यूनाइटेड नेशंस वर्किंग ग्रुप ऑन आर्बिट्रेरी डिटेंशन ने कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया की छात्रा सफूरा ज़रगर की मेडिकल स्थिति को देखते हुए गंभीर से भी गंभीर आरोप में भी तत्काल गिरफ़्तारी की कोई ज़रूरत नहीं थी. निकाय ने भारत से उनकी हिरासत की परिस्थितियों पर एक स्वतंत्र जांच सुनिश्चित करने को कहा है.
वीडियो: दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र-छात्राओं ने मांग की है कि प्रशासन विश्वविद्यालय को फिर से खोल दे. छात्र-छात्राओं का कहना है कि कई शैक्षणिक संस्थान खोले जा रहे हैं, सभी गतिविधियों को धीरे-धीरे शुरू किया जा रहा है. इस मांग को लेकर छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन भी किया.
दिसंबर 2019 में सीएए के ख़िलाफ़ एक प्रदर्शन में हुई झड़प के बाद दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया परिसर में घुसकर लाठीचार्ज किया था, जिसमें क़रीब 100 लोग घायल हुए थे. विश्वविद्यालय ने बिना अनुमति प्रवेश और छात्रों व सुरक्षा गार्डों पर हमले के आरोप में पुलिस पर एफआईआर दर्ज करने की याचिका दायर की थी.
इस साल फरवरी में दिल्ली में सीएए के ख़िलाफ़ शाहीन बाग़ में हो रहे प्रदर्शन के दौरान कपिल गुज्जर ने हवा में फायरिंग की थी. बुधवार को कपिल ग़ाज़ियाबाद में भाजपा में शामिल हुए थे. बाद में पार्टी ने उनकी सदस्यता निरस्त करते हुए कहा कि उसे कपिल के फायरिंग के मामले से जुड़े होने की जानकारी नहीं थी.
वीडियो: भारत सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध 11 दिसंबर 2019 से दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से शुरू हुआ था. इस क़ानून के पारित किए जाने और उसके विरोध के एक वर्ष पूरे होने पर आंदोलन की प्रासंगिकता और महत्व पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. अपूर्वानंद का नज़रिया.
वीडियो: बीते साल 15 दिसंबर को नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र-छात्राएं विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान हुई झड़प के बाद दिल्ली पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर लाठीचार्ज किया था, जिसमें क़रीब 100 लोग घायल हुए थे. वहीं, एक छात्र की एक आंख की रोशनी चली गई थी.
बीते साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया इस्लामिया परिसर में घुसकर लाठीचार्ज किया था, जिसमें क़रीब 100 लोग घायल हुए थे. वहीं, एक छात्र की एक आंख की रोशनी चली गई थी.
जामिया मिलिया इस्लामिया की ओर से 21 दिसंबर से ऑनलाइन परीक्षा शुरू की जा रही है. छात्र-छात्राओं से इसके लिए लैपटॉप या कंप्यूटर और अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने को कहा गया है. जम्मू कश्मीर में इंटरनेट स्पीड को लेकर उन्होंने चिंता ज़ाहिर की थी.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि कार्यक्रम की कड़ियों में जो विषयवस्तु दिखाई जा रही थी, वे अच्छे नहीं हैं, अपमानजनक हैं और सांप्रदायिक विचारों को प्रोत्साहित करते हैं. सुदर्शन टीवी के ‘बिंदास बोल’ कार्यक्रम के एपिसोड के ट्रेलर में हैशटैग यूपीएससी जिहाद लिखकर नौकरशाही में मुसलमानों की घुसपैठ के षड्यंत्र का खुलासा करने का दावा किया गया था.
बीते 15 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक सुदर्शन टीवी के ‘बिंदास बोल’ कार्यक्रम के एपिसोड का प्रसारण करने पर रोक लगा दी थी. इसके एक एपिसोड के ट्रेलर में हैशटैग यूपीएससी जिहाद लिखकर नौकरशाही में मुसलमानों की घुसपैठ के षड्यंत्र का बड़ा खुलासा करने का दावा किया गया था.
सुदर्शन टीवी के विवादित कार्यक्रम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में अदालत के मीडिया नियमन के प्रस्ताव पर केंद्र ने एक हलफनामे में कहा है कि अगर वे इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के लिए दिशानिर्देश देना ज़रूरी समझते हैं, तो समय की दरकार है कि ऐसा पहले डिजिटल मीडिया के लिए किया जाना चाहिए.
सुदर्शन न्यूज़ के एक कार्यक्रम के विवादित एपिसोड के प्रसारण की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का किसी पर रोक लगाना न्यूक्लियर मिसाइल की तरह है, लेकिन हमें आगे आना पड़ा क्योंकि किसी और द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि डिजिटल मीडिया के नियमन संबंध में फ़ैसला लिया जाना चाहिए, क्योंकि यह बहुत तेज़ी से लोगों के बीच पहुंचता है और वॉट्सएप, ट्विटर तथा फेसबुक जैसी ऐप के चलते किसी भी जानकारी के वायरल होने की संभावना रहती है.
सुदर्शन न्यूज़ के बिंदास बोल कार्यक्रम के 'नौकरशाही जिहाद' एपिसोड के प्रसारण को रोकते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश की शीर्ष अदालत होने के नाते यह कहने की इजाज़त नहीं दे सकते कि मुस्लिम सिविल सेवाओं में घुसपैठ कर रहे हैं. और यह नहीं कहा जा सकता कि पत्रकार को ऐसा करने की पूरी आज़ादी है.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने गुरुवार को सुदर्शन न्यूज़ के कार्यक्रम 'बिंदास बोल' के विवादित नौकरशाही जिहाद वाले एपिसोड के प्रसारण की अनुमति दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने इसके ख़िलाफ़ दायर हुई याचिका पर मंत्रालय से जवाब मांगा है.