रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि उर्जित पटेल द्वारा इस्तीफा एक गंभीर चिंता का विषय है. पूरे देश को इसे लेकर चिंतित होना चाहिए.
पिछले कुछ समय से केंद्र की मोदी सरकार और रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल के बीच गतिरोध जारी था. उर्जित पटेल ने इस्तीफे का कारण निजी बताया है.
मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में उर्जित पटेल ने सरकार द्वारा रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा-7 का पहली बार इस्तेमाल करना और रिज़र्व बैंक की कमाई में सरकार के हिस्से को लेकर नियम बनाने जैसे मुद्दों पर कोई जवाब नहीं दिया.
अगर कुल संभावित एनपीए का क़रीब 40 प्रतिशत 10 के करीब बड़े कारोबारी समूहों में फंसा हुआ है, तो बैंक इसका समाधान किए बगैर क़र्ज़ देना शुरू नहीं कर सकते हैं. यह बात स्पष्ट है लेकिन सरकार बड़े बकाये वाले बड़े कारोबारी समूहों के लिए अलग नियम चाहती है, जो उनके हितों का ख्याल रखते हों.
जुलाई-सितंबर तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल घाटा पिछले साल तुलना में करीब साढ़े तीन गुना बढ़कर 14,716.20 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. घोटाले की मार झेल रहे पंजाब नेशनल बैंक को इस तिमाही में सबसे ज़्यादा घाटा हुआ है.
भारतीय रिज़र्व बैंक की निधियां राष्ट्र की सामाजिक संपत्ति हैं और जनहित का हवाला देकर मनमाने ढंग से उनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
बेस्ट ऑफ 2018: आरबीआई अधिनियम की धारा 7 का इस्तेमाल जनहित में नहीं है- यह मौके की फ़िराक़ में बैठे कॉरपोरेट्स को आरबीआई द्वारा पैसा देने के लिए मजबूर करने के इरादे से उठाया गया एक बेशर्मी भरा कदम है.
मोदी सरकार के चार सालों में 21 सरकारी बैंको ने 3 लाख 16 हज़ार करोड़ के लोन माफ़ किए हैं. यह भारत के स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के कुल बजट का दोगुना है. सख़्त और ईमानदार होने का दावा करने वाली मोदी सरकार में तो लोन वसूली ज़्यादा होनी चाहिए थी, मगर हुआ उल्टा. एक तरफ एनपीए बढ़ता गया और दूसरी तरफ लोन वसूली घटती गई.
जन गण मन की बात की 305वीं कड़ी में विनोद दुआ संघ प्रमुख मोहन भागवत के हालिया भाषण, इसके राजनीतिक महत्व और देश की अर्थव्यवस्था पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 303वीं कड़ी में विनोद दुआ रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन द्वारा एनपीए को लेकर संसदीय समिति को लिखे पत्र और भारत नेपाल के संबंधों पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 302वीं कड़ी में विनोद दुआ बैंकों द्वारा सस्ती दरों और आसान नियमों पर बड़ी कंपनियों को 'कृषि' लोन देने और एससी/एसटी एक्ट में हुए संशोधन के खिलाफ हुए भारत बंद पर चर्चा कर रहे हैं.
सरकार का कहना था कि बंद किए गए नोटों में से लगभग 3 लाख करोड़ मूल्य के नोट बैंकों में वापस नहीं आएंगे और यह काले धन पर कड़ा प्रहार होगा, लेकिन रिज़र्व बैंक मुताबिक अब नोटबंदी के बाद जमा हुए नोटों का प्रतिशत 99 के पार पहुंच गया है. यानी या तो इन नोटों में कोई काला धन था ही नहीं या उसके होने के बावजूद सरकार उसे निकालने में विफल रही.
आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ व प्रबंध निदेशक और उनके परिवार के सदस्य वीडियोकॉन कर्ज़ मामले में हितों के टकराव के आरोपों का सामना कर रहे हैं. संदीप बख्शी बैंक सीओओ बनाए गए हैं.
ये वो लोग हैं जिन पर बैंक का 25 लाख रुपये या उससे अधिक का क़र्ज़ बकाया है और क्षमता होने के बावजूद उन्होंने इसे नहीं चुकाया है.
2017-18 में 21 में से 19 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को कुल 85,370 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ. सबसे ज़्यादा घाटा घोटाले की मार झेल रहे पंजाब नेशनल बैंक को करीब 12,283 करोड़ रुपये का हुआ.