प्रोपेगैंडा तय करता है कि ख़ून का दाग़ भीड़ पर लगे और नेता निर्दोष नज़र आएं

भारत में सब हत्या करने वाली भीड़ को ही दोष दे रहे हैं. कोई नहीं जांच करता कि बिना आदेश के जो भीड़ बन जाती है उसमें शामिल लोगों का दिमाग़ किस ज़हर से भरा हुआ है.

जन गण मन की बात, एपिसोड 75: गोरक्षा पर प्रधानमंत्री का बयान और दिल्ली गोल्फ क्लब में नस्लीय भेदभाव

जन गण मन की बात की 75वीं कड़ी में विनोद दुआ कथित गोरक्षकों की गुंडागर्दी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान और दिल्ली गोल्फ क्ल​ब में पूर्वोत्तर की महिला के साथ हुए नस्लीय भेदभाव पर चर्चा कर रहे हैं.

जन गण मन की बात, एपिसोड 74: भीड़ द्वारा पीट​​​​-पीटकर नागरिकों की हो रही हत्याएं और जीएसटी

जन गण मन की बात की 74वीं कड़ी में विनोद दुआ भीड़ द्वारा पीट​​​​-पीटकर नागरिकों की हो रही हत्याओं और जीएसटी पर चर्चा कर रहे हैं.

हमारे समाज को आजकल इतना गुस्सा क्यों आ रहा है?

तकनीक के अधकचरे इस्तेमाल ने दरअसल एक अधकचरी पढ़ी-लिखी हिंसा को भी जन्म दिया है. इस हिंसा का शिकार हर वैसा वर्ग और व्यक्ति हो रहा है, जो एक मदमाती सत्ता से सवाल पूछता है.

जन गण मन की बात, एपिसोड 72: राजस्थान के ग़रीब और बेरोज़गारी

जन गण मन की बात की 72वीं कड़ी में विनोद दुआ राजस्थान में ग़रीबों को चिह्नित करने के अभियान और देश में रोज़गार की कमी पर चर्चा कर रहे हैं.

जन गण मन की बात, एपिसोड 71: रामनाथ कोविंद और दार्जिलिंग में तनाव 

जन गण मन की बात की 71वीं कड़ी में विनोद दुआ राजग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और दार्जिलिंग में जारी तनाव पर पर चर्चा कर रहे हैं.

यह कहना कितना सही है कि क्रिकेट ने दूसरे खेलों का गला घोंटा है?

क्रिकेट में लाख अनियमितताओं के बावजूद खेल का स्तर बना रहा, जबकि अन्य खेल जो सरकार के अधीन रहे, वहां अनियमितताएं इस कदर हुईं कि खेल ही रसातल में चले गए.

क्यों वीरेंद्र सहवाग फूहड़ता के सुल्तान बनते जा रहे हैं?

वीरेंद्र सहवाग अभी चढ़ाई पर हैं क्योंकि उनकी फूहड़ता को ऑडियंस मिल रही है. उनको जितनी ऑडियंस मिलेगी वो और फूहड़ होते जाएंगे. आगे चल कर आपको बीवी-देवर वाले जोक्स भी देखने को मिल सकते हैं.

जन गण मन की बात, एपिसोड 70: न्यूनतम समर्थन मूल्य और प्रणब मुखर्जी

जन गण मन की बात की 70वीं कड़ी में विनोद दुआ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल की चर्चा कर रहे हैं.

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