बीती 26 जनवरी को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में गणतंत्र दिवस समारोह में कई पत्रकारों ख़ासकर फोटोग्राफरों को वैध पास होने के बावजूद भी कथित तौर पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई. एडिटर्स गिल्ड ने इसे प्रेस की आज़ादी पर हमला बताया.
एडिटर्स गिल्ड ने मामले की जांच कराने की मांग करते हुए सवाल उठाया है कि कहीं ये फैसला राजनीति से प्रेरित तो नहीं. एक अक्टूबर को रजिस्ट्रार ऑफ न्यूज़पेपर फॉर इंडिया माकपा के मुखपत्र 'डेली देशेर कथा' का पंजीकरण रद्द कर दिया था.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और भारत के प्रधान न्यायाधीश से फैसले की समीक्षा करने की अपील की.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने हाल ही में कई पत्रकारों पर हमले की धमकियों और सोशल मीडिया पर उनके लिए अपशब्दों के इस्तेमाल की पुरजोर निंदा की है.
मंत्री की अश्लील सीडी मामले में गिरफ़्तार पत्रकार की तीन दिन की पुलिस हिरासत ख़त्म होने पर पुलिस ने न्यायित हिरासत की मांग की थी.