दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया की पहली महिला कुलपति नजमा अख़्तर ने विवादित नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के मद्देनज़र कैंपस में घुसने को लेकर दिल्ली पुलिस की कड़ी आलोचना करते हुए उन पर सख़्त कार्रवाई की मांग की थी.
केंद्र ने अपने हलफ़नामे में दावा किया गया है कि नागरिकता संशोधन क़ानून किसी भारतीय से संबंधित नहीं है. केरल और राजस्थान की सरकारों ने इसकी संवैधानिकता को चुनौती देते हुए अनुच्छेद 131 के तहत याचिका दायर की है. इसके अलावा इसे लेकर अब तक 160 याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं.
असम में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार किए गए सामाजिक कार्यकर्ता अखिल गोगोई को तीन अन्य लंबित मामलों के कारण जेल से रिहा नहीं किया जाएगा.
वीडियो: दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के मद्देनज़र दिल्ली में 50 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा हो़ने पर पाबंदी लगा दी है. ऐसे में शाहीन बाग के लोग क्या अपना प्रदर्शन ख़त्म करेंगे या विरोध दर्ज कराने का कोई अन्य रास्ता अपनाएंगे? शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.
राजस्थान सरकार की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया नागरिकता संशोधन कानून संविधान की मूल भावना के विपरीत है और ये मौलिक अधिकारों का हनन करता है. इस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अब तक 160 से अधिक याचिकायें दायर की जा चुकी हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ पूरी दुनिया मिलकर लड़ रही है. समाज को भी सीएए का विरोध कर रहे लोगों को पहचानना होगा और इनकी वास्तविकता को सबके सामने रखना होगा.
पुलिस ने बताया कि लखनऊ के हजरतगंज इलाके में मुख्यमंत्री योगी और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ अशोभनीय पोस्टर लगाने के आरोप में तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. उनमें से सुधांशु बाजपेयी और अश्विनी कुमार को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने जुलूसों, विरोध प्रदर्शनों, बंद आदि के दौरान निजी तथा सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए शुक्रवार को उत्तर प्रदेश रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश-2020 प्रस्ताव को मंज़ूरी दी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को आदेश दिया था कि लखनऊ में एंटी-सीएए प्रदर्शनकारियों के नाम, फोटो और उनके पते के साथ लगाए गए सभी होर्डिंग्स तुरंत हटाए जाएं. सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक नहीं लगाया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को आदेश दिया कि लखनऊ में एंटी-सीएए प्रदर्शनकारियों के नाम, फोटो और उनके पते के साथ लगाए गए सभी होर्डिंग्स तुरंत हटाए जाएं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने न सिर्फ बोगस आधार पर नागरिकता संशोधन कानून से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने से मना किया बल्कि सूचना देने के लिए आरटीआई एक्ट, 2005 में तय की गई समयसीमा का भी उल्लंघन किया.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एंटी-सीएए प्रदर्शनकारियों के होर्डिंग्स हटाने का दिया आदेश, कहा- अत्यधिक अनुचित
हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को आदेश दिया कि आज दोपहर तीन बजे से पहले ये सारे होर्डिंग्स हटाए जाए और तीन बजे कोर्ट को इसकी जानकारी दी जाए.
पिछले साल 19 दिसंबर को सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा और पुलिस पर हमले के आरोप में मैंगलोर पुलिस ने 22 लोगों को आरोपी बनाया था. बीते 17 फरवरी को कर्नाटक हाईकोर्ट ने ठोस सबूत नहीं होने की बात कहते हुए सभी 22 लोगों को जमानत दे दी थी.
लखनऊ में कई स्थानों पर लगाए गए इन होर्डिंग्स में प्रदर्शनकारियों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में जुर्माना भरने को कहा गया है.
बीदर की ज़िला अदालत ने स्कूल प्रबंधन के पांच लोगों को अग्रिम ज़मानत देते हुए कहा कि यह स्कूली बच्चों द्वारा किया गया नाटक समाज में किसी भी तरह की हिंसा या असामंजस्य पैदा नहीं करता और प्रथमदृष्टया राजद्रोह का मामला नहीं बनता.