‘हमें नए कृषि क़ानून की ज़रूरत नहीं, पहले बुंदेलखंड पैकेज से बनीं मंडियों को शुरू कराए सरकार’

ग्राउंड रिपोर्ट: यूपी में बुंदेलखंड के सात ज़िलों में किसानों को कृषि बाज़ार मुहैया करवाने के उद्देश्य से 625.33 करोड़ रुपये ख़र्च कर ज़िला, तहसील और ब्लॉक स्तर पर कुल 138 मंडियां बनाई गई थीं. पर आज अधिकतर मंडियों में कोई ख़रीद-बिक्री नहीं होती, परिसरों में जंग लगे ताले लटक रहे हैं और स्थानीय किसान परेशान हैं.

सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर किसान: क़ानून पर रोक नहीं, पूरा क़ानून वापस चाहिए

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट द्वारा नए कृषि क़ानून पर रोक लगाए जाने के साथ चार सदस्यीय टीम गठित की गई है. इस मुद्दे पर प्रदर्शनकारी किसानों से द वायर की बातचीत.

किसान आंदोलन: टिकरी बॉर्डर पर किसानों के साथ कलाकारों ने एकजुटता दिखाई

वीडियो: हाल ही में प्रदर्शनकारी किसानों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिए कई कलाकार टिकरी बॉर्डर पहुंचे. गीतकार गुरप्रीत सैनी, अभिनेत्री स्वरा भास्कर, अभिनेता आर्य बब्बर, टीवी एंकर जो बाथ, गायक रब्बी शेरगिल और अन्य कलाकारों ने किसानों का समर्थन किया है.

कृषि क़ानूनों पर रोक लगाकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या संसद के काम में दख़ल दिया?

वीडियो: विवादित तीन कृषि क़ानूनों की संवैधानिकता जांचे बिना सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस पर रोक लगाने के क़दम की आलोचना हो रही है. विशेषज्ञों ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय का ये काम नहीं है. इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

प्रदर्शन कर रहे किसानों ने लोहड़ी पर नए कृषि क़ानूनों की प्रतियां जलाईं

दिल्ली की विभिन्न ​सीमाओं पर लकड़ियां एकत्र कर जलाई गईं और उसके चारों तरफ घूमते हुए किसानों ने नए कृषि क़ानूनों की प्रतियां जलाईं. इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने नारे लगाए, गीत गाए और अपने आंदोलन की जीत की प्रार्थना की. किसान एक महीने से ज्यादा समय से इन क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं.

कृषि क़ानूनों के विपरीत सुप्रीम कोर्ट कई विवादित क़ानूनों पर रोक लगाने से कर चुका है इनकार

विवादित तीन कृषि क़ानूनों की संवैधानिकता जांचे बिना सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस पर रोक लगाने के क़दम की आलोचना हो रही है. विशेषज्ञों ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय का ये काम नहीं है. इससे पहले ऐसे कई केस- जैसे कि आधार, चुनावी बॉन्ड, सीएए को लेकर मांग की गई थी कि इस पर रोक लगे, लेकिन शीर्ष अदालत ने ऐसा करने से मना कर दिया था.

भाजपा नेताओं की तरह सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में कहा- किसान आंदोलन में हुई खालिस्तानी घुसपैठ

सुप्रीम कोर्ट में सरकार की इस स्वीकारोक्ति से पहले पिछले कुछ महीनों में कई भाजपा नेता किसान आंदोलन में खालिस्तानियों के शामिल होने का आरोप लगा चुके हैं. यहां तक कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल और कृषि नरेंद्र तोमर ने भी इस संबंध में माओवादी और टुकड़-टुकड़े गैंग जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है.

सुप्रीम कोर्ट की समिति के सदस्य सरकार समर्थक, उसके समक्ष पेश नहीं होंगे: किसान संगठन

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नए कृषि क़ानूनों पर रोक लगाते हुए किसानों से बात करने के लिए समिति बनाने के निर्णय पर किसान संगठनों ने कहा कि वे इस समिति को मान्यता नहीं देते. जब तक क़ानून वापस नहीं लिए जाते तब तक वे अपना आंदोलन ख़त्म नहीं करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने कृषि क़ानूनों पर रोक लगाई, किसानों से बातचीत के लिए समिति का गठन

सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन कृषि क़ानूनों पर केंद्र और किसानों के बीच गतिरोध दूर करने के उद्देश्य से बनाई गई समिति में भाकियू के भूपेंद्र सिंह मान, शेतकारी संगठन के अनिल घानवत, प्रमोद कुमार जोशी और कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी शामिल हैं. इन चारों द्वारा नए कृषि क़ानूनों का समर्थन किया गया है.

किसान आंदोलन संभालने में नाकाम केंद्र, कृषि क़ानूनों पर रोक लगानी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

केंद्र के तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ कई याचिकाओं को सुनते हुए सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि सरकार जिस तरह से मामले को संभाल रही है उससे वे बेहद निराश हैं. कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर सरकार कहे कि क़ानूनों को लागू करने पर रोक लगाएगी, तो अदालत इसके लिए समिति गठित करने को तैयार है.

गणतंत्र दिवस पर वो हम पर लाठी चलाएंगे और हम राष्ट्रगान गाएंगे: किसान नेता राकेश टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता राकेश टिकैत उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले के बड़ौत में किसानों के धरने में पहुंचकर कहा कि 26 जनवरी को दिल्‍ली में गणतंत्र दिवस की परेड में एक तरफ टैंक चलेंगे और दूसरी तरफ कृषि क़ानूनों की वापसी की मांग पर हमारे तिरंगा लगे हुए ट्रैक्‍टर.

भूमि अधिग्रहण बिल के बाद कृषि क़ानून प्रधानमंत्री की दूसरी हार का कारण बनेंगे: हन्नान मोल्ला

तीन कृषि क़ानूनों को लेकर आंदोलनरत किसानों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच अब तक हुई आठ दौर की वार्ता में भी गतिरोध ख़त्म नहीं होने को अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की की व्यक्तिगत असफलता बताया है.

आंदोलन स्थल पर एक किसान ने जान दी, अब तक चार लोग कर चुके हैं आत्महत्या

मृतक किसान की पहचान 39 वर्षीय किसान अमरिंदर सिंह के रूप में हुई. वह पंजाब में फतेहगढ़ साहिब के मचराई कलां गांव के रहने वाले थे. केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग पर किसान एक महीने से अधिक समय से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

किसान और सरकार के बीच आठवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा, अगली बैठक 15 जनवरी को संभावित

इससे पहले किसानों और सरकार के बीच चार जनवरी को हुई सातवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही थी. किसान जहां तीनों कृषि क़ानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हैं, तो दूसरी ओर सरकार क़ानूनों के दिक्कत वाले प्रावधानों और अन्य विकल्पों पर चर्चा करने पर अडिग नज़र आ रही है.

कृषि क़ानूनों को वापस लेने के अलावा किसी भी प्रस्ताव पर विचार करने को सरकार तैयार: कृषि मंत्री

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर कई राज्यों के किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं में एक महीने से अधिक समय से विरोध कर रहे हैं