असम की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार ने 29,701 शिक्षकों की भर्ती की है. राज्य के शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगले 10-15 दिनों में सरकार द्वारा 5,000 अन्य शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. असम में मार्च-अप्रैल तक विधानसभा चुनाव होने हैं.
विपक्ष ने मदरसों को बंद करने के असम सरकार के क़दम की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में यह ध्रुवीकरण का हथकंडा है जहां अगले साल मार्च-अप्रैल में चुनाव होने हैं. कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया है कि 97 मौजूदा सरकारी संस्कृत संस्थानों को अध्ययन केंद्र और अनुसंधान केंद्रों में परिवर्तित किया जाएगा.
बीते अक्टूबर महीने में असम के शिक्षा मंत्री ने कहा था कि राज्य में 610 सरकारी मदरसे हैं और सरकार इन संस्थानों पर प्रति वर्ष 260 करोड़ रुपये ख़र्च करती है. जबकि लगभग 1,000 मान्यता प्राप्त संस्कृत विद्यालय हैं और राज्य सरकार इन संस्कृत पाठशालाओं पर वार्षिक तौर पर लगभग एक करोड़ रुपये ख़र्च करती है.
असम के शिक्षा मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा का कहना है कि राज्य के मदरसा शिक्षा बोर्ड को भंग कर दिया जाएगा और सरकार द्वारा संचालित सभी मदरसों को उच्च विद्यालयों में तब्दील कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए नवंबर में अधिसूचना जारी की जाएगी.
मुल्क की सियासत अब ज़्यादा शिद्दत से पहचान की राजनीति के गिर्द नाच रही है. राम को इमाम-ए-हिंद कहने वाले इक़बाल की दुआ को मदरसे की दुआ कहकर सीमित किया जा रहा है, लेकिन देश के बच्चे शायद इक़बाल की दुआ के सबक़ के माने समझ रहे हैं.
विश्व हिंदू परिषद ने पीलीभीत के एक प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर पर राष्ट्रगान की जगह इक़बाल की प्रार्थना गवाने का आरोप लगाया. उनसे शिकायत नहीं पर जिलाधीश से है. उन्होंने जिस प्रार्थना के लिए हेडमास्टर को दंडित किया, क्या उसके बारे में उन्हें कुछ मालूम नहीं? क्या अब हम ऐसे प्रशासकों की मेहरबानी पर हैं जो विश्व हिंदू परिषद का हुक्म बजाने के अलावा अपने दिल और दिमाग का इस्तेमाल भूल चुके हैं?
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत ज़िले के एक प्राइमरी स्कूल का मामला. हेडमास्टर ने कुछ लोगों पर मामले को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाते हुए अपने निलंबन को अन्यायपूर्ण बताया है. उनके अनुसार, उन्होंने अल्लामा इकबाल की उस कविता का पाठ कराया है जो सरकारी स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल है.
पुलिस ने दो प्राथमिकी दर्ज की हैं, जिनमें से एक मुश्ताक नाम के व्यक्ति के खिलाफ है और दूसरी मदरसे में तोड़-फोड़ के लिए 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है.
दारुल उलूम के प्रभारी ने बताया, ‘दो साल पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर पुलिस ने मदरसे के छात्रों को हिरासत में लिया था और मीडिया ने उन्हें आतंकी बता दिया था. हालांकि अगले ही दिन उन्हें छोड़ दिया गया, लेकिन मीडिया ने नहीं बताया कि उसने ग़लत जानकारी चला दी थी. दारुल उलूम नहीं चाहता कि ऐसी कोई घटना दोबारा हो.’
उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में 15 अगस्त को बच्चों को राष्ट्रीय गान गाने से रोकने के मामले में गिरफ्तार तीन आरापियों के जमानत के लिए पैरवी करने वाले वकीलों के चैंबर मेें अधिवक्ताओं के एक समूह ने ही तोड़फोड़ की है.
लखनऊ में हुए एक कार्यक्रम में राम मंदिर पर सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि व्यक्ति को आशावादी बनना चाहिए. जो कार्य होना है वह होकर ही रहेगा उसे कोई टाल नहीं सकता है.
उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने मदरसों को ये आदेश दिया है. वहीं राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी का कहना है कि जो भारतवर्ष में पैदा हुआ है, उसे तो भारत माता की जय बोलनी ही है.
सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री मोहसिन रज़ा ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि मदरसों को अन्य शैक्षणिक संस्थानों की ही तरह देखा जाए. नया ड्रेस कोड छात्रों को अलग दिखाने की बजाय अन्य स्कूली छात्रों की तरह ही पेश करेगा.
प्रदेश के 560 शासकीय सहायता प्राप्त मदरसों को सर्वशिक्षा अभियान के तहत कक्षा एक से आठ तक की किताबें मुफ्त उपलब्ध कराई जाती हैं. अप्रैल में शिक्षण सत्र शुरू हो चुका है, पर अब तक किताबें नहीं मिली हैं.
ग्राउंड रिपोर्ट: झारखंड के 186 अराजकीय मदरसा शिक्षकों को दस महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. शिक्षकों का आरोप है कि मदरसों के सत्यापन के नाम पर वेतन रोका गया है.