केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की जनता ने 2019 के आम चुनाव के फैसले के माध्यम से देशभर में एनआरसी लागू करने पर अपनी मुहर लगा दी है.
रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने घोषणा की थी कि उनके राज्य में असम की तर्ज पर एनआरसी लागू किया जाएगा.
भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि अगर ममता बनर्जी को बांग्लादेशी घुसपैठियों के बल पर ही राजनीति करनी है तो उन्हें बांग्लादेश का प्रधानमंत्री बनना चाहिए.
भारत सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा के नज़दीक संरक्षित इलाकों में सीमित अवधि के लिए जाने के लिए इनर लाइन परमिट की ज़रूरत होती है. एनआरसी की अंतिम सूची आने के बाद मिज़ोरम सरकार ने कहा कि असम से लगी सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
भाजपा के असम प्रमुख ने कहा है कि स्वतंत्रता सेनानियों और असम आंदोलन के शहीदों के वंशजों के नाम एनआरसी सत्यापन प्रक्रिया के दौरान बाहर कर दिए गए. ऐसा लगता है कि हम एक ऐसा एनआरसी पाएंगे जिसमें अवैध विदेशियों के नाम होंगे और वास्तविक भारतीय उससे बाहर होंगे.
इससे पहले विदेशी नागरिक प्राधिकरण कारगिल युद्ध में भाग ले चुके मोहम्मद सनाउल्लाह और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान मामुद अली को भी विदेशी घोषित कर चुका है. सनाउल्ला की घटना के तुरंत बाद, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि किसी भी जवान को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी.
एनआरसी के प्रकाशन को आगे बढ़ाने की मांग करते हुए एबीवीपी ने कहा कि वर्तमान सूची में बहुत से मूल निवासियों के नाम छूटे हैं और अवैध प्रवासियों के नाम जोड़े गए हैं. जब तक इसे दोबारा सत्यापित कर सौ फीसदी 'त्रुटिहीन' नहीं बनाया जाता, इसका प्रकाशन नहीं होना चाहिए.
गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा गया कि अगर किसी का नाम सूची में नहीं है तो वह फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में 120 दिन के अंदर अपील दायर कर सकते हैं. यह समय सीमा पहले 60 दिन की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हमारे आदेश और हमारी कार्रवाई हर क्षण बहस और आलोचना का विषय होती है. हम इससे विचलित नहीं होते. यदि हम इस पर गौर करेंगे तो हम कभी भी अपना काम पूरा नहीं कर सकेंगे.’
वीडियो: इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में पूर्वोत्तर के विभिन्न मुद्दों पर द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
केंद्र और असम सरकार ने एनआरसी में गलत तरीके से शामिल किए गए और उससे बाहर रखे गए नामों का पता लगाने के लिए 20 फीसदी नमूने का फिर से सत्यापन करने की अनुमति न्यायालय से मांगी थी, जिसे उसने ठुकरा दिया.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि बांग्लादेश से सटे जिलों में स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से लाखों लोगों को गलत तरीके से असम एनआरसी में शामिल किया गया है. इस वजह से एनआरसी को अंतिम रूप देने के लिए 31 जुलाई की समयसीमा बढ़ाई जाए.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि देश की इंच-इंच ज़मीन पर जो अवैध प्रवासी रहते हैं, हम उनकी पहचान करेंगे तथा अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत उन्हें निर्वासित करेंगे.
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बताया कि इस साल 31 मार्च 2019 तक कुल 1,17,164 लोगों को न्यायाधिकरणों ने विदेशी घोषित किया. 100 विदेशी न्यायाधिकरण असम के विभिन्न ज़िलों में चल रहे हैं.
असम नागरिकता मुद्दे पर जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, इनमें से अधिकतर बंगाली मूल के मुस्लिम कवि और कार्यकर्ता हैं. इन पर दुनियाभर में असम के लोगों की छवि खराब करने का आरोप लगाया गया है.