जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को जन सुरक्षा क़ानून के तहत हिरासत में लिए जाने के ख़िलाफ़ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है. पिछले साल अगस्त में राज्य का विशेष दर्जा ख़त्म किए जाने के बाद से ही उमर नज़रबंद हैं.
जम्मू कश्मीर के पूर्व विधायक और वरिष्ठ माकपा नेता यूसुफ़ तारिगामी ने प्रदेश के बड़े नेताओं की हिरासत को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि अगर जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य हैं तो सरकार वहां चुनाव क्यों नहीं कराती.
आज जब सुनवाई शुरु हुई तो तीन न्यायाधीशों की पीठ में शामिल जस्टिस मोहन शांतानागौदर ने खुद को इसकी सुनवाई से अलग कर लिया. बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने जन सुरक्षा कानून के तहत उमर अब्दुल्ला की हिरासत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के खिलाफ जो पीएसए लगाने के लिए जो आरोप लगाए गए हैं उनमें उनकी बड़ी संख्या में वोट हासिल करने की क्षमता का जिक्र किया गया है. वहीं, खतरनाक साजिश रचने की क्षमता के कारण पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को 'डैडी गर्ल' और 'कोटा रानी' कहा गया.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को पीएसए के तहत नजरबंद करने के खिलाफ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका कर उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है.
इसके साथ ही दो अन्य नेताओं पर भी इस कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता अली मोहम्मद सागर और पीडीपी के सरताज मदनी शामिल हैं. पिछले साल अगस्त में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से ही उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती नजरबंद हैं.
वीडियो: ‘कश्मीर पंडितों का क्या?’ यह एक ऐसा सवाल है जो कई सालों से राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है. इस सवाल ने सिर्फ़ कश्मीरी पंडितों के ज़ख़्म हरे किए और मुसलमानों की ख़राब छवि को पेश किया. इस मुद्दे पर शिक्षक अनमोल टिक्कू से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने संसद में दावा किया था कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने और विभिन्न पाबंदियों के बाद राज्य में पर्यटन पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है. हालांकि आरटीआई के तहत प्राप्त की गई जानकारी उनके दावे के उलट तस्वीर बयां करती है.
भारत सरकार द्वारा आयोजित रायसीना वार्ता में भाग लेने के बाद वापस लौटकर दक्षिण और मध्य एशिया की कार्यवाहक सहायक सचिव एलिस वेल्स ने नागरिकता संशोधन अधिनियम पर राष्ट्रव्यापी विरोध पर कहा कि एक जोरदार लोकतांत्रिक समीक्षा होनी चाहिए चाहे वह सड़कों पर हो, चाहे राजनीतिक विपक्ष, मीडिया या अदालतों द्वारा हो.
जम्मू कश्मीर प्रशासन के गृह विभाग की एक अधिसूचना के मुताबिक मोबाइल फोन पर 2जी स्पीड के साथ इंटरनेट सुविधा 25 जनवरी से चालू हो जाएगी. सोशल मीडिया साइटों तक घाटी के लोगों की पहुंच नहीं होगी और तय वेबसाइटों तक ही उनकी पहुंच हो सकेगी.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को कहा कि कश्मीर में राजनीतिक बंदियों की रिहाई, इंटरनेट बहाल करने और घाटी में लोगों का डर दूर करने से स्थिति सामान्य होगी, न कि विभिन्न मंत्रियों के फोटो खिंचवाने से.
वीडियो: मीडिया बोल की इस कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश जम्मू कश्मीर पुलिस में कार्यरत दविंदर सिंह की गिरफ़्तारी को लेकर लेखक और वरिष्ठ पत्रकार विपुल मुद्गल, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की छात्रा आकृति भाटिया और पूर्व आईपीएस विकास नारायण राय के साथ चर्चा कर रहे हैं.
वीडियो: बीते दिनों जम्मू कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी दविंदर सिंह को दो आतंकियों के साथ पकड़ा गया है. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार संजय कपूर और अनुराधा भसीन से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं. वहां जारी विरोध प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि जेएनयू एक राजनीतिक युद्ध का मैदान बन गया है. यह 10 रुपये से लेकर 300 रुपये तक फीस वृद्धि का मुद्दा नहीं है. हर कोई लड़ाई जीतने की कोशिश कर रहा था. मैं राजनीतिक दलों का नाम नहीं लूंगा.
जम्मू कश्मीर प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में सभी स्थानीय प्रीपेड मोबाइल फोन पर कॉल करने और एसएमएस भेजने की सुविधा बहाल कर दी गई है. इंटरनेट सेवा प्रदाताओं से जम्मू क्षेत्र के सभी दस जिलों और उत्तरी कश्मीर के दो जिलों कुपवाड़ा और बांदीपोरा में फिक्स लाइन इंटरनेट संचार सेवा प्रदान करने को कहा गया है.