रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स की ओर से जारी विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 180 देशों में 142वें स्थान पर है. रिपोर्ट में देश में कम होती प्रेस की आज़ादी के लिए भाजपा समर्थकों को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा गया है कि पार्टी समर्थकों ने पत्रकारों को डराने-धमकाने का माहौल बनाया है. साथ ही पत्रकारों की ख़बरों को 'राष्ट्र विरोधी' क़रार दिया है.
महाराष्ट्र देश में कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित राज्य है. यहां पूरे देश के लगभग 40 फ़ीसदी मामले हैं और ज़रूरत के अनुरूप केंद्र सरकार राज्य को रेमडेसिविर आवंटित नहीं कर रही थी, जिसकी सूचना हाईकोर्ट को दिए जाने के बाद अदालत ने जवाब मांगा है.
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद दिल्ली सरकार ने 26 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा की है. इसके बाद से दिल्ली से पिछले साल की तरह प्रवासी मज़दूर दोबारा अपने घरों को लौटने लगे हैं.
मुंबई में कोरोना के लगभग 87,000 सक्रिय मामले हैं जिनमें से 90 फीसदी से अधिक मामले गगनचुंबी इमारतों में हैं जबकि 10 फीसदी झुग्गी-झोपड़ियों से हैं. शहर में कोरोना की पहली लहर में झुग्गी-झोपड़ी सर्वाधिक प्रभावित रहे थे.
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और आप सरकार को निर्देश दिया कि वे हलफ़नामा देकर बताएं कि कोविड-19 के मरीज़ों के लिए प्रत्येक अस्पताल में उपलब्ध बिस्तरों की संख्या कितनी है, कितने बेडों के साथ वेंटिलेटर एवं ऑक्सीजन की सुविधा है और कितने में ऐसी सुविधा नहीं है. साथ ही केंद्र से कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति की कमी के पहलू पर ग़ौर किया जाए.
कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को पांच बड़े शहरों इलाहाबाद, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और गोरखपुर में 26 अप्रैल तक एक हफ़्ते के लिए लॉकडाउन लागू करने का निर्देश दिया था.
भारत में कोरोना वायरस के मामलों में तेज़ वृद्धि के मद्देनज़र ब्रिटेन ने भी भारत को उन देशों की ‘लाल सूची’ में डाल दिया, जिसके तहत ब्रिटिश और आइरिश नागरिकों के अलावा वहां आने वाले अन्य लोगों पर पाबंदी लगा दी गई है. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी भारत की अपनी प्रस्तावित यात्रा रद्द कर दी है. हांगकांग, पाकिस्तान और न्यूज़ीलैंड भी भारत यात्रा पर प्रतिबंध लगा चुके हैं.
किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि कोरोना वायरस पर सरकार का पाखंड उजागर हो गया है. मंत्री और नेता चुनावी रैलियां कर रहे हैं. उन्हें दूसरों पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी किसान विरोध स्थलों पर टीकाकरण शिविर लगाए जा रहे हैं. ऑक्सीमीटर और एंबुलेंस की व्यवस्था की जा रही है, स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार किया जा रहा है.
केंद्र ने राज्यों, निजी अस्पतालों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सीधे टीका निर्माताओं से खुराक खरीदने की अनुमति भी दी है. सरकार ने कहा कि टीका उत्पादकों को राज्य सरकारों को और खुले बाज़ार में उपलब्ध होने वाली 50 प्रतिशत आपूर्ति की कीमत एक मई, 2021 से पहले घोषित करनी होगी.
भारत द्वारा बड़े पैमाने पर कोरोना की वैक्सीन दूसरे देशों को भेजने के बाद संक्रमण की दूसरी लहर से ठीक पहले देश में ही टीकों की कमी देखी जाने लगी और विदेशी टीकों को अनुमति मिली. जानकारों के अनुसार, भारत के निर्यातक से आयातक की भूमिका में आने का असर दुनिया के कुछ अन्य देशों पर भी होगा.
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कथित जमाखोरी को लेकर मुंबई पुलिस द्वारा एक फार्मा कंपनी के शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ पर भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस आदि ने आपत्ति जताई थी. इसे लेकर शिवसेना के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं. बीते दिनों गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल भी इन इंजेक्शनों को मुफ़्त बांटने को लेकर विवादों के केंद्र में आ गए थे.
इलाहबाद हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार को प्रदेश के सर्वाधिक प्रभावित पांच शहरों- इलाहाबाद, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और गोरखपुर में 26 अप्रैल, 2021 तक के लिए लॉकडाउन लगाने का निर्देश दिया था. सरकार ने ऐसा करने से इनकार करते हुए कहा है कि इस बारे में सख़्त कदम उठाए जा रहे हैं.
देश में कोरोना वायरस के कुल मामले 19 दिसंबर 2020 को एक करोड़ के पार पहुंच गए थे. इसके 107 दिन बाद यानी पांच अप्रैल को मामले सवा करोड़ से अधिक हो गए, लेकिन संक्रमण के मामले डेढ़ करोड़ से अधिक होने में महज 15 दिन का वक़्त लगा. देश में मरने वालों की कुल संख्या 178,769 हो चुकी है. विश्व में संक्रमण के कुल मामले 14.14 करोड़ से ज़्यादा है और 30.20 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष हाजी अनवर अहमद अंसारी ने कहा कि जब पार्टी के पदाधिकारियों की ही कोई नहीं सुन रहा है, तब आम जनता का क्या हाल होगा? इसके अलावा बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में कथित तौर पर आईसीयू बेड न मिलने से एक व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है.
गुजरात के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने कहा कि गुजरात में कोरोना वायरस के रोज़ाना 9,000 से ज़्यादा मामले सामने आ रहे हैं. समय-समय पर नई सुविधाएं और बिस्तर बढ़ा रहे हैं, लेकिन ये मांग की तुलना में कम पड़ रहे हैं.