समझौता विस्फोट: असीमानंद सहित चार को बरी किए जाने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती

पाकिस्तान की एक महिला ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दाख़िल की याचिका. फरवरी 2007 में दिल्ली-लाहौर समझौता एक्सप्रेस में हुए विस्फोट के मामले के चारों आरोपियों स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी को बीते मार्च महीने में अदालत ने बरी कर दिया था.

आतंक के आरोपी का दावा, एनआईए के सुझाव पर आरोप स्वीकार कर लिया था

साल 2012 में पांच लोगों को लश्कर-ए-तैयबा आतंकी होने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. सात साल बाद इस हफ्ते बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा होने वाले उनमें से एक मोहम्मद इरफान गौस ने दावा किया है कि वह निर्दोष थे.

मालेगांव विस्फोट में इस्तेमाल आरोपी प्रज्ञा ठाकुर की बाइक का न्यायाधीश ने परीक्षण किया

साल 2008 में मालेगांव बम धमाके के बाद घटनास्थल से दो बाइक और पांच साइकलों को जब्त किया गया था. आरोप है कि बम में आईईडी से विस्फोट किया गया था और इसे सुनहरे रंग की एलएमएल फ्रीडम बाइक में रखा गया था, जो ठाकुर के नाम पर पंजीकृत है.

2006 मालेगांव धमाका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने चार आरोपियों को ज़मानत दी

हाईकोर्ट ने चार आरोपियों मनोहर नावरिया, राजेंद्र चौधरी, धन सिंह और लोकेश शर्मा को जमानत दी है. तीन साल पहले एनआईए ने लोकेश शर्मा और धन सिंह को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में बरी किया था.

द वायर बुलेटिन: पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हमले के विरोध में दिल्ली, महाराष्ट्र के डॉक्टर हड़ताल पर

2006 मालेगांव धमाका मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा चार आरोपियों को ज़मानत दिए जाने समेत दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरें.

साध्वी प्रज्ञा को प्रत्याशी बना भाजपा देखना चाहती है कि हिंदुओं को कितना नीचे घसीटा जा सकता है

लोग कह रहे हैं कि इस चुनाव में भाजपा का भरोसा छूट रहा है, उसने साध्वी को लाकर ब्रह्मास्त्र चलाया है. यह परीक्षा वास्तव में भाजपा की नहीं है, यह हिंदुओं का इम्तिहान है. क्या वे धर्म के इस अर्थ को स्वीकार करने को तैयार हैं?

तीन घटनाएं, जो बताती हैं कि कश्मीर की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है

भाजपा मतदाताओं को यह दिखाने के लिए कि वह आतंक पर सख़्त है, उस मौजूदा कश्मीर नीति से छेड़छाड़ कर रही है, जो अलगाववादियों के साथ सामंजस्य लाने के उद्देश्य से बनाई गई थी. एक ऐसी नीति, जो राज्य को बर्बादी की कगार से वापस लाई थी.

जब मुक़दमा चलानेवाले एनआईए जैसे हों, तो बचाव में वकील रखने की क्या ज़रूरत है

समझौता एक्सप्रेस मामले की सुनवाई कर रहे जज ने कहा कि अभियोजन कई गवाहों से पूछताछ और उपयुक्त सबूत पेश करने में नाकाम रहा इसलिए मजबूरन आरोपियों को बरी करना पड़ा. जब एनआईए जैसी शीर्ष जांच एजेंसी एक भयानक आतंकी हमले के हाई-प्रोफाइल मामले में इस तरह बर्ताव करती है, तो देश की जांच और अभियोजन व्यवस्था की क्या साख रह जाती है?

समझौता एक्सप्रेस मामले में क्यों एनआईए ने एक राजनीतिक विचारधारा के लिए अपनी साख दांव पर लगाई

भारत सरकार यूं तो कहती है कि आतंकवादी कहीं छिपा हो वह उसे निकाल लाएगी, लेकिन इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री का कहना था कि क्यों सरकार आगे की अदालत में इस फैसले के ख़िलाफ़ अपील करे? जिसे करना हो करे, सरकार क्यों करे? इससे क्या फायदा होगा?

समझौता एक्सप्रेस विस्फोट: अदालत ने कहा, सबूतों के अभाव में गुनहगारों को सजा नहीं मिल पाई

एनआईए अदालत के जज जगदीप सिंह ने अपने फैसले में कहा, 'मुझे गहरे दर्द और पीड़ा के साथ फैसले का समापन करना पड़ रहा है क्योंकि विश्वसनीय और स्वीकार्य साक्ष्यों के अभाव की वजह से इस जघन्य अपराध में किसी को गुनहगार नहीं ठहराया जा सका.'

जम्मू-कश्मीर: पुलिस हिरासत में स्कूल प्रिंसिपल की मौत, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

दक्षिणी कश्मीर के अवंतिपुरा में पूछताछ के लिए हिरासत में लिए एक स्कूल प्रिंसिपल रिज़वान असद पंडित की मौत पर पुलिस ने मजिस्ट्रेट जांच कराने की बात कही है. परिजनों ने कहा, किसी जांच पर विश्वास नहीं.

2014 से अब तक में कितनी बार फोन टैपिंग की गई, ये जानकारी नहीं दे सकते: गृह मंत्रालय

द वायर द्वारा दायर किए गए आरटीआई के जवाब में मंत्रालय ने कहा कि इस जानकारी का खुलासा नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे देश हित प्रभावित होंगे, किसी व्यक्ति को ख़तरा हो सकता है या जांच की प्रक्रिया बाधित हो सकती है.

छत्तीसगढ़: एनआईए का झीरम घाटी हमले की जांच राज्य सरकार को सौंपने से इनकार

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार बनते ही किया था हमले की जांच के लिए एसआईटी का गठन. एनआईए के इनकार पर बोले- यह दिखाता है कि भाजपा सरकार ने कुछ छिपाया है.

लोगों के कंप्यूटर की निगरानी के कारणों का खुलासा करने से केंद्र सरकार का इनकार

आरटीआई के ज़रिये उन सभी आधिकारिक रिकॉर्डों की कॉपी मांगी थी जिनमें 10 सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों को किसी के भी कंप्यूटर में मौजूद डेटा को हासिल करने का अधिकार दे दिया गया है.

छत्तीसगढ़ सरकार ने झीरम घाटी नक्सल हमले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया

राज्य में बस्तर क्षेत्र के झीरम घाटी में 25 मई, 2013 को विधानसभा चुनाव से पहले नक्सलियों ने कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया था. इस हमले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल समेत 29 लोगों की मौत हो गई थी.