राजभवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि किसी व्यक्ति को हिरासत में लिए जाने या रिहा किए जाने में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल शामिल नहीं हैं. इस तरह के फैसले स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा किए जाते हैं.
यूरोलॉजी में गोल्ड मेडल विजेता ओमर सलीम अख़्तर को तब गिरफ़्तार कर लिया गया जब वे मीडिया से बात कर रहे थे. इस दौरान वे लगातार कह रहे थे कि वे केवल मानवता संकट पर ध्यान दिलाने की कोशिश कर रहे हैं.
कोर्ट ने यह भी कहा कि येचुरी तारिगामी के स्वास्थ्य के बारे में जानने के अलावा किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वह कई मुद्दों पर नरेंद्र मोदी सरकार से असहमत हैं, लेकिन यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और पाकिस्तान या कोई दूसरा देश इसमें दखल नहीं दे सकता.
कोर्ट ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से लोग अपने मामलों की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट नहीं पहुंच पा रहे हैं. यहां तक कि सरकारी विभाग भी अपनी पैरवी करने के लिए कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके.
कश्मीर घाटी में 22वें दिन भी दुकानें और अन्य कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे. श्रीनगर के लाल चौक और प्रेस एन्क्लेव क्षेत्र में अब भी लैंडलाइन टेलीफोन सेवाएं बंद हैं. मोबाइल सेवाएं और बीएसएनएल ब्रॉडबैंड तथा इंटरनेट संबंधी अन्य सेवाएं पांच अगस्त से ही बंद हैं.
अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को अपना झंडा रखने की इजाजत थी. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा राज्य का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद राज्य के झंडे को अन्य इमारतों से भी हटाया जाएगा.
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत दिए गए विशेष दर्जे को खत्म करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद राज्य में हिंसा में किसी शख्स की जान नहीं गई है.
एमैनुअल मैक्रों ने कहा कि मैं कुछ दिनों बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से बात करूंगा और उनसे कहूंगा कि वार्ता द्विपक्षीय होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस अगले महीने भारत को 36 राफेल लड़ाकू विमानों में से पहला विमान भेजेगा.
नई दिल्ली के जंतर मंतर पर गुरुवार को डीएमके के नेतृत्व में कांग्रेस, टीएमसी, राजद, सीपीआई और सीपीएम सहित कई अन्य पार्टियों ने एक साथ आकर जम्मू कश्मीर में हालात को सामान्य करने, घाटी में संचार सेवाओं को दुरुस्त करने और हिरासत में लिए गए सभी राजनीतिक नेताओं की रिहाई की मांग की.
संचार के सारे साधनों को काटकर, उन्हें काबू में रखने के लिए सुरक्षा बलों के इस्तेमाल का मक़सद कश्मीरियों को यह याद दिलाना है कि उनका अपना कोई वजूद नहीं है- उनका अस्तित्व सत्ता के हाथ में है, वो सत्ता जिसका प्रतिनिधित्व वहां हर जगह मौजूद सेना कर रही है.
शेहला राशिद के सेना द्वारा पूरे क्षेत्र में डर का माहौल बना देने के आरोपों को सेना ने ख़ारिज करते हुए आधारहीन बताया. शेहला का कहना है कि अगर सेना इनकी निष्पक्ष जांच करना चाहे, तो वे ऐसी घटनाओं की जानकारी दे सकती हैं.
इस पूरे अध्याय ने कश्मीर की आवाज़ और बोलने का हक़ दोनों छीन लिया, लेकिन कहा गया कि कश्मीरी जनता खुश है. अजीत डोभाल को सबने चार कश्मीरियों के साथ खाना खाते तो देखा पर किसी को नहीं पता कि उन तस्वीरों में पीछे कितने सैनिक बंदूक ताने खड़े थे.
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, एक मजिस्ट्रेट ने बताया कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटने के बाद से कम से कम 4000 लोगों को गिरफ्तार कर पीएसए के तहत हिरासत में रखा गया है.