दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रॉक्टर द्वारा जारी किए गए एक नोटिस के अनुसार, विरोध प्रदर्शन करने वाले आयोजकों को कार्यक्रम की जानकारी, वक्ताओं की सूची, प्रतिभागियों की अपेक्षित संख्या जैसी अन्य जानकारियां प्रस्तुत करनी होगी.
एक साक्षात्कार में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि एनपीआर आंकड़ों का इस्तेमाल कभी भी एनआरसी के लिए नहीं किया जा सकता है. यहां तक कि कानून भी अलग-अलग हैं…मैं सभी लोगों, खासकर अल्पसंख्यकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एनपीआर का इस्तेमाल एनआरसी के लिए नहीं किया जाएगा. यह एक अफवाह है.
वीडियो: केंद्र सरकार ने बीते दिनों नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर यानी एनपीआर अपडेट करने और जनगणना 2021 की शुरुआत करने को मंज़ूरी दे दी है. इसके बाद ही बहस शुरू हो गया कि यह देशभर में एनआरसी लाने का पहला क़दम है, जिसका विरोध हो रहा है. इस बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं सुप्रीम कोर्ट के वकील शादान फरासत.
अरुंधति रॉय ने 25 दिसंबर को दिल्ली यूनिवर्सिटी में एनपीआर को लेकर कहा था कि यह भी एनआरसी का ही हिस्सा है. जब सरकारी मुलाज़िम एनपीआर के लिए जानकारी मांगने आपके घर आएं तो उन्हें अपना नाम रंगा-बिल्ला बता दें और अपने घर का पता देने के बजाय प्रधानमंत्री आवास का पता लिखवा दें.
केरल के भाजपा प्रवक्ता बी. गोपालकृष्णन ने राज्य सरकार के नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर से जुड़ी गतिविधियों पर रोक लगाने पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री विजयन ने एनपीआर लागू नहीं किया तो केंद्र द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य को मिलने वाला राशन नहीं दिया जाएगा.
जिस नागरिकता क़ानून को गांधी जी और भारतीयों ने आज से 113 साल पहले विदेशी धरती पर नहीं माना, उस औपनिवेशिक सोच से निकले सीएए और एनआरसी को हम आज़ाद भारत में कैसे स्वीकार कर सकते हैं?
एक तरफ सरकार जहां इस बात से इनकार कर रही है कि एनपीआर और एनआरसी में कोई संबंध है, वहीं अपने पहले कार्यकाल में नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद में कम से कम नौ बार बताया था कि एनआरसी को एनपीआर आंकड़ों के आधार पर पूरा किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने की मंज़ूरी दे दी है. विपक्ष ने इसे देशव्यापी एनआरसी की तरफ सरकार का पहला कदम बताया है.
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लेकर राज्यों के विरोध के बीच गृह मंत्रालय ने इसे अपडेट करने के लिए कैबिनेट से करीब चार करोड़ करोड़ रुपये मांगे हैं. साथ ही अब से इस प्रक्रिया में माता-पिता का जन्मस्थान और जन्मतिथि भी बतानी होगी, जो पिछले एनपीआर में नहीं पूछा जाता था.