हम भी भारत की चौथी कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी द वायर में जय अमित शाह की कंपनी से जुड़ी रिपोर्ट लिखने वाली पत्रकार रोहिणी सिंह, कॉमन कॉज़ संस्था के विपुल मुद्गल और द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु के साथ चर्चा कर रही हैं.
अमेठी पहुंचे अमित शाह ने कहा, अमेठी की जनता राहुल से तीन पीढ़ियों का हिसाब मांग रही है. राहुल ने उठाए संघ में महिला भागीदारी पर सवाल.
पत्रकार रोहिणी सिंह द्वारा जय अमित शाह को भेजे गए सवालों पर उनके वकील मानिक डोगरा का जवाब.
‘द वायर’ में प्रकाशित रोहिणी सिंह की रिपोर्ट पर जय अमित शाह का जवाब.
विशेष रिपोर्ट: नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री और अमित शाह के भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद अमित शाह के बेटे जय शाह के व्यवसाय में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी दर्ज की गई.
भाजपा की जनरक्षा यात्रा के बीच केरल में माकपा और कांग्रेस ने आरएसएस कार्यकर्ताओं पर लगाया हमले का आरोप, दोनों ने अलग अलग किया बंद का आह्वान. रिजिजू बोले, माकपा के विचार राष्ट्र विरोधी.
क्या अंग्रेज़ी अख़बारों में छपी ख़बरों का हिंदी में अनुवाद करने पर भी मानहानि हो जाती है? अनुवाद की ख़बरों या पोस्ट से मानहानि का रेट कैसे तय होता है, शेयर करने वालों या शेयर किए गए पोस्ट पर लाइक करने वालों पर मानहानि का रेट कैसे तय होता है?
माकपा का अमित शाह पर पलटवार, कहा हिंसा की राजनीति का दौर आरएसएस ने शुरू किया, शाह की पदयात्रा मुद्दों से ध्यान भटकाने का हथकंडा है.
कांग्रेस ने कहा, भारत की जीएसटी दर दुनिया में सबसे ऊंची, ‘एक देश, एक कर’ का जो सपना था वह आज ‘एक देश, सात कर’ बन गया है.
विशेष साक्षात्कार: ‘फिक्शन आॅफ फैक्ट फाइंडिंग: मोदी एंड गोधरा’ किताब केे लेखक मनोज मिट्टा से चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन.
अमित शाह, स्मृति ईरानी और योगी के दौरे के पहले अमेठी पहुंचे राहुल, भाजपा ने बताया दरकती राजनीतिक ज़मीन बचाने की कवायद.
माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य प्रकाश करात का आरोप, राजनीतिक मुकाबले में नाकाम भाजपा की पदयात्रा राज्य में दंगे भड़काने की कवायद.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने माकपा की कथित हिंसा के विरोध में 15 दिन की पदयात्रा शुरू की, माकपा ने लगाया तनाव फैलाने का आरोप.
भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाईवी रेड्डी ने कहाकि वर्ष 2008 का वित्त आर्थिक संकट अभी तक टला नहीं है.
2019 के चुनावों से 18 महीने पहले, भारत की राजनीतिक अर्थव्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ाई हुई दिखाई दे रही है, लेकिन नरेंद्र मोदी द्वारा लगातार 2022 तक पूरे किए जाने वाले नामुमकिन वादों की झड़ी लगाने का सिलसिला जारी है.