दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाकों में हुए दंगों के बाद कई परिवारों के सदस्य गुमशुदा हैं. परिजनों का आरोप है कि पुलिस इसे लेकर एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है और सरकार से भी उन्हें ज़रूरी मदद नहीं मिल रही है.
बीते 28 फरवरी को महाराष्ट्र के परभनी जिले में भाजपा शासित सेलू नगर परिषद ने संशोधित नागरिकता कानून के क्रियान्वयन और राष्ट्रीय नागरिक पंजी के खिलाफ सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय द्वारा संशोधित नागरिकता कानून पर सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर करने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीएए भारत का आंतरिक मामला है और यह कानून बनाने वाली भारतीय संसद के संप्रभुता के अधिकार से संबंधित है.
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान मुस्तफ़ाबाद इलाके में पीड़ितों की मदद के लिए पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता भी डर से अछूते नहीं थे. एक ऐसे ही कार्यकर्ता की आपबीती.
वीडियो: 23 फरवरी से दिल्ली में भड़की सांप्रदायिक हिंसा की आग में अब तक 48 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 300 से अधिक लोग घायल हैं. मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश इस बारे में द वायर के डिप्टी एडिटर अजय आशीर्वाद, सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी और जनचौक वेबसाइट के संवाददाता सुशील मानव से चर्चा कर रहे हैं.
दिल्ली की हिंसा का कोई ‘हिंदू’ या ‘मुस्लिम’ पक्ष नहीं है, बल्कि यह लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की एक घृणित सियासी चाल है. 2002 के दंगों ने भाजपा को गुजरात में अजेय बना दिया. गुजरात मॉडल के इस बेहद अहम पहलू को अब दिल्ली में उतारने की कोशिश ज़ोर-शोर से शुरू हो गई है.
ग़ैर-भाजपा शासित प्रदेश सरकारों को नागरिकता संशोधन कानून का बहिष्कार करते हुए इसे निरस्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रास्ता अख़्तियार करना चाहिए. साथ ही इस समस्या की जड़ 2003 वाले नागरिकता संशोधन को भी निरस्त करने की मांग करनी चाहिए.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सिफारिशों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये आदेश दिया. पिछले महीने हाईकोर्ट ने पुलिस हिंसा के आरोपों की जांच के लिए एनएचआरसी को निर्देश दिया था और कहा था कि पांच हफ्ते में वे जांच पूरी करें.
वीडियो: दिसंबर 2019 के आखिरी दिनों में देशभर में नागरिकता विरोधी क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों की गूंज सुनाई दी. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों में भी ऐसे कई प्रदर्शन हुए, जिनमें स्थानीयों ने हिस्सा लिया. प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के बाद मेरठ और मुज़फ़्फ़रनगर में कई जगह पुलिस ने आम लोगों पर कई संगीन आरोप लगाए. इस घटना के करीब डेढ़ महीने बाद यहां के लोगों से इन प्रदर्शनों के बारे में जानने की कोशिश की, तब उनका दर्द
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारी सरकार को निशाना बनाने से पहले भाजपा को देखना चाहिए कि उनके शासित राज्यों में क्या हो रहा है. उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून विरोधी प्रदर्शनों के दौरान दंगे तक हो गए.
महाराष्ट्र के नागपुर में संघ मुख्यालय के निकट रेशीमबाग मैदान में भीम आर्मी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए आजाद ने 'मनुवाद' को खत्म करने के लिए संघ पर प्रतिबंध की मांग की.
नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ चल रहे आंदोलन के मद्देनज़र लिखी गईं कविताएं युवाओं के बीच कविता की लोकप्रियता के प्रति उम्मीद तो जगाती ही हैं, साथ ही इन्होंने युवाओं को सामाजिक-राजनीतिक सरोकारों के प्रति भी सचेत किया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आगामी दो दिवसीय भारत दौरे से पहले व्हाइट हाउस ने कहा है कि दुनिया अपनी लोकतांत्रिक परंपराओं, धार्मिक अल्पसंख्यकों का सम्मान बनाए रखने के लिए भारत की ओर देख रही है.
दिल्ली पुलिस ने बुधवार को जामिया के दस छात्रों को नोटिस देकर उनसे 15 दिसंबर को परिसर में हुई हिंसा के मामले में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के लिए उन छात्रों का बुलाया जा रहा है जो हिंसा के दौरान घायल हुए थे.
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर नज़र रखने वाली एजेंसी यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम ने नागरिकता क़ानून को लेकर जारी की गई एक रिपोर्ट में हिंदू राष्ट्र बनाने को लेकर भाजपा के कई नेताओं के बयानों को लेकर गंभीर चिंता जताई है.