बीते 13 सितंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 328 ऐसी दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो दो या उससे अधिक दवाओं के संयोजन से बनी थीं और जिन्हें बिना मेडिकल पर्चे के केमिस्ट की दुकान से ख़रीदा जा सकता था. यह प्रतिबंध सात सितंबर से लागू हुआ है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की समिति की सिफारिश पर भारतीय दवा नियंत्रक ने प्रतिबंध लगाया है. दवा में ट्रांसक्योटोल तत्व पाया गया जो कि पूरी दुनिया में प्रतिबंधित है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बिहार में 28,391 लोगों पर एक डॉक्टर. देश में डॉक्टरों की कमी के चलते मधुमेह और उच्च रक्तचाप के मरीजों की तादाद एक साल में दोगुनी. कैंसर के मामलों में 36 फीसदी बढ़ोतरी.
जीएसटी के चलते डायलिसिस, पेसमेकर लगाने, आर्थोपेडिक्स में सहायक उपकरणों और कैंसर उपचार के लिए अधिक ख़र्च करना पड़ सकता है.