पत्र में एसोसिएशन ने दावा किया है कि जस्टिस मोहिते डेरे का ट्रांसफर संदेहपूर्ण है क्योंकि वे इस मामले में सीबीआई के रवैये को लेकर लगातार जांच एजेंसी को फटकार चुकी हैं.
तीन हफ़्तों से मामले की सुनवाई कर रहीं जज रेवती मोहिते डेरे ने सीबीआई के कामकाज पर भी नाराज़गी व्यक्त की थी. अब मामले की सुनवाई बॉम्बे हाईकोर्ट की एकल पीठ करेगी.
एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भूषण ने दावा किया कि जज लोया की मौत दिल का दौरा पड़ने से नहीं हुई है जैसा कि सरकारी अधिकारी दावा कर रहे हैं.
हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि नगर निगम और पुलिस नियमों का उल्लंघन करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरू करने से डर क्यों रही है? आपको निर्भीक होना चाहिए और किसी से नहीं डरना चाहिए.
अदालत ने कहा कि अभियोजन का केस क्या है, यही अब तक स्पष्ट नहीं है. साथ ही सीबीआई बरी किए गए लोगों के ख़िलाफ़ साक्ष्य पेश करने में भी विफल रही है.
अदालत ने जांच एजेंसियों से कहा कि उन्हें धन के अभाव के चलते पानसरे हत्याकांड में अपनी जांच में विशेषज्ञों की सहायता लेने और नवीन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने से नहीं बचना चाहिए.
मोहसिन के कथित रूप से दाढ़ी रखने और हरे रंग की शर्ट पहनने पर साल 2014 में उसकी हत्या कर दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपियों को फिर से हिरासत में लेने का निर्देश दिया.
सोहराबुद्दीन शेख़ एनकाउंटर मामले में सीबीआई अब तक 15 लोगों को आरोप मुक्त कर चुकी हैं जिसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और गुजरात एटीएस के पूर्व अधिकारी डीजी वंज़ारा भी शामिल हैं.
हाई-प्रोफाइल आरोपियों की रिहाई, ज़मानत और गवाहों पर दबाव होने जैसे कई सवाल उठाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अभय एम थिप्से ने इस मामले को न्यायतंत्र की असफलता कहा है.
मामले में अब तक 30 गवाह बयान से मुकरे. नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कोर्ट ने कहा कि गवाहों को सुरक्षा देना सीबीआई का दायित्व. मूक दर्शक नहीं बनी रह सकती.
जीएसटी जैसे कर को लोकप्रिय बताया गया, लेकिन इसका करदाताओं के लिए तब तक कोई मतलब नहीं है जब तक वेबसाइट व पोर्टल तक आसानी से उनकी पहुंच सुनिश्चित नहीं होती.
नवंबर से शुरू हुई सुनवाई में अब तक अभियोजन के 40 गवाहों में से 27 गवाह बयान से मुकर चुके हैं.
आईपीएल की नीलामी में खिलाड़ियों के करोड़ों रुपये में बिकने की सुर्ख़ियों के बीच बॉम्बे उच्च न्यायालय ने आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस टूर्नामेंट के अस्तित्व पर ही सवाल उठाया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआई से यह भी पूछा कि वह क्यों नहीं चाहती कि मामले की सुनवाई जल्द हो.
कई पुलिसकर्मियों ने अपने उन पुराने सहकर्मी, जो इस मामले में आरोपी हैं, को पहचानने से इनकार कर दिया है.