किसान आंदोलन: कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा, उनका देश शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के साथ खड़ा रहेगा

केंद्र सरकार के तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में बीते 26 नवंबर से किसानों का प्रदर्शन जारी है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने किसान आंदोलन का समर्थन किया था, जिसे भारत ने देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बताने के साथ कनाडाई राजदूत को तलब कर इससे दोनों देशों के संबंधों को नुकसान पहुंचने की चेतावनी दी थी.

किसानों के साथ सरकार की बातचीत बेनतीजा, आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान

किसान नेताओं ने ​कहा कि यदि केंद्र सरकार उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है तो वे आंदोलन को और तेज़ करेंगे. उनका कहना है कि पांच दिसंबर को देश भर में प्रधानमंत्री का पुतला फूंका जाएगा. तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बीते 26 नवंबर से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हज़ारों की संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.

यह समय है जब ग़ैर-कृषि वर्ग को किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए: पी. साईनाथ

कृषि मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार पी. साईनाथ ने कहा कि सरकार समझ रही थी कि यदि वो इस समय ये क़ानून लाती है तो मज़दूर और किसान संगठित नहीं हो पाएंगे और न विरोध कर पाएंगे, लेकिन उनका यह आकलन ग़लत साबित हुआ है.

किसान आंदोलन: एक और किसान की मौत के साथ अब तक कम से कम छह लोगों की जान गई

केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि क़ानूनों के खिलाफ पिछले नौ दिनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हज़ारों की संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे निर्णायक लड़ाई के लिए दिल्ली आए हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

टैक्सी और ट्रांसपोर्टर यूनियन के बाद आंदोलन कर रहे किसानों को बिजली इंजीनियरों ने दिया समर्थन

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन की ओर से कहा गया है कि कृषि क़ानूनों की वापसी के साथ बिजली (संशोधन) विधेयक-2020 को वापस लेने की भी मांग की गई है. इसके ज़रिये बिजली का निजीकरण करने की योजना है, जिसके बाद बिजली की दरें किसानों की पहुंच से दूर हो जाएंगी.

किसान आंदोलन: ‘अगर हमें यहां दो महीने भी बैठना पड़े तो हम बैठेंगे’

वीडियो: केंद्र द्वारा लाए गए नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर बीते नौ दिनों से किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली के चिल्ला बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत.

किसान आंदोलन: ‘ये क़ानून किसानों की सहमति के बिना बना है’

वीडियो: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि क़ानून के विरोध में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों से द वायर के शेखर तिवारी की बातचीत.

पंजाब: पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कृषि क़ानूनों के विरोध में पद्म पुरस्कार लौटाया

इससे पहले पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड सम्मानित सहित कई पूर्व खिलाड़ियों ने भी अपने सम्मान लौटाने की बात कही है. केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान बीते 26 नवंबर से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

किसानों के समर्थन में ट्रांसपोर्टरों ने उत्तर भारत में परिचालन बंद करने की चेतावनी दी

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के कोर कमेटी के चेयरमैन ने कहा कि आठ दिसंबर से वे दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान सहित पूरे उत्तर भारत में आपूर्ति रोक देंगे. टैक्सी यूनियन ने भी हड़ताल की चेतावनी दी है. नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान बीते आठ दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

कनाडा तक पहुंची किसान आंदोलन की गूंज, घबरा गई मोदी सरकार?

वीडियो: देश में कृषि क़ानूनों के विरोध में किसानों के प्रदर्शन पर कनाडा के प्रधानमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर लेखक अमनदीप संधू से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

‘अगर हम किसान नहीं, तो वो भी नेता नहीं हैं’

वीडियो: केंद्र सरकार के विवादित कृषि क़ानूनों को लेकर किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले सात दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. शेखर तिवारी की किसानों से बातचीत.

पहले सीएए अब किसान आंदोलन को बदनाम कर रही है भाजपा

वीडियो: केंद्र सरकार के विवादित नए कृषि क़ानूनों को लेकर हज़ारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

किसानों के समर्थन में पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार विजेता खिलाड़ियों ने सम्मान लौटाने को कहा

जिन खिलाड़ियों ने ये घोषणा की है, उनमें पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड विजेता पहलवान करतार सिंह, अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित खिलाड़ी सज्जन सिंह चीमा और अर्जुन अवॉर्ड से ही सम्मानित हॉकी खिलाड़ी राजबीर कौर शामिल हैं.

किसानों के प्रदर्शन से दिल्ली में दूसरे राज्यों से आने वाले फल-सब्ज़ियों की आपूर्ति प्रभावित

आजादपुर में कृषि उत्पाद विपणन समिति के अध्यक्ष ने बताया कि दिल्ली के सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर मार्ग बाधित होने के कारण पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर से सब्ज़ियों और फलों की आपूर्ति पर असर पड़ा है. आम दिनों में दूसरे राज्यों से क़रीब 2500 ट्रक आते हैं. अब यह संख्या घटकर 1,000 रह गई है.

किसानों के ‘दिल्ली चलो मार्च’ के दौरान कम से कम तीन लोगों की मौत

मृतकों में से दो किसान और एक वाहन मैकेनिक थे. किसान संगठनों ने मृतकों के परिजनों को नौकरी और मुआवज़ा देने की मांग की है. पंजाब और हरियाणा समेत अन्य राज्यों से आए किसान केंद्र के विवादित कृषि क़ानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.