‘कैलाश, हिमालय और तिब्बत… चीन की असुरी शक्ति से मुक्त हो’ के जाप से होगा भारत-चीन तनाव का हल: संघ

आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार का कहना है कि मंत्र जाप से न केवल चीन को नुकसान पहुंचेगा, बल्कि हमारी आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ेगी.

गिरफ्तारी की स्थिति में लोगों को उनके अधिकारों के बारे में बताएं सरकारें: दिल्ली उच्च न्यायालय

न्यायालय में दाखिल याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकारें नागरिकों के अधिकारों के संदर्भ में अनभिज्ञता का फायदा उठाकर अनुच्छेद 22 (2) का उल्लंघन कर रही हैं.

आरटीआई में ईवीएम गड़बड़ी का खुलासा: निर्दलीय प्रत्याशी का बटन दबाने पर जा रहा था भाजपा को वोट

महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा ज़िला परिषद के चुनाव में ईवीएम की इस गड़बड़ी को कलेक्टर ने एक आरटीआई के जवाब में स्वीकार किया है.

‘सांसदों की कम से कम 100 दिन की उपस्थिति अनिवार्य बनाने के लिए बने क़ानून’

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव और राज्यसभा सदस्य सीताराम येचुरी ने कहा कि ऐसा करने पर ही सरकार की जवाबदेही तय होगी.

कश्मीर में सेना के जवानों पर पुलिसकर्मियों से हाथापाई का आरोप, सात घायल

एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने सेना के जवानों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी मामले पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है.

क्या किसानों के नाम पर सरकार बीमा कंपनियों पर मेहरबान है?

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि फसल बीमा योजना के तहत प्राइवेट बीमा कंपनियों को भारी भरकम फंड देने के बाद भी, उनके खातों की ऑडिट जांच के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा गया है.

मलयाली लेखक को धमकी: 6 महीने में इस्लाम क़ुबूलो वरना सज़ा के लिए तैयार रहो

केरल साहित्य अकादमी अवार्ड से सम्मानित मलयाली लेखक केपी रमनउन्नी को मिली एक अनाम चिट्ठी में उनके लेखों से लोगों के आस्था के रास्ते से भटकने का आरोप लगाते हुए ऐसा न करने की चेतावनी दी गई है.

ब्लैक मनी लाकर 15 लाख देने का वादा करने वाली सरकार को नहीं पता कि विदेशों में कितना कालाधन जमा है

लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि विदेशों में जमा काला धन के बारे में कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है.

‘बोलियों को आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग बिल्कुल जायज़ है’

भोजपुरी और हिंदी के प्रमुख भाषा वैज्ञानिक एवं आलोचक डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह बता रहे हैं कि क्यों बोलियों को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए.

‘महागुन सोसाइटी विवाद में हम शामिल नहीं थे फिर भी हमारी दुकानें तोड़ दी गईं’

नोएडा के सेक्टर 78 में महागुन सोसाइटी के सामने बनीं दुकानें और झोपड़ियां तोड़ दी गईं, जिसके बाद प्रभावित लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.