साल 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में छह विधायक बसपा के टिकट पर जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. सितंबर 2019 में उन्होंने कांग्रेस में विलय की अर्जी दी थी, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने मंजूर कर लिया था. अब बसपा का कहना है कि वह एक राष्ट्रीय पार्टी है, जिसका राज्य स्तर पर विलय नहीं हो सकता है.
शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कैबिनेट की विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को राज्यपाल कलराज मिश्र ने कोई भी महत्वपूर्ण कारण और एजेंडा न बताने जैसे छह बिंदुओं का हवाला देते हुए ख़ारिज कर दिया था.
राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा यथास्थिति बरक़रार रखने के आदेश का मतलब है कि अब विधानसभा अध्यक्ष विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं ले पाएंगे. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उनके पास बहुमत है और इस बात पर उनके विरोधियों को भी संदेह नहीं है. विधानसभा सत्र बुलाने के लिए उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात भी की.
वीडियो: राजस्थान में मची सियासी खींचतान पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
बुधवार को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सचिन पायलट समेत कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक टालने के हाईकोर्ट के निर्देश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
राजस्थान में जारी राजनीतिक रस्साकशी के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश में चुनी हुई सरकार को गिराने का कुप्रयास किया जा रहा है. इस कृत्य में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा के अन्य नेता व कांग्रेस के कुछ अति महत्वाकांक्षी नेता भी शामिल हैं.
राजस्थान में हुई ईडी की इस कार्रवाई पर कांग्रेस ने कहा कि जब राज्य में सरकार गिराने में केंद्र की चालें असफल हो गईं, तो ईडी के छापे शुरू हो गए, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं.
कांग्रेस नेता सचिन पायलट सहित 19 बागी कांग्रेस विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से अनुरोध किया था कि वे 24 जुलाई तक नोटिस पर कोई कार्यवाही न करें.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बीच जारी सियासी खींचतान के बाद विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी द्वारा पायलट समेत कांग्रेस के 19 बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस जारी किया गया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.
राजस्थान की कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार का यह फैसला ऐसे समय आया है, जब पार्टी ने दो ऑडियो टेप के आधार पर भाजपा पर सरकार गिराने की साज़िश का आरोप लगाया है. वहीं, भाजपा ने इन ऑडियो टेप की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है.
राजस्थान की सियासी खींचतान पर बात करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक अख़बार से कहा था कि उमर और महबूबा मुफ़्ती पर एक ही क़ानून की समान धाराएं लगाई गई थीं. मुफ़्ती अब भी हिरासत में हैं जबकि अब्दुल्ला बाहर हैं. क्या यह इसलिए है क्योंकि अब्दुल्ला सचिन पायलट के साले हैं?
सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वह भाजपा के समर्थन से पिछले छह महीने से साज़िश रच रहे थे. कोई नहीं जानता था कि इतना मासूम चेहरा लेकर कोई व्यक्ति ऐसा काम कर सकता है. मैं यहां सब्जी बेचने नहीं आया हूं, मैं सीएम बनने आया हूं.
राजस्थान सरकार को गिराने की कथित साज़िश से जुड़े दो ऑडियो क्लिप में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की आवाज़ होने का दावा करते हुए कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि यदि चुनी गई किसी सरकार को पैसे की ताकत से अपदस्थ किया जाता है, तो यह जनादेश के साथ धोख़ा और लोकतंत्र की हत्या है.
वीडियो: राजस्थान में कांग्रेस नेता सचिन पायलट की बग़ावत और गहलोत सरकार के संकट में पड़ने से सवाल उठ रहा है कि अगर चुनी हुईं सरकारों को भय या लालच से गिराया जा सकता है और अपनी मनमर्ज़ी की पार्टी की सरकार को स्थापित किया जा सकता है तो फिर लोकतंत्र में चुनाव के मायने ही क्या रह गए? जाने माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
राजस्थान में जारी राजनीतिक घमासान और विधायकों की खरीद-फ़रोख़्त किए जाने के आरोपों के बीच कांग्रेस ने एक ऑडियो क्लिप का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा पर राजस्थान सरकार को गिराने की कोशिश का आरोप लगाया है.