गुजरात चुनाव राउंडअप: मोदी ने कहा, भाजपा को अगले 100 वर्षों तक गुजरात की सत्ता से बाहर नहीं किया जाना चाहिए. राहुल बोले, 22 सालों का हिसाब, गुजरात मांगे जवाब.
गुजरात चुनाव राउंडअप: चुनाव प्रचार में जादूगर के इस्तेमाल पर राहुल ने किया तंज. निर्दलीय लड़ेंगे जिग्नेश मेवानी, कांग्रेस देगी समर्थन. मोदी ने कहा, गुजरात चुनाव विकास और वंशवाद के बीच.
इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, मेघालय, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर के प्रमुख समाचार.
गुजरात चुनाव राउंडअप: अपने दो सदस्यों को ही टिकट मिलने से पाटीदार अमानत आंदोलन समिति कांग्रेस से नाराज, सभी सीटों पर लड़ेगी राकांपा, कांग्रेस से बातचीत रही विफल.
माहौल का असर है या कुछ और कि श्री श्री रविशंकर को अयोध्या में कोई भी गंभीरता से नहीें ले रहा. लेकिन श्री श्री का सौभाग्य कि वे मीडिया की भरपूर सुर्ख़ियां बटोर रहे हैं.
मध्य प्रदेश की मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे बिक रही है दाल. जून में किसानों का हिंसक आंदोलन झेल चुके सूबे में कृषि क्षेत्र के संकट का मुद्दा फिर गरमाता नज़र आ रहा है.
इस फिल्म के दो नायक हैं, अरविंद केजरीवाल और योगेंद्र यादव. दोनों एक-दूसरे से उतने ही अलग हैं जैसे कि भाप और बर्फ.
हिमाचल प्रदेश चुनाव राउंडअप: भाजपा के नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के भ्रष्टाचार को बनाया मुद्दा, कांग्रेस के राहुल गांधी ने नोटबंदी और जीएसटी पर किया प्रहार, अब फ़ैसला जनता के हाथ.
प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को बंद रखने की घोषणा. उच्च न्यायालय और एनजीटी ने राज्य सरकारों को फटकार लगाई.
इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मेघालय, असम, नगालैंड, सिक्किम, मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.
सरकार के हर फ़ैसले और बयान को देशभक्ति का पैमाना मत बनाइए. सरकारें आएंगी, जाएंगी. देश का इक़बाल खिचड़ी जैसे फ़ैसलों का मोहताज नहीं.
एके जोती एक अहम संवैधानिक पद पर नियुक्त होने के बाद भी गुजरात सरकार के बंगले में रहते रहे, जबकि यह पद राजनीतिक पार्टियों और सरकारों से पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करता है.
गुजरात चुनाव राउंडअप: वाघेला का नया राजनीतिक मोर्चा दूसरे दल के चुनाव चिह्न पर लड़ेगा, चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ गुजरात में शुरू हुआ चुनावी घमासान.
समाजवाद में मुज़फ़्फ़रनगर दंगों में घरों से भगा दिए गए परिवारों के बच्चे कैंपों में ठंड से मर रहे थे वहीं रामराज में बच्चे अस्पताल में मर रहे हैं.
छठ के इस वीडियो को देखकर शहर में अकेले रह रहे उच्च और मध्यमवर्ग के लोग अपने जीवन में आ रही कमी को महसूस करते हैं. यह सुख-सुविधा की कमी नहीं है. यह रौनक और संस्कृति के तत्त्वों की कमी है.