गुजरात: हाईकोर्ट ने गोहत्या के दोषी की सज़ा रद्द की

बीते जून महीने में निचली अदालत ने गोहत्या के लिए गुजरात पशु संरक्षण (संशोधन) अधिनियम 2017 के तहत राजकोट ज़िले के सलीम मकरानी को दस साल की सज़ा सुनाई थी. हाईकोर्ट ने इसे रद्द करते हुए सलीम की तुरंत रिहाई का आदेश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को फटकार, कोई देश अपने लोगों को मरने के लिए गैस चैंबर में नहीं भेजता

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश की स्वतंत्रता को 70 साल से अधिक बीत चुके हैं लेकिन आज भी जातिगत भेदभाव बरक़रार है. हर महीने मैला ढोने के काम में लगे चार से पांच लोग की मौत हो रही है.

गुजरात के विश्वविद्यालय ने छात्रों से 370 ख़त्म होने के समर्थन वाली रैली में शामिल होने को कहा

गुजरात के वडोदरा स्थित एमएस विश्वविद्यालय का मामला. विश्वविद्यालय सिंडिकेट के एक भाजपा सदस्य ने कहा कि हमने छात्रों और कर्मचारियों से अपनी स्वेच्छा से रैली में शामिल होने को कहा है, किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की गई.

सरदार सरोवर: सरकारी आकलन से कहीं ज़्यादा है बाढ़ और डूब के प्रभावितों की संख्या

बीते दिनों नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के पुनर्वास आयुक्‍त ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्‍वीकारा कि विस्‍थापितों और प्रभावितों के आकलन में ‘टोपो शीट’ पर पेंसिल से निशान लगाने की पद्धति का इस्‍तेमाल किया गया. बोलचाल में नजरिया सर्वे कही जाने वाली इस तरकीब में अंदाज़े से डूबने वाली हर चीज और जीती-जागती इंसानी बसाहटों को चिह्नित कर विस्‍थापित घोषित कर दिया गया था.

गुजरात: सरदार सरोवर का जलस्तर बढ़ने से नर्मदा में बाढ़, करीब चार हज़ार लोगों को निकाला गया

सरदार सरोवर बांध से सात लाख क्यूसेक पानी छोड़ने की वजह से नर्मदा का जलस्तर 31 फुट से ऊपर पहुंच चुका है, जो ख़तरे के निशान से तीन फुट ज़्यादा है.

अनुच्छेद 371 को नहीं छूएगी केंद्र सरकार: अमित शाह

असम के गुवाहाटी में पूर्वोत्तर परिषद के 68वें पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत सरकार किसी भी अवैध प्रवासी को देश में रहने की अनुमति नहीं देगी. यह हमारी प्रतिबद्धता है.

सरदार सरोवर बांध: लोगों का पुनर्वास करने की जगह उन्हें डुबाने पर क्यों अमादा है सरकार?

सरदार सरोवर बांध में बारिश का पानी भरने से मध्य प्रदेश में नर्मदा घाटी में बसे 192 गांव और एक कस्बे के डूबने का ख़तरा है. इससे लगभग 32 हज़ार लोग प्रभावित होंगे. सुप्रीम कोर्ट के तमाम आदेशों के बावजूद यहां रहने वाले लोग आज भी पुनर्वास का बाट जोह रहे हैं.

मध्य प्रदेश के बाढ़ प्रभावितों के उचित पुनर्वास को लेकर मेधा पाटकर ने सत्याग्रह शुरू किया

नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक मेधा पाटकर ने मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले के छोटा बड़दा गांव में यह अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू किया है. पाटकर ने कहा कि पुनर्वास का मतलब प्रभावित परिवार को सिर्फ मुआवज़ा देना नहीं बल्कि उन्हें आजीविका भी दी जानी चाहिए.

सरदार सरोवर बांध के पानी से मध्य प्रदेश का निसरपुर गांव डूबा, सैकड़ों लोग पलायन को मजबूर

गुजरात में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के बैकवॉटर के बढ़ते स्तर से मध्य प्रदेश में इस नदी के पास स्थित हजारों पेड़ों और खेतों के अलावा रिहायशी इलाके भी डूब रहे हैं.

गाजियाबाद: सीवर लाइन बनाने के दौरान दम घुटने से पांच मजदूरों की मौत

ठेकेदार ने मजदूरों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को दस-दस लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है.

सरदार सरोवर: बढ़ता जलस्तर, ख़तरे में ज़िंदगियां

नई दिल्ली के जंतर मंतर पर सरदार सरोवर बांध का जलस्तर घटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने आए मध्य प्रदेश के ग्रामीणों और नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं से संतोषी मरकाम की बातचीत.

सीवर सफाईकर्मियों की मौतों से जुड़े मामलों में किसी को सज़ा नहीं हुई: सरकार

सामाजिक न्याय और अधिकारिता सचिव नीलम साहनी ने स्वीकार किया कि सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई के दौरान सफाई कर्मचारियों की मौत का सिलसिला अभी भी जारी है और सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के बावजूद इन सभी मामलों में 10 लाख रुपये के मुआवजे का भी भुगतान नहीं किया गया.

जम्मू कश्मीर: मोदी-शाह ने अनुच्छेद 370 से लेकर अनुच्छेद 3 तक संविधान का गला घोंट दिया है

मोदी सरकार के इस कदम ने सात दशकों की आधिकारिक नीति को ख़त्म करते हुए देश को अनजान क़ानूनी और राजनीतिक मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है.

जम्मू कश्मीर: चौथे दिन भी निषेधाज्ञा लागू, फोन-इंटरनेट लगभग बंद, कुछ ज़िलों में रात का कर्फ्यू

जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को ख़त्म कर दिया गया है. बीते चार अगस्त से कश्मीर घाटी में धारा 144 लागू है और मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं लगभग बंद कर दिए गए हैं. भारत के अन्य राज्यों और विदेश में रह रहे कश्मीरी लोग अपनों का हाल जानने के लिए परेशान. वहीं प्रशासन का कहना है कि हालात शांतिपूर्ण हैं.

कश्मीरी पंडितों ने कहा: अब हम अपने मूल स्थान पर वापसी कर सकेंगे

देशभर के कश्मीरी पंडितों ने उम्मीद जताई कि इससे क्षेत्र में शांति का माहौल स्थापित होगा और मूल स्थान पर सम्मान एवं गरिमा के साथ उनकी वापसी का मार्ग प्रशस्त होगा.

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