वैशाखनंदन शब्द की उत्पति पर दर्जनों पोस्ट लिखकर ‘गधा विमर्श’ का ऐसा माहौल बना दिया गया है गोया जो वैशाखनंदन न समझ पाए वो भी उन्हीं के उत्तराधिकारी हैं.
‘जुमला जयंती पर आनंदित, पुलकित, रोमांचित वैशाखनंदन’ वाक्य में व्यंग्य अवश्य है, घृणा कतई नहीं.
मृणाल पांडे में बाकी जो भी दुर्गुण हों, वे असभ्य और अशालीन होने के लिए नहीं जानी जातीं. वे किसी रूप में वामपंथी भी नहीं हैं. उन पर बीजेपी विरोधी होने का भी वैसा इल्ज़ाम नहीं रहा है, जैसा दूसरों पर है.
प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, ‘प्रभावित लोगों को न्याय दिलाने के लिए नए सिरे से आंदोलन शुरू करने के बारे में विचार करूंगी.’
जिस नर्मदा पर बने बांध का प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया, उसी नदी में अपने पुनर्वास को लेकर मध्य प्रदेश के सैकड़ों लोग जल सत्याग्रह कर रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक बांध परियोजना से विस्थापित होने वाले हज़ारों लोग इस नदी के किनारों की अपनी मूल बसाहटों में अब भी डटे हैं.
भाजपा गुजरात में जातिगत समीकरण साधने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग और ओबीसी पर ध्यान केंद्रित करेगी.
आज-कल भारत में बेवकूफ़ी का घुटनों-घुटनों कीचड़ है. किसी भी आज़ाद ख़्याल का यहां चलना मुश्किल हो गया है.
जन गण मन की बात की 119वीं कड़ी में विनोद दुआ जापान के साथ हुए बुलेट ट्रेन के क़रार और भारतीय अर्थव्यवस्था पर चर्चा कर रहे हैं.
वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार लिखते हैं,‘ये इवेंट सरकार है. आपको इवेंट चाहिए इवेंट मिलेगा. किसी भी चीज़ को मेक इन इंडिया से जोड़ देने का फन सबमें आ गया जबकि मेक इन इंडिया के बाद भी मैन्यूफैक्चरिंग का अब तक का सबसे ख़राब रिकॉर्ड है.’
जन गण मन की बात की 118वीं कड़ी में विनोद दुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से युवाओं का मोहभंग होने पर चर्चा कर रहे हैं.
बुलेट ट्रेन को कांग्रेस ने बताया चुनावी परियोजना, कहा- यूपीए की परियोजना को तीन साल बाद गुजरात चुनाव से पहले लाई है मोदी सरकार.
प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा, पालघर में छोटे किसान हैं. अगर परियोजना के लिए उनकी ज़मीन का अधिग्रहण हुआ तो वे बर्बाद हो जाएंगे.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कोई भी देश आधे-अधूरे संकल्पों के साथ कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता.
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि तेल कंपनियां पेट्रोल-डीज़ल के दाम तय करने के लिए आज़ाद हैं.