वेतन नहीं मिला है. इसके खिलाफ उन्होंने कलमबंद हड़ताल शुरू की है.
तेलुगु फिल्म ‘शरणम गच्छामी’ को मंजूरी नहीं देने पर सीबीएफसी के हैदराबाद स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में कथित तौर पर तोड़फोड़ की गई.
बीते दिनों कश्मीर के बारे में ‘विटनेस’ नाम की एक किताब आई है. तस्वीरों के बहाने ये किताब कश्मीर के 30 सालों के घटनाक्रमों को बयां करती है.
पिछले कुछ सालों में उर्दू की दुनिया में रेख़्ता ने अलग मक़ाम हासिल किया है, उर्दू की हज़ारों क़िताबें, लाखों शेर और शायरों के काम को संजोया है. रेख़्ता फाउंडेशन के संस्थापक संजीव सराफ से बातचीत
रूस के तानाशाह स्टालिन की बेटी स्वेतलाना और कालाकांकर (प्रतापगढ़) के राजकुमार बृजेश सिंह की प्रेम कहानी ने साठ के दशक में भारत, सोवियत संघ और अमेरिका के संबंधों में तनाव पैदा कर दिया था.
मुंबई के सफाई कामगारों की तमाम समस्याएं हैं लेकिन इन्हें सुलझाने वाला कोई नहीं. इसलिए इनमें से कई कामगार इस बार बीएमसी के चुनाव लड़ रहे हैं.
श्मशान पुरातत्व के जानकारों और मानवशास्त्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण जगह रहे हैं. इसके अध्ययन के द्वारा वे अतीत के मनुष्यों की संस्कृति, धर्म और जीवन के अन्य पक्षों के बारे में अपनी समझ बनाते हैं.
लाखों प्रतियों में बिकने वाले वेद प्रकाश ही तो हमारे रोल मॉडल हैं जो यकीं दिलाते हैं कि हिंदी में लिख के भी पेट और पॉकेट दोनों भरा जा सकता है.
वर्दी वाला गुंडा, दुल्हन मांगे दहेज, दहेज में रिवॉल्वर जैसे उपन्यासों के रचयिता वेद प्रकाश शर्मा ने शुक्रवार देर रात दुनिया को अलविदा कह दिया.