दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व भाजपा नेता और उन्नाव से विधायक कुलदीप सेंगर द्वारा साल 2017 में उन्नाव में एक नाबालिग लड़की का अपहरण और बलात्कार करने के मामले में सह आरोपी शशि सिंह को बरी कर दिया. इस मामले में सजा का ऐलान 18 दिसंबर को होगा.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के 2017 के आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में बलात्कार के मामलों की कुल संख्या 1,46,201 थी, लेकिन उनमें से केवल 5,822 लोगों को ही दोषी ठहराया जा सका.
आंध्र प्रदेश दिशा अधिनियम आपराधिक क़ानून (आंध्र प्रदेश संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत यौन अपराध के मामलों की जांच उनके दर्ज होने के सात कामकाजी दिन और मुक़दमे की सुनवाई आरोपपत्र दाखिल होने के 14 कामकाजी दिन के भीतर पूरी करनी होगी.
तीन न्यायाधीशों की पीठ दोषी अक्षय कुमार सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगी. सिंह के वकील ने पुनर्विचार याचिका में कहा है कि उन्हें ऐसे वक्त में मौत की सजा दी जा रही है, जब बढ़ते प्रदूषण के चलते जीवनकाल छोटा हो रहा है.
न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस वीएस सिरपुरकर की अगुवाई में जांच समिति गठित की. कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस मामले में कोई अन्य न्यायालय या कोई अन्य विभाग तब तक जांच नहीं करेंगे.
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि न्यायालय ने इस मामले की जांच के लिए जस्टिस पीवी रेड्डी का विचार किया था लेकिन वे उपलब्ध नहीं हैं. पीठ ने पक्षकारों से कहा कि वे इस संबंध में नाम सुझाएं.
एक अन्य घटना में बिहार के कैमूर जिले में एक विवाहिता के घर में घुसकर उसके मुंह पर रविवार की शाम तेजाब फेंक दिया गया, जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हो गई.
हैदराबाद की डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के चारों आरोपियों के मुठभेड़ में मारे जाने को 'फर्जी' बताते हुए जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि ये जांच सीबीआई, एसआईटी, सीआईडी या किसी अन्य निष्पक्ष जांच एजेंसी से कराई जाए जो तेलंगाना राज्य के अंतर्गत ना हो.
दिल्ली हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस आरएस सोढी ने कहा कि हैदराबाद में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के आरोपियों के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने की घटना जंचती नहीं. यह हिरासत में की गई हत्या है. कानून कहता है कि इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक विनय शर्मा ने शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से दया याचिका वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि बिना उसकी सहमति के दया याचिका भेजी गई थी.
याचिकाओं में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के चारों आरोपियों के एनकाउंटर में मारे जाने का ग़ैर-न्यायिक हत्या क़रार दिया गया है. साथ ही पुलिस को उकसाने के लिए सपा सांसद जया बच्चन तथा दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग गई है.
तेलंगाना में महिला डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या के आरोपियों के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के एक दिन बाद सीजेआई शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि मैं यह नहीं मानता हूं कि न्याय कभी भी तुरंत हो सकता है और तुरंत होना चाहिए. मेरा मानना है कि बदले का स्थान लेने पर न्याय अपना मूल स्वरूप खो देगा.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एक बलात्कार पीड़िता को गुरुवार तड़के बलात्कार के आरोपियों सहित पांच लोगों ने आग के हवाले कर दिया था. करीब 90 प्रतिशत तक झुलस चुकी युवती को एयर एम्बुलेंस के जरिए दिल्ली लाया गया था. पीड़िता ने शुक्रवार देर रात दम तोड़ दिया.
वीडियो: हैदराबाद में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के सभी चारों आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मौत के बाद लोग पुलिस के समर्थन में सामने आए हैं, वहीं इस एनकाउंटर की जांच की मांग भी उठ रही है. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
तेलंगाना हाईकोर्ट ने यह आदेश मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय को मिले एक प्रतिवेदन पर दिया, जिसमें महिला पशु चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या के आरोपियों के कथित पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के मामले पर न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की गई थी.