नागरिकता संशोधन जैसे विधेयक लोगों को जाति और धर्म के आधार पर बांटने का काम करते हैं. कश्मीर और असम जैसे राज्यों में जनतंत्र के विरोध के सुर को गन-तंत्र से दबाने की कोशिश की जा रही है.
नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने शुक्रवार सुबह संसद तक मार्च निकालने की घोषणा की थी. हालांकि उन्हें विश्वविद्यालय के पास में ही रोक लिया गया.
मोइत्रा के अलावा इसी तरह एक याचिका संयुक्त रूप से वकील एहतेशाम हाशमी, पत्रकार जिया उस सलाम और कानून के छात्र मुनीब अहमद खान, अपूर्वा जैन और आदिल तालिब ने दाखिल किया है. इनका आरोप है कि इसका मकसद मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभाव है.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नागरिकता संशोधन विधेयक को भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र के खिलाफ बताया और कहा कि उनकी सरकार इस विधेयक को अपने राज्य में लागू नहीं करेगी.
नागरिकता संशोधन विधेयक में उन मुसलमानों को नागरिकता देने के दायरे से बाहर रखा गया है जो भारत में शरण लेना चाहते हैं.
उर्दू की वरिष्ठ पत्रकार और लेखक शिरीन दलवी ने नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में महाराष्ट्र राज्य उर्दू साहित्य अकादमी की ओर से मिला सम्मान लौटा दिया है.
नागरिकता संशोधन विधेयक पारित किए जाने के विरोध में असम में जारी हिंसात्मक प्रदर्शन की वजह से राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थान बंद. असम से आने-जाने वाली ट्रेनें और उड़ानें रद्द. कई अधिकारियों का तबादला. असम के 10 ज़िलों में इंटरनेट पर 48 घंटे की पाबंदी. त्रिपुरा में भी स्कूल-कॉलेज और विभिन्न कार्यालय रहे बंद.
गृहमंत्री अमित शाह ने संसद को बताया कि पिछले पांच साल में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले 560 से अधिक मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता दी गई.
अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिज़ोरम के बाद मणिपुर चौथा राज्य है, जहां पर आईएलपी को लागू किया गया है. नगालैंड के दीमापुर में अब तक इनर लाइन परमिट की व्यवस्था नहीं थी. इस व्यवस्था का मक़सद मूल आबादी के हितों की रक्षा के लिए अन्य भारतीय नागरिकों की बसाहट को रोकना है.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह विधेयक संविधान के समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है.
अमेरिका के मुस्लिम सांसद आंद्रे कार्सन ने कहा कि सांसदों द्वारा क्रूर नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित करने के साथ ही आज हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक और घातक कदम देखा. हालांकि भाजपा के इतिहास और सांप्रदायिकता से उसके संबंध को देखते हुए यह कार्रवाई अप्रत्याशित नहीं है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देश में कहा गया है कि सभी टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी सामग्री के प्रति खासतौर पर सावधानी बरतें, जिनसे हिंसा को प्रोत्साहन मिलता हो या उससे हिंसा भड़कती हो या कानून-व्यवस्था बनाए रखने में समस्या पैदा होने की आशंका हो या फिर ऐसी घटनाएं, जो राष्ट्रविरोधी व्यवहार को बढ़ावा दे रही हों.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, नागरिकता संशोधन विधेयक का पारित होना तुच्छ सोच वाली और कट्टर ताकतों की भारत के बहुलवाद पर जीत है.
बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने कहा, हमारे देश के कई महत्वपूर्ण निर्णय अलग-अलग धर्मों के व्यक्तियों द्वारा लिए जाते हैं. हम कभी भी किसी को उनके धर्म से नहीं आंकते हैं.
प्रदर्शनकारियों को शांत करने का प्रयास करने के बारे में गुवाहाटी की भाजपा सांसद क्वीन उजा ने कहा कि अभी मामला बहुत गर्म है. जब केतली बहुत गर्म है तो उसे छूने पर हाथ जल जाएंगे. हम इंतजार करेंगे. हम धीरे-धीरे कोशिश करेंगे.