केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि ऐसी सूचना है कि कई रोहिंग्या मुसलमान तबलीगी जमात के ‘इज्तिमास’ और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल हुए थे और उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका है.
ज़ूम वर्क फ्रॉम होम करने वालों के लिए एक उपयोगी ऐप है, जो इसकी मदद से अपने टीम के अन्य सदस्यों से जुड़ सकते हैं. कोरोनावायरस के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन के चलते लोग मीटिंग आदि करने के लिए इस तरह के ऐप का सहारा ले रहे हैं.
इससे पहले 27 मार्च को रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो दर में 90 बेसिक पॉइंट यानी कि 0.90 फीसदी की कटौती करते हुए इसे 4.0 फीसदी कर दिया था.
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बुधवार को 392 हो गई जबकि इससे संक्रमित लोगों की कुल संख्या 11,933 है. पिछले 24 घंटों में 1118 नए संक्रमितों की पहचान हुई है, जिसमें 39 लोगों की जान जा चुकी है.
गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ये दिशानिर्देश देशभर में जिलाधिकारियों द्वारा लागू किए जाएंगे, जिसमें आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत जुर्माना लगाने के साथ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है.
जनता की परेशानियों को देखते हुए कुछ चुनिंदा गतिविधियों को 20 अप्रैल से चालू करने की मंजूरी दी गई है. ये राहतें राज्य/केंद्र शासित सरकारों या जिला प्रशासन द्वारा मौजूदा दिशानिर्देशों का सख्त अनुपालन करते हुए दी जाएंगी.
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के राष्ट्रीयकरण की मांग वाली याचिका को 'गलत' बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार कोरोनो वायरस से संक्रमित व्यक्तियों के इलाज के लिए सभी प्रकार के प्रभावी कदम उठा रही है.
याचिका में यह दावा भी किया गया है कि 860 मछुआरों में से कोई भी अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुआ है, लेकिन वे पर्याप्त भोजन या पानी के बिना अमानवीय परिस्थितियों में ईरान में फंसे हुए हैं.
अपनी द्विवार्षिक रिपोर्ट में विश्व बैंक ने कहा कि भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में अंतर्देशीय यात्री परिवहन साधनों पर रोक की घोषणा और इसे लागू करने के बीच एक दिन से भी कम समय लगा जिससे अव्यवस्था उत्पन्न हो गई.
मामला उत्तर प्रदेश के बांदा जिले का है. 52 वर्षीय किसान रामभवन शुक्ला दो दिन से फसल काटने के लिए गांव में मजदूर ढूंढ रहे थे, मगर लॉकडाउन की वजह से मजदूर नहीं मिल रहे थे.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेताओं ने चेताया है कि खेती-किसानी से जुड़ी समस्याओं को समय रहते नहीं सुलझाया गया तो बीमारी से ज़्यादा भुखमरी से मौतें होंगी.
कोरोना वायरस से सुरक्षा को लेकर लागू लॉकडाउन के कारण अधिकांश मज़दूर अपने घर चले गए हैं, इसलिए विभिन्न सामानों का उत्पादन काफी कम हो गया है. इसके अलावा ट्रांसपोर्ट सेवा की कमी भी खाद्यान्नों की सप्लाई को सीमित कर दिया है.
युद्ध असाधारण परिस्थिति उत्पन्न करता है, जहां समाचार, विचार और सामाजिक आचार सिर्फ सरकारें तय कर सकती हैं. युद्ध में सरकार से सवाल जुर्म होता है और सैनिक से बलिदान की अपेक्षा की जाती है. ऐसे में अगर डॉक्टर ख़ुद को संक्रमण से बचाने की सामग्री की मांग करते हुए काम रोक दें तो वही जनता, जो इनके लिए करतल ध्वनि के कोलाहल का उत्सव मना रही थी, इनके लिए सज़ा की मांग करेगी.
14 अप्रैल तक लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बीच ओडिशा सरकार ने इसे 30 अप्रैल तक बढ़ाने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र से 30 अप्रैल तक रेल और उड़ान सेवा रोकने का आग्रह किया है.
कोरोना वायरस के मद्देनज़र असम के एक गैर सरकारी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि ऐसी ही राहत उन लोगों को भी दिए जाने की आवश्यकता है, जिन्हें फॉरेन ट्रिब्यूनल द्वारा विदेशी नागरिक घोषित किए जाने के बाद हिरासत में रखा गया है.