इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मणिपुर, असम, सिक्किम, मेघालय, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के प्रमुख समाचार.
दिल्ली पुलिस के निर्देशों के अनुसार जंतर मंतर पर अधिकतम 1000 लोगों को, संसद मार्ग पर 2000 लोगों को और बोट क्लब पर ज्यादा से ज्यादा 100 लोगों को प्रदर्शन की इजाजत होगी.
परियोजना को मिली स्वीकृतियां स्पष्ट दिखाती हैं कि इसके लिए गुड गवर्नेंस के कई सिद्धांतों से समझौता किया गया है.
एनजीटी ने सवाल उठाया कि अगर सिगरेट के पैकेटों पर ‘यह स्वास्थ्य के लिए घातक है’ चेतावनी लिखी हो सकती है, तो लोगों को नदी के जल के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जानकारी क्यों नहीं दी जाए.
जस्टिस एके गोयल बीते 6 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे. सरकार ने उसी दिन उन्हें एनजीटी का अध्यक्ष बना दिया था. गोयल ने ही एससी/एसटी क़ानून में संशोधन का फैसला सुनाया था.
हाल ही में एनजीटी ने कहा है कि सरकार ने गंगा सफाई पर करोड़ों रुपये ख़र्च तो कर दिए है लेकिन गंगा अभी भी पर्यावरण के लिए एक गंभीर विषय बना हुआ है. इसकी सफाई के लिए कोई क़दम नहीं उठाया गया.
एनजीटी द्वारा जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने पर लगी रोक को चुनौती देने वाली यचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागरिकों के प्रदर्शन करने और शांत जीवन जीने के दोनों परस्पर विरोधी अधिकारों के बीच संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता है.
एनजीटी ने कहा था कि सरकार ने गंगा सफाई पर 7,000 करोड़ रूपये खर्च कर दिया है लेकिन गंगा अभी भी पर्यावरण के लिए एक गंभीर विषय बना हुआ है.
2012 में अरुण जेटली ने कहा था कि रिटायरमेंट के फौरन बाद जजों को किसी नए सरकारी पद पर नियुक्त करना न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए ख़तरनाक हो सकता है, लेकिन उनकी इस सलाह को उनकी ही सरकार में कोई तवज्जो नहीं दी गई है.
ई-कचरे की वैश्विक मात्रा साल 2016 में 4.47 करोड़ टन थी जो 2021 तक 5.52 करोड़ टन तक पहुंचने की संभावना है. भारत में करीब 20 लाख टन सालाना ई-कचरा पैदा होता है.
एनडीए सरकार द्वारा दिसंबर 2014 में पर्यावरण क़ानून में इस तरह के बदलाव किए गए, जिससे वेदांता के तूतीकोरिन प्रोजेक्ट जैसे कुछ विशेष प्लांट को इससे प्रभावित होने वाले लोगों के राय-मशविरे के बिना बनाने की मंज़ूरी मिली.
एनजीटी ने मुरादाबाद में रामगंगा नदी के किनारे ई-कचरे के निस्तारण की कार्रवाई में नाकामी को लेकर प्रदेश सरकार के साथ ज़िलाधिकारी पर भी जुर्माना लगाया है.
पुलिस बलों की भारी मौजूदगी में शुरू हुई रैली. कई विश्वविद्यालयों के छात्र मौजूद.
यूनियन कार्बाइड को औपचारिक रूप से तो ख़त्म मान लिया गया, लेकिन जो ज़हर इस कारखाने ने भोपाल की ज़मीन में बोया, वो अब इस शहर की अगली नस्ल को अपनी चपेट में ले रहा है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार और नगर निगमों से पूछा, अगर आप अपने स्कूलों से कचरा नहीं हटा सकते तो आप किस तरह की शिक्षा देंगे.