‘पीपली लाइव’ किसान और मीडिया के चित्रण के जरिये भूमंडलीकरण की प्रक्रिया और उसके दुष्परिणामों की गहरी पड़ताल करता है. सिनेमा का व्यंग्यात्मक रुख राज्य और समाज के रवैये की भी पोल खोलता है.
क्या न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने वाली प्रक्रिया में बदलाव की ज़रूरत है?
सुप्रीम कोर्ट ने वैध कारणों के चलते अमान्य नोटों को जमा नहीं करा सके लोगों को मौका उपलब्ध कराने पर विचार के लिये केंद्र को दो सप्ताह का समय दिया.
छह जुलाई को मध्य प्रदेश के मंदसौर से किसान मुक्ति यात्रा की शुरुआत होगी जो कई राज्यों से होते हुए 18 जुलाई को दिल्ली पहुंचेगी.
सरकार को इसपर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि अगर हम अपना कृषि क्षेत्र नहीं बचा पाए तो अर्थव्यवस्था भी नहीं बचा पाएंगे.
देश में चल रहे किसान आंदोलन और कृषि की स्थिति पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु और कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा की बातचीत.
सरकार ने जीएसटी लागू करने की तैयारियां समय पर पूरी नहीं की हैं जिसके कारण एक बार फिर नोटबंदी जैसी अफ़रातफ़री मचने की आशंका पैदा हो गई है.
देश के कई हिस्सों में सरकार द्वारा किसानों की समस्या पर ध्यान न देने के विरोध में अनोखा प्रदर्शन. किसानों ने कहा- हम योग के विरोध में नहीं, सरकार के विरोध में हैं.
मोदी सरकार भले ही नोटबंदी की सफलता का डंका पीट रही है लेकिन मध्य प्रदेश में किसानों का कहना है कि नोटबंदी ने उन्हें तबाह कर दिया है.
जन गण मन की बात की 68वीं कड़ी में विनोद दुआ किसानों पर नोटबंदी के असर और आधार व पैन कार्ड से जुड़े अदालत के फैसले पर चर्चा कर रहे हैं.
काले धन पर कर और जुर्माना देकर वैध बनाने के लिए लाई गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को अब सरकार ने भी असफल माना है.
वित्तमंत्री अरुण जेटली बोले, विकास की रफ्तार में आई गिरावट के लिए नोटबंदी नहीं, पूरे विश्व में जारी आर्थिक मंदी और यूपीए सरकार ज़िम्मेदार है.
जन गण मन की बात की 49वीं कड़ी में विनोद दुआ नोटबंदी और सन् 1857 के विद्रोह पर चर्चा कर रहे हैं.
एक अध्ययन के मुताबिक भारत में अक्टूबर 2016 से लेकर जनवरी 2017 के बीच कुल 1.52 लाख अस्थायी नौकरियां और 46,000 पार्ट टाइम नौकरियां ख़त्म हो गईं.
जन गण मन की बात की 43वीं कड़ी में विनोद दुआ बेरोज़गारी और नोटबंदी के असर पर चर्चा कर रहे हैं.