छत्तीसगढ़: पिछले 10 वर्षों में इस साल सबसे ज़्यादा सुरक्षाकर्मियों ने आत्महत्या की

पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, 2007 से लेकिन अब तक कुल 115 सुरक्षाकर्मियों ने आत्महत्या की, इन दस सालों में 2017 में सबसे ज़्यादा 36 जवानों ने आत्महत्या कर ली.

देश को विपक्ष मुक्त बनाने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रहा केंद्र: मायावती

बसपा प्रमुख ने कार्यकर्ताओं को चेताया, लोकसभा चुनाव समय से पहले होने की संभावना, अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिए भाजपा हिंदुत्व को बना सकती है मुद्दा.

महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में जनवरी से अब तक 814 किसानों ने आत्महत्या की

महाराष्ट्र में गन्ना आंदोलन हिंसक हुआ, मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में तीन किसानों ने की खुदकुशी, नीमच में उपज का दाम कम मिला तो किसान ने उपज को आग लगाई.

नोटबंदी पर जश्न का दिन भी किसानों के लिए मौत का दिन था

मध्य प्रदेश में दो, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब में एक-एक किसानों ने की आत्महत्या, महाराष्ट्र में जनवरी से लेकर अक्टूबर तक 2,414 किसानों ने आत्महत्या की.

पत्रकार विनोद वर्मा की गिरफ़्तारी पर भाजपा-कांग्रेस में छिड़ा सियासी घमासान

सीडी मामले को मंत्री ने बताया चरित्रहनन का प्रयास, एफआईआर में नहीं है विनोद वर्मा का नाम, अदालत में नहीं पेश हुई कोई सीडी, पत्रकारों ने पुलिस के दावों पर उठाए सवाल.

सोशल मीडिया पर अपने ‘मन की बात’ रखने वाले जवान को निलंबित कर गिरफ़्तार किया गया

जवान ने अधिकारियों जैसा भोजन, साप्ताहिक छुट्टी और शारीरिक दंड का रिवाज़ ख़त्म करने के साथ नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह की आलोचना की थी.

पूरे देश का भगवाकरण होना चाहिए: केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास राज्य मंत्री डॉ.सत्यपाल सिंह ने कहा भगवा ज्ञान का प्रतीक है और सूर्य का रंग भी भगवा है.

राज्य यह तय नहीं कर सकते कि पर्यटक क्या खाएंगे-क्या पिएंगे: नीति आयोग के सीईओ

अमिताभ कांत ने कहा, राज्यों को इस मामले में नहीं पड़ना चाहिए कि पर्यटक क्या खाना-पीना चाहता है. यह पर्यटकों का निजी मामला है.

जितने मुंह, उतनी व्याख्याओं के लिए तैयार है हिंदू धर्म

हिंदू धर्म आज तक अगर प्राणवान रहा है तो राजाओं, अदालतों और पुलिस या लठैतों के बल पर नहीं. उसकी प्राणवत्ता परस्पर विरोधी स्वरों को सुनने और बोलने देने की उसकी तत्परता में रही है. उसे किसी मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं.

महिषासुर भारतीय इतिहास का ऐतिहासिक नायक है

आज महिषासुर एक ऐतिहासिक चरित्र से मिथक बन चुका है. इतिहास के अति लोकप्रिय नायक मिथक हो जाया करते हैं. महिषासुर का इतिहास तो लोकमानस की यादों में जीवित है, उसे इतिहास ग्रंथों में खोजना बेईमानी है.

देश का एक तबका महिषासुर और रावण वध का जश्न मनाए जाने का विरोध क्यों कर रहा है?

छत्तीसगढ़ के कांकेर ज़िले में आदिवासियों ने महिषासुर को पूर्वज बताते हुए दुर्गा पूजा समिति के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराया है तो मध्य प्रदेश के बैतूल में रावण वध के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो रहा है.