कश्मीर में बीते एक हफ़्ते में ही भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है, जिसके बाद स्थानीय नेताओं ने सुरक्षा की मांग की है, वहीं दर्जनभर से ज़्यादा कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफ़ा देने का ऐलान किया है. केंद्र के एक नेता का कहना है कि ये हमले यह निर्वाचित प्रतिनिधियों को डराने का प्रयास हैं.
भाजपा नेता अब्दुल हामिद नज़र को गोली मारी गई है. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वह मध्य कश्मीर के बडगाम के मोहिंदपुरा इलाके के रहने वाले हैं. इससे पहले दक्षिण कश्मीर में एक सरपंच की हत्या कर दी गई थी और एक अन्य सरपंच पर हमला किया गया था.
मामला उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा का है. जम्मू कश्मीर पुलिस ने बताया कि भाजपा के 27 वर्षीय पूर्व ज़िलाध्यक्ष वसीम अहमद बारी और उनके परिवार की सुरक्षा में लगाए गए 10 पुलिसकर्मियों को उनकी सुरक्षा करने में नाकाम होने के कारण गिरफ़्तार कर लिया गया है.
जम्मू की विशेष अदालत में एनआईए ने कहा कि संवेदनशील जानकारियां हासिल करने के लिए जम्मू कश्मीर के निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह को पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा तैयार किया गया था और उन्होंने सीमा पर हिजबुल मुजाहिदीन आतंकियों को हथियार हासिल करने में मदद की.
इस साल जनवरी में कथित तौर पर हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के साथ गिरफ़्तार जम्मू कश्मीर के निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा दर्ज एक मामले में 90 दिनों के अंदर चार्जशीट दायर करने में विफल रहने के बाद ज़मानत मिली है.
जम्मू के दूध उत्पादक गुज्जर समुदाय का कहना है कि दिल्ली में हुए तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल कई लोगों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद से उन्हें इससे जोड़कर 'नफ़रत भरा अभियान' चलाते हुए कहा गया कि वे संक्रमण ला रहे हैं इसलिए उनसे दूध न खरीदा जाए.
बीते 5 मार्च को सात महीने के बाद जम्मू कश्मीर में इंटरनेट से प्रतिबंध हटाया गया है. एक तबके का मानना था कि यह बैन शांति प्रक्रिया के लिए अहम था, हालांकि स्थानीयों के मुताबिक़ यह प्रतिबंध मनोरंजन या सोशल मीडिया पर नहीं बल्कि आम जनता के जानने और बोलने पर था.
23 जनवरी की सुनवाई के दौरान अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द किए जाने की वैधता को चुनौती देनी वाली याचिकाओं को पेश करने वाले वकीलों ने मांग की थी कि जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने को चुनौती देने वाले मामलों को सात जजों की बड़ी पीठ के पास भेजा जाए क्योंकि अनुच्छेद 370 से जुड़े पिछले दो फैसले पांच जजों की पीठ द्वारा दिए गए थे और दोनों में विवाद था.
वीडियो: मीडिया बोल की इस कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश जम्मू कश्मीर पुलिस में कार्यरत दविंदर सिंह की गिरफ़्तारी को लेकर लेखक और वरिष्ठ पत्रकार विपुल मुद्गल, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की छात्रा आकृति भाटिया और पूर्व आईपीएस विकास नारायण राय के साथ चर्चा कर रहे हैं.
वीडियो: बीते दिनों जम्मू कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी दविंदर सिंह को दो आतंकियों के साथ पकड़ा गया है. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार संजय कपूर और अनुराधा भसीन से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
ऐसे समय में जब हमें यह बताया गया है कि अनुच्छेद 370 का हटना आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में सबसे निर्णायक क़दम था, तब अगले मिशन पर जा रहे एक वांटेड आतंकी के साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के पकड़े जाने पर यक़ीन करना मुश्किल है.
जम्मू कश्मीर के हवाईअड्डों की सुरक्षा का ज़िम्मा अब तक सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के पास था. एक हालिया आदेश में जम्मू कश्मीर के गृह विभाग ने यह ज़िम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को सौंपी है.
जम्मू कश्मीर पुलिस की सिफारिश के बाद हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादियों के साथ पकड़े गए दविंदर सिंह को बहादुरी के लिए दिया गया शेर-ए-कश्मीर पुलिस पदक बुधवार को 'वापस' ले लिया गया. सिंह की सेवा से बर्खास्तगी की सिफारिश भी की गई है.
जम्मू कश्मीर पुलिस ने कहा कि हिजबुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकियों के साथ गिरफ्तार किए गए दविंदर सिंह को गृह मंत्रालय ने नहीं बल्कि पूर्व की जम्मू कश्मीर सरकार ने वीरता पदक से सम्मानित किया था. ऐसी खबरें थीं कि दविंदर सिंह को विशिष्ट सेवा के लिए पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था.
आतंकियों के साथ पकड़े गए जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारी दविंदर सिंह को निलंबित कर दिया गया है. पुलिस के अनुसार पूछताछ के दौरान सामने आया है कि सिंह ने आतंकियों को श्रीनगर के हाई-सिक्योरिटी इलाके में स्थित अपने घर में पनाह दी थी.