एक जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट के 27 अप्रैल, 2017 के फैसले के बावजूद अभी तक लोकपाल की नियुक्ति की दिशा में कोई क़दम नहीं उठाए जाने का मुद्दा उठाया गया है.
कर्नाटक उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि झारखंड और कुछ अन्य राज्यों में आधार से जुड़ी सार्वजनिक वितरण प्रणाली में ख़ामियों की वजह से भुखमरी से मौत के कई मामले सामने आए हैं.
केंद्र सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में बताया कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है और मामले की जांच जारी है. सीबीआई ने पीएनबी के महाप्रबंधक रैंक के एक अधिकारी को गिरफ़्तार किया.
मोहसिन के कथित रूप से दाढ़ी रखने और हरे रंग की शर्ट पहनने पर साल 2014 में उसकी हत्या कर दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपियों को फिर से हिरासत में लेने का निर्देश दिया.
हम भी भारत की 21वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी बाबरी-राम मंदिर विवाद सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के बावजूद कोर्ट से बाहर समझौते की बात पर चर्चा कर रही हैं.
मणिपुर में वर्ष 2000 से 2012 के बीच सुरक्षा बलों और पुलिस पर कथित रूप से की गई 1528 फ़र्ज़ी मुठभेड़ और ग़ैर-न्यायिक हत्याओं का आरोप है.
नए पक्षकार जोड़ने की अपील पर हिंदू-मुस्लिम संगठनों समेत उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि मामले से असंबद्ध किसी व्यक्ति को दख़ल की इजाज़त नहीं दी जानी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने योगी सरकार को 17वीं सदी के इस स्मारक के संरक्षण के बारे में चार सप्ताह के भीतर दृष्टिपत्र पेश करने का निर्देश दिया.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 31 मई, 2005 को अपने फैसले में 64 करोड़ रुपये की दलाली मामले में हिंदुजा बंधुओं सहित सारे आरोपियों को आरोप मुक्त कर दिया था.
नवंबर से शुरू हुई सुनवाई में अब तक अभियोजन के 40 गवाहों में से 27 गवाह बयान से मुकर चुके हैं.
शीर्ष अदालत ने नाराज़गी ज़ाहिर की कि गोवा, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, झारखंड, मिज़ोरम, मध्य प्रदेश और केंद्रशासित दमन एवं दीव तथा लक्षदीप के वकील वृद्धों की स्थिति से संबंधित याचिका की सुनवाई के दौरान उपस्थित ही नहीं हुए.
गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा पर अंकुश लगाने के न्यायिक आदेश पर अमल नहीं करने पर महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने तीनों सरकारों के ख़िलाफ़ अवमानना याचिका दाख़िल की है.
ऐसा नहीं है कि न्यायपालिका में जारी गड़बड़ियों से आम आदमी बेख़बर हो, लेकिन न्यायपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार आमतौर पर अवमानना के डर से कभी भी सार्वजनिक बहस का मुद्दा नहीं बन सका.
ज़मानत मिलने के बावजूद बड़ी संख्या में आरोपी जेलों में ही हैं. आधार या ज़मानत के दस्तावेज़ के पुलिस सत्यापन में देरी से वे रिहा नहीं हो पा रहे हैं.
जन गण मन की बात की 187वीं कड़ी में विनोद दुआ संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत के ख़िलाफ़ करणी सेना की गुंडागर्दी पर चर्चा कर रहे हैं.