केंद्रीय गृह मंत्रालय ने न सिर्फ बोगस आधार पर नागरिकता संशोधन कानून से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने से मना किया बल्कि सूचना देने के लिए आरटीआई एक्ट, 2005 में तय की गई समयसीमा का भी उल्लंघन किया.
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने बताया कि 2015 से 2020 में अब तक प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं पर कुल 446.52 करोड़ रुपये ख़र्च हुए हैं. हालांकि उनके द्वारा दिए आंकड़ों में प्रधानमंत्री के विमान के रखरखाव पर हुआ कुल ख़र्च शामिल नहीं है, जो अमूमन सर्वाधिक होता है.
आलम ये है कि चयन समिति के एक सदस्य वित्त सचिव राजीव कुमार ने भी सीवीसी पद के लिए आवेदन किया था और उन्हें इसके लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने अपनी याचिका में कहा है कि आरटीआई क़ानून में संशोधन करने का मुख्य उद्देश्य आरटीआई के तहत बने संस्थानों को प्रभावित करना है ताकि वे स्वतंत्र और निष्पक्ष होकर काम न कर पाएं.
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने संसद में दावा किया था कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने और विभिन्न पाबंदियों के बाद राज्य में पर्यटन पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है. हालांकि आरटीआई के तहत प्राप्त की गई जानकारी उनके दावे के उलट तस्वीर बयां करती है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने अपने विश्लेषण में बताया है कि 12 चरणों के दौरान बेचे गए 12,313 बॉन्ड्स में से 6524 बॉन्ड्स (45.68 फीसदी) एक करोड़ की कीमत के थे जबकि 4877 बॉन्ड्स (39.61 फीसदी) 10 लाख रुपये की कीमत के थे.
एक आरटीआई के तहत गृह मंत्रालय से पूछा गया था कि टुकड़े-टुकड़े गैंग कैसे और कब बना? इसके सदस्य कौन-कौन हैं? उन्हें आईपीसी की कौन-सी धाराओं के तहत क्या दंड दिया जाएगा.
चुनावी बॉन्ड योजना को लागू करने के लिए मोदी सरकार ने साल 2017 में विभिन्न कानूनों में संशोधन किया था. इसके बाद एडीआर ने याचिका दायर कर इन संशोधनों को चुनौती दी थी.
साल 2014 के बाद से ये चौथा मौका है जब फिर से मुख्य सूचना आयुक्त का पद खाली हुआ है लेकिन अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं हुई है. आयोग में कुल पांच पद खाली हैं जिसमें से चार पद नवंबर 2018 से खाली पड़े हुए हैं.
चुनाव आयोग को दी गई ऑडिट रिपोर्ट में भाजपा ने बताया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में पार्टी की कुल आय 2,410 करोड़ रुपये रही. पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इसमें 134 फीसदी का इज़ाफ़ा हुआ है.
इस विषय को लेकर दायर किए गए आरटीआई आवेदन पर सही से कार्रवाई नहीं करने को लेकर सीआईसी ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवाएं विभाग, आर्थिक कार्य विभाग तथा राजस्व विभाग और चुनाव आयोग को कारण बताओं नोटिस जारी किया है.
बीते नवंबर में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने राज्यसभा में बताया था कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म होने और विभिन्न पाबंदियों के बाद राज्य में पर्यटन पर कोई ख़ास प्रभाव नहीं पड़ा है. आरटीआई के तहत पर्यटन विभाग द्वारा दी गई जानकारी उनके दावे के उलट तस्वीर बयां करती है.
एक आरटीआई के जवाब में दिल्ली पुलिस ने बताया कि बीते साढ़े तीन साल में उन्हें अपने कर्मचारियों के ख़िलाफ़ क़रीब उन्नीस हज़ार शिकायतें मिलीं, जिनमें से 8.2 प्रतिशत पर कार्रवाई की गई.
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दावा किया कि आरटीआई का इस्तेमाल लोग ब्लैकमेलिंग के लिए कर रहे हैं. हालांकि ख़ुद केंद्र सरकार ने पिछले साल लोकसभा में बताया था कि बड़े स्तर पर आरटीआई के दुरुपयोग का कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश देते हैं कि नियुक्तियां करना शुरू कर दें. साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह दो हफ्ते के भीतर उस खोज समिति के सदस्यों के नाम सरकारी वेबसाइट पर डालें, जिन्हें सीआईसी के सूचना आयुक्त चुनने की ज़िम्मेदारी दी गई है.