वर्तमान सरकार गाय को लेकर आवश्यकता से ज़्यादा चिंतित होने का दिखावा कर रही है, लेकिन वहीं हर साल डायरिया-कुपोषण से मरने वाले लाखों बच्चों को लेकर सरकार आपराधिक रूप से निष्क्रिय है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने वकीलों के समूह की याचिका ख़ारिज करते हुए उस पर 2 लाख 75 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया.
पहले भी सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्या की जाती थी. इनकी हत्या में सत्ताधारी सांसद और पुलिस अधिकारी भी शामिल होते थे. लेकिन पहले यह सब चुपचाप होता था. अब नया राजनीतिक माहौल ऐसा है कि अपराधी अपनी मंशाएं खुलेआम ज़ाहिर कर सकते हैं.
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में पिछले साल संघर्ष और हिंसा के चलते तकरीबन साढ़े चार लाख लोग विस्थापित हुए हैं.
प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के हलफ़नामे का अवलोकन करेगी.
मानहानि के एक अन्य मामले में सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के लिए ‘क्रूक’ यानी ‘धूर्त’ शब्द का इस्तेमाल किया था.
साइबर विशेषज्ञ के अनुसार, देश के अधिकांश एटीएम अभी विंडो आॅपरेटिंग सिस्टम पर चल रहे हैं जिसे हैक करना आसान होता है.
आंकड़े मोदी सरकार की नाकामी बयान कर रहे हैं. जनता के पास ‘विकास पुरुष’ के प्रति आस्था के अलावा और कुछ नहीं है.
'संकट मोचन संगीत समारोह और गंगा में एकरूपता है. जैसे गंगा सभी के लिए हैं, वैसे ही संकट मोचन का मंच भी सभी के लिए है.'
दलित उत्पीड़न के ख़िलाफ़ रविवार को भीम सेना ने राजधानी दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया, जिसमें हज़ारों की संख्या में लोग शामिल हुए.
यह नया जीव सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में ही मिलता है. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर इस बैक्टीरिया को सोलीबैकिलस कलामी नाम दिया गया है.
उत्तराखंड के देहरादून में एक सैन्य अधिकारी पर तीन कुत्तों को जान से मारने और दो अन्य को गंभीर रूप से घायल करने का आरोप है
आईआईएमसी के महानिदेशक केजी सुरेश ने परिसर में यज्ञ कराने और विवादित आईजी एसआरपी कल्लूरी को आमंत्रित करने का किया बचाव.
विधानसभा चुनावों में विभाजनकारी और भावनात्मक मुद्दों पर भाजपा को मिल रही जीत ने सरकार में यह भाव भरने का काम किया है कि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भी सब बढ़िया है.
दिल्ली की आधिकारिक भाषा अंग्रेज़ी, हिंदी, पंजाबी और उर्दू हैं पर दिल्ली के कई उच्च शिक्षण संस्थानों के पाठ्यक्रम सिर्फ अंग्रेज़ी में हैं और इम्तिहान भी अंग्रेज़ी में ही देना होता है. दिल्ली विश्वविद्यालय और आंबेडकर विश्वविद्यालय के विद्यार्थी बता रहे हैं कि उन्हें अंग्रेज़ी में हो रही इस पढ़ाई से किस तरह की मुश्किलें आ रही हैं.